उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार जमीन घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है। 12 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। इन अधिकारियों में हरिद्वार के DM, SDM समेत 12 अफसर हैं। हरिद्वार जमीन घोटाले में कड़ी कार्रवाई करते हुए दो आईएएस और एक पीसीएस सहित सात और अधिकारियों को निलंबित कर दिया। अधिकारियों पर जमीन खरीद प्रक्रिया में लापरवाही और अनियमितता के आरोप हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जांच के बाद कार्रवाई का आदेश दिया। मामले की जांच एक वरिष्ठ अधिकारी को सौंपी गई थी। आरोपी अधिकारियों में जिलाधिकारी और नगर निगम के कर्मचारी शामिल हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन का भरोसा दिया है।
ये अधिकारी हुए सस्पेंड...
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हरिद्वार के जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह
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हरिद्वार नगर निगम के पूर्व नगर आयुक्त वरुण चौधरी
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PCS अधिकारी अजय वीर सिंह
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वरिष्ठ वित्त अधिकारी निकिता बिष्ट
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वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक विक्की
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तहसील के रजिस्ट्रार कानूनगो राजेश कुमार
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तहसील के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कमलदास
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इसके अलावा 3 अन्य अधिकारी पहले ही निलंबित थे
मुख्यमंत्री के निर्देश पर हुई कार्रवाई
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के लक्ष्य को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने साफ कहा है कि कर्तव्य और जवाबदेही से ऊपर कोई पद नहीं। सभी दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई तेजी से की गई।
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जमीन घोटाले की पूरी कहानी
हरिद्वार नगर निगम ने करीब 33-34 बीघा जमीन 53.70 करोड़ रुपये में खरीदी थी। जमीन की श्रेणी में बदलाव के कारण इसकी कीमत 13 करोड़ से बढ़कर 53 करोड़ हुई। भूमि की श्रेणी बदलने की प्रक्रिया मात्र 17 दिनों में पूरी कर ली गई। तत्कालीन एसडीएम ने राजस्व वादों की पंजिका में संशोधन कर नया मिश्लबंद बना दिया। इस दौरान नियमों की अनदेखी हुई।
कूड़े के पास खरीदी गई अनुपयुक्त जमीन
नगर निगम ने सराय गांव में कृषि योग्य जमीन का भू उपयोग बदलकर उसे तीन गुना अधिक कीमत में खरीदा। जमीन की वास्तविक आवश्यकता नहीं थी और बोली प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी।
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जांच रिपोर्ट की मुख्य बातें...
शहरी विकास विभाग ने आईएएस रणवीर सिंह चौहान को जांच अधिकारी नियुक्त किया। उनकी जांच रिपोर्ट में जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह समेत कई अधिकारियों की जिम्मेदारी पाई गई।
- अधिकारियों ने निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया
- प्रशासनिक अनदेखी और नियमों का उल्लंघन हुआ
- नगर निगम के हितों की अनदेखी की गई
मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट मिलने के बाद तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए।
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जांच में मिली ये अनियमितताएं...
- भूमि श्रेणी बदलने की तेज और संदिग्ध प्रक्रिया
- पारदर्शी बोली प्रक्रिया का अभाव
- वास्तविक जरूरत के बिना जमीन खरीद
- राजस्व पंजिका में संशोधन बिना उचित जांच
- अधिकारियों की जवाबदेही में कमी
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नियम उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्रवाई: सीएम पुष्कर सिंह धामी
धामी ने कहा कि उत्तराखंड में भ्रष्टाचार मुक्त कार्य संस्कृति विकसित की जाएगी। सभी अधिकारियों को अपने कर्तव्य का पालन करना होगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
जमीन घोटाला उत्तराखंड | 12 अधिकारी निलंबित | हरिद्वार जमीन खरीद
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