MP के इस स्कूल में शिक्षकों की बीमारी का अजीब मामला, एक स्कूल के 10 टीचर्स को ब्रेन-ट्यूमर

मध्य प्रदेश के एक सरकारी स्कूल में 10 शिक्षकों को ब्रेन ट्यूमर और एक शिक्षक को किडनी की बीमारी से पीड़ित बताया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि शिक्षकों ने ट्रांसफर से बचने के लिए जानबूझकर गलत जानकारी पोर्टल पर डाली है।

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Pratibha ranaa
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MP के इस स्कूल में शिक्षकों की बीमारी का अजीब मामला
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मध्य प्रदेश के रीवा के शासकीय माध्यमिक स्कूल, बदराव में एक अजीब मामला सामने आया है। स्कूल के 34 शिक्षकों में से 10 को ब्रेन ट्यूमर ( Brain Tumor ) और एक को किडनी के मरीज के रूप में पोर्टल पर दर्शाया गया है। यह मामला तब सामने आया, जब सरकारी पोर्टल पर अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी की गई। ( MP Teacher Illness List )

अतिशेष शिक्षकों की बनाई जा रही ट्रांसफर योजना

मध्यप्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए अतिशेष शिक्षकों को ट्रांसफर करने की योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत, उन स्कूलों से टीचरों को ट्रांसफर किया जाएगा, जहां पर बच्चों के मुकाबले अधिक टीचर हैं। इन्हें उन स्कूलों में भेजा जाएगा जहां टीचरों की कमी है।

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एक- साथ 10 शिक्षक ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित?

बदराव के स्कूल के टीचरों की स्थिति ने अधिकारियों को चौंका दिया। पोर्टल पर 10 टीचरों को ब्रेन ट्यूमर और एक को किडनी का मरीज दर्शाया गया है, जबकि अधिकारियों का कहना है कि यह जानकारी गलत तरीके से पोर्टल पर डाली गई है। जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा गुप्ता ने कहा कि 2022 में लागू की गई ट्रांसफर नीति के अनुसार, गंभीर बीमारियों से जूझ रहे कर्मचारियों को ट्रांसफर से छूट दी गई है। कुछ शिक्षकों ने जानबूझकर पोर्टल पर गलत जानकारी फीड की है ताकि वे ट्रांसफर से बच सकें।

टीचरों ने दी ये सफाई

  • विनय कृष्ण तिवारी: 2018 से पदस्थ शिक्षक, जिन्हें ब्रेन ट्यूमर का मरीज बताया गया है, लेकिन वे छुट्टी पर हैं क्योंकि उनके पिता की तबीयत ठीक नहीं है।
  • भागवत प्रसाद पांडेय: 1987 से पदस्थ शिक्षक, जिन्हें ब्रेन ट्यूमर की सूची में शामिल किया गया है।
  • सुधाकर तिवारी: उन्हें ब्रेन ट्यूमर के साथ दिव्यांग भी दर्शाया गया है, जबकि वे न तो दिव्यांग हैं और न ही उन्हें ब्रेन ट्यूमर है।

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शिक्षकों की ट्रांसफर काउंसिलिंग शुरू

रीवा जिले के शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सहायक संचालक राजेश मिश्रा ने बताया कि जिले में 200 से अधिक शिक्षकों के नाम के आगे गंभीर बीमारियां दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा कि 28 अगस्त से अतिशेष शिक्षकों की काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है ताकि इस मुद्दे को हल किया जा सके।

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