राजधानी भोपाल के होनहार स्टूडेंट निखिल प्रताप राठौर ने नीट की आंसर की (Answer Key) देखने के कुछ घंटे बाद खुद को गोली मारकर जान दे दी। 18 साल का निखिल डॉक्टर बनना चाहता था। उसने हाल ही में 12वीं में 95 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। सभी को उससे बड़ी उम्मीदें थीं। बीती रात उसने नीट की उत्तर कुंजी (Answer Key) देखी थी।
पुलिस के अनुसार, नीट की परीक्षा में कम नंबर आने के डर से निखिल तनाव में चला गया था। मंगलवार रात (3 जून) करीब 8 बजे घर में अचानक गोलियों की आवाज गूंजी। परिवार वाले जब नीचे भागे तो देखा कि निखिल ने पिता की लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मार ली थी। फौरन उसे अस्पताल ले जाया गया, पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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पिता आर्मी से रिटायर्ड
निखिल के पिता ब्रजभान सिंह राठौर आर्मी से रिटायर्ड हैं। वह हर दिन बेटे को कोचिंग क्लास छोड़ने जाते थे। निखिल का बड़ा भाई B.Tech कर रहा है। परिवार, रिश्तेदार और उसके शिक्षक सभी इस हादसे से स्तब्ध हैं। जानकारी के अनुसार, निखिल पढ़ाई में अव्वल, व्यवहार में शांत और पॉजिटिव सोच वाला था। कोई सोच भी नहीं सकता कि वह ऐसा कदम उठा लेगा।
हर पहलू की जांच जारी
एसपी धर्मवीर यादव ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि निखिल Answer Key देखकर तनाव में आ गया था, लेकिन हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं। फिलहाल महाराजपुरा पुलिस ने घटना में प्रयुक्त पिस्टल जब्त कर ली है।
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सपनों को निगल रहा सिस्टम
यह घटना केवल एक छात्र की आत्महत्या नहीं है, यह हमारे देश की मेडिकल प्रवेश परीक्षा प्रणाली में छिपे उस दबाव और तनाव का आईना है, जो न जाने निखिल जैसे कितने होनहार बच्चों को निगल चुका है। जब एक 95 प्रतिशत लाने वाला छात्र भी खुद को असफल मान ले, तो सवाल केवल उसके आत्मविश्वास पर नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की सोच और अपेक्षाओं पर उठते हैं।
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