Bhopal. एनसीटीई की गाइडलाइन की अनदेखी मध्यप्रदेश के 11 बीएड कॉलेजों को भारी पड़ी है। इन कॉलेजों की मान्यता चालू शैक्षणिक सत्र के लिए रद्द कर दी गई है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यानी एनसीटीई ने मध्यप्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के कुल 380 बीएड कॉलेजों की मान्यता को रद्द किया है। मध्यप्रदेश के जिन बीएड कॉलेजों को इस सत्र के लिए मान्यता से हाथ धोना पड़ा है उनमें भोपाल, ग्वालियर, रीवा, सतना और सागर के 11 बीएड कॉलेज मुख्य हैं। ये कॉलेज एनसीटीई की हिदायत के बावजूद गाइडलाइन का उल्लंघन करते आ रहे हैं।
देश भर में बीएड_डीएड जैसे शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद मान्यता जारी करती है। परिषद पाठ्यक्रमों की गुणवत्ता, कॉलेजों में उपलब्ध संसाधन, फैकल्टी जैसी व्यवस्थाओं की भी निगरानी करती है। इसके लिए कॉलेजों को परिषद के समक्ष परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट जमा कराने की बाध्यता है। मध्यप्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के बीएड कॉलेज बीते साल से ही एनसीटीई के निर्देश के बाद भी ये रिपोर्ट जमा नहीं करा रहे थे। इसके अलावा परिषद द्वारा फैकल्टी, पाठ्यक्रमों के संचालन में गुणवत्ता की कमी भी इन कॉलेजों में पाई गई थी।
एमपी के 11 बीएड कॉलेजों से छिनी मान्यता
एनसीटीई द्वारा मध्यप्रदेश सहित चार राज्यों के 380 बीएड कॉलेजों द्वारा निर्देशों के उल्लंघन की स्थिति को देखते हुए कड़ी चेतावनी भी दी थी। इसके बाद भी कॉलेज प्रबंधनों द्वारा अनदेखी की जा रही थी। इसी वजह से परिषद ने इन कॉलेजों के विरुद्ध सख्ती बरतते हुए मध्यप्रदेश के 11 सहित महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के 380 बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है। शैक्षणिक सत्र 2025_ 26 के लिए इन कॉलेजों में बीएड_डीएड पाठ्यक्रमों का संचालन नहीं किया जा सकेगा। मध्यप्रदेश में भोपाल के श्री साईनाथ कॉलेज, भोज विश्वविद्यालय (डिस्टेंस बीएड प्रोग्राम), ग्वालियर के ऋषिकुल ग्रुप ऑफ बीएड कॉलेज और फरीदा एजुकेशन सोसाइटी, रीवा के अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय और नीरांचलम कॉलेज, सतना के स्वामीनारायण दास बीएड कॉलेज और सागर के पंडित बीडी मेमोरियल बीएड कॉलेज, द्रोणाचार्य एकेडमी और पंडित मेमोरियल बीएड कॉलेज की मान्यता रद्द की गई है।
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भोज को भारी पड़ी एनसीटीई की अनदेखी
एनसीटीई की चेतावनी की अनदेखी करना भोज यूनिवर्सिटी को भी भारी पड़ा है। मान्यता रद्द होने की वजह से इस सत्र के लिए भोज विश्वविद्यालय को भी डिस्टेंस लर्निंग के तहत संचालित बीएड पाठ्यक्रम बंद करना होगा। भोज विश्वविद्यालय हर सत्र में इस पाठ्यक्रम में एक हजार से ज्यादा सीटों पर छात्रों को प्रवेश देता है। मान्यता रद्द होने के कारण ऐसे छात्रों को भी निराशा का सामाना करना पड़ा है। वहीं विश्वविद्यालय प्रबंधन इस कार्रवाई से राहत के लिए एनसीटीई के संपर्क में बना हुआ है।
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महाराष्ट्र के बीएड कॉलेजों को बड़ा झटका
बीएड पाठ्यक्रमों में गुणवत्ता और फैकल्टी जैसे संसाधनों की कमी का सबसे ज्यादा नुकसान महाराष्ट्र के बीएड कॉलेजों को उठाना पड़ा है। अकेले महाराष्ट्र के ही 295 बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द की गई है। वहीं छत्तीसगढ़ और राजस्थान के 74 कॉलेजों से बीएड पाठ्यक्रम के संचालन का अधिकार छिना है। बीएड पाठ्यक्रमों के संचालन के संबंध में आने वाली शिकायतों को देखते हुए एनसीटीई ने अपनी निगरानी कड़ी कर दी है। ऐसे में इस सत्र के लिए मान्यता गंवाने वाले कॉलेजों में यदि सुधार नहीं होते तो उनमें अध्ययनरत विद्यार्थियों को दूसरे कॉलेजों में प्रवेश लेना पड़ सकता है।