जीएसटी पर छत्तीसगढ़ में व्यापारी-अधिकारी भिड़ंत

छत्तीसगढ़ में जीएसटी वसूली को लेकर व्यापारियों और जीएसटी अधिकारियों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। हाल के दिनों में, खासकर अंबिकापुर जैसे शहरों में, जीएसटी विभाग की छापेमारी और कथित कठोर कार्रवाइयों ने व्यापारी समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है।

author-image
Krishna Kumar Sikander
New Update
Trader-official clash in Chhattisgarh over GST the sootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

छत्तीसगढ़ में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) वसूली को लेकर व्यापारियों और जीएसटी अधिकारियों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। हाल के दिनों में, खासकर अंबिकापुर जैसे शहरों में, जीएसटी विभाग की छापेमारी और कथित कठोर कार्रवाइयों ने व्यापारी समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है। व्यापारी इन कार्रवाइयों को उत्पीड़न और अवैध वसूली का हिस्सा बता रहे हैं, जबकि जीएसटी अधिकारी अपनी कार्रवाई को नियमों के अनुरूप और कर चोरी रोकने के लिए आवश्यक बता रहे हैं।

इस विवाद ने न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है, बल्कि इसका राजनीतिक आयाम भी उभर कर सामने आया है, जहां विपक्षी दल कांग्रेस इसे सरकार के खिलाफ एक अवसर के रूप में देख रही है। इस स्थिति का असर राज्य के वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी की छवि पर भी पड़ सकता है।

ये खबर भी पढ़ें... कल लग सकती है नए मुख्य सूचना आयुक्त के नाम पर मुहर, कुर्सी पर बैठेंगे जैन या जुनेजा !

ऐसे शुरू हुआ विवाद

हाल ही में अंबिकापुर में जीएसटी विभाग ने कई व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की, जिनमें लक्ष्मी ट्रेडर्स, विवेक ट्रेडर्स, अशोक अग्रवाल और मुकेश अग्रवाल जैसे नाम शामिल हैं। कुछ मामलों में, जैसे लक्ष्मी ट्रेडर्स पर, छह महीने के भीतर तीसरी बार छापा मारा गया, जिससे व्यापारियों में गुस्सा और असंतोष बढ़ गया। व्यापारियों का आरोप है कि जीएसटी विभाग 'मिसमैच' जैसे तकनीकी मुद्दों को आधार बनाकर बार-बार छापेमारी कर रहा है और उनसे बड़ी राशि की उगाही करने का दबाव बना रहा है।

ये खबर भी पढ़ें... तेंदुए की खाल के साथ दो शिकारी गिरफ्तार: वन विभाग की कार्रवाई से मचा हड़कंप

एक व्यापारी ने दावा किया कि जीएसटी अधिकारी नियमित अंतराल पर उनके प्रतिष्ठानों पर छापे मार रहे हैं और बिना ठोस सबूत के उन पर कर चोरी का आरोप लगा रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि ऐसी कार्रवाइयों से उनकी व्यावसायिक गतिविधियां बाधित हो रही हैं और उनका आर्थिक नुकसान हो रहा है। कुछ ने तो यह भी धमकी दी है कि यदि यह उत्पीड़न बंद नहीं हुआ तो वे अपनी दुकानें बंद कर चाबी प्रशासन को सौंप देंगे।

ये खबर भी पढ़ें... बरेला पुल की बदहाली दे रहा भ्रष्टाचार का सबूत

जीएसटी अधिकारियों का पक्ष

जीएसटी विभाग का कहना है कि उनकी कार्रवाइयां पूरी तरह से नियमों के अनुरूप हैं। विभाग के अनुसार, वे जोखिम मापदंडों (रिस्क पैरामीटर्स) के आधार पर संदिग्ध और फर्जी फर्मों की भौतिक जांच कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में कर चोरी और जीएसटी नियमों के उल्लंघन की शिकायतों के आधार पर यह कार्रवाइयां की जा रही हैं। उदाहरण के तौर पर, अंबिकापुर में लक्ष्मी ट्रेडर्स और अन्य फर्मों पर छापेमारी कर चोरी के संदेह में जांच शुरू की गई है।

ये खबर भी पढ़ें... साइबर ठगी के शिकार 18 बैंक खाते और 1.5 करोड़ का लेनदेन, आरोपी गिरफ्तार

व्यापारी सरकारी काम में डाल रहे बाधा

विभाग का यह भी कहना है कि कुछ व्यापारी अधिकारियों को धमकाने और सरकारी काम में बाधा डालने का प्रयास कर रहे हैं। एक मामले में, एक व्यापारी पर महिला जीएसटी अधिकारी को धमकी देने और वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी का नाम लेकर दबाव बनाने का आरोप लगा। इस घटना का एक ऑडियो क्लिप भी सामने आया, जिसमें व्यापारी ने कथित तौर पर अधिकारी को 1 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का झूठा आरोप लगाने की धमकी दी। इस मामले में मुख्यमंत्री ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

जीएसटी विभाग की लगातार छापेमारी और व्यापारियों के विरोध प्रदर्शनों ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। अंबिकापुर में व्यापारियों ने छापेमारी के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और बाजार बंद रखा। इससे स्थानीय व्यापार ठप हो गया, जिसका असर आपूर्ति श्रृंखला और उपभोक्ता गतिविधियों पर पड़ा। व्यापारियों का कहना है कि बार-बार की छापेमारी और जटिल जीएसटी नियमों के कारण छोटे और मध्यम व्यवसायी सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। इससे न केवल उनकी आय कम हो रही है, बल्कि उपभोक्ता विश्वास भी कमजोर हो रहा है।

कांग्रेस का राजनीतिक अवसर

इस विवाद ने राजनीतिक रंग ले लिया है, जिसमें विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे मौके के रूप में देखा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि वित्त मंत्री ओपी चौधरी के नेतृत्व में जीएसटी विभाग 'प्रोटेक्शन मनी' की वसूली कर रहा है। पार्टी ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है, जिसमें कहा गया है कि भाजपा, जो खुद को व्यापारियों का हितैषी बताती है, अब उनके खिलाफ अत्याचार कर रही है।

कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव ने भी इस मामले में टिप्पणी की है, जिसमें उन्होंने जीएसटी विभाग की कार्रवाइयों को 'आतंक' करार दिया और व्यापारियों के उत्पीड़न पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एक ही व्यापारी पर बार-बार छापेमारी बड़े सवाल खड़े करती है। कांग्रेस का दावा है कि यह विवाद सत्तारूढ़ भाजपा सरकार की नाकामी को उजागर करता है और व्यापारी समुदाय का विश्वास खोने का खतरा पैदा कर रहा है।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी की छवि पर असर

इस पूरे विवाद का सीधा असर छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी की छवि पर पड़ सकता है। व्यापारियों और विपक्ष का आरोप है कि उनके कार्यकाल में जीएसटी वसूली की कार्रवाइयां अनावश्यक रूप से कठोर हो गई हैं। सोशल मीडिया पर व्यापारी समुदाय और विपक्षी नेताओं ने चौधरी को निशाने पर लिया है, जिसमें उन्हें 'प्रोटेक्शन मनी' वसूली का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

दूसरी ओर, चौधरी और सरकार का कहना है कि जीएसटी वसूली कर चोरी को रोकने और राजस्व बढ़ाने के लिए आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने भी इस मामले में सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं, जिससे यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि सरकार अनियमितताओं के खिलाफ गंभीर है। हालांकि, व्यापारी समुदाय का गुस्सा और विपक्ष का हमला चौधरी की छवि को प्रभावित कर सकता है, खासकर तब जब व्यापारी भाजपा के पारंपरिक वोटर बेस का हिस्सा रहे हैं।

टकराव एक जटिल मुद्दा 

छत्तीसगढ़ में जीएसटी वसूली को लेकर व्यापारियों और अधिकारियों के बीच टकराव एक जटिल मुद्दा बन गया है, जिसमें आर्थिक, प्रशासनिक और राजनीतिक आयाम शामिल हैं। व्यापारी अपनी आजीविका और व्यवसाय पर खतरे की बात कर रहे हैं, जबकि जीएसटी विभाग कर अनुपालन को सुनिश्चित करने का दावा कर रहा है। इस बीच, कांग्रेस ने इस विवाद को सरकार के खिलाफ एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश की है। इस स्थिति का समाधान कैसे निकलता है, यह न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था, बल्कि वित्त मंत्री ओपी चौधरी और सत्तारूढ़ भाजपा की राजनीतिक छवि के लिए भी महत्वपूर्ण होगा। 

 

Trader | Official | clash | Chhattisgarh | GST 

GST Chhattisgarh clash Official Trader