MP News :नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (एनबीई) ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि नीट पीजी परीक्षा की तिथि15 जून 2025 से बढ़ाकर 3 अगस्त 2025 कर दी जाए। यह बदलाव सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत परीक्षा को केवल एक शिफ्ट में कराने के लिए आवश्यक है। एनबीई ने बताया कि 15 जून को एक शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करना संभव नहीं है क्योंकि परीक्षा संचालन के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध नहीं हैं। इसी कारण बोर्ड ने परीक्षा स्थगित कर इसे अगस्त में कराने का प्रस्ताव रखा है।
एनबीई की याचिका में परीक्षा स्थगन का कारण
एनबीई ने अपनी याचिका में स्पष्ट किया कि 15 जून को सुबह 9 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक परीक्षा आयोजित की जानी थी, लेकिन परीक्षा केंद्रों की सीमित संख्या और आवश्यक व्यवस्थाओं की कमी के कारण यह संभव नहीं हो पाया। इस वजह से बोर्ड ने 3 अगस्त 2025 को परीक्षा आयोजित करने की अनुमति सुप्रीम कोर्ट से मांगी है।
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परीक्षा केंद्रों की संख्या और व्यवस्थाओं का विवरण
एनबीई ने यह भी बताया कि इस परीक्षा के लिए देश के लगभग 250 शहरों में 1000 से अधिक परीक्षा केंद्रों की बुकिंग और सक्रियता करनी होती है, जिसके लिए पर्याप्त समय की आवश्यकता होती है। बोर्ड ने इस स्थगन से छात्र-छात्राओं पर पड़ने वाले प्रभावों को देखते हुए सरकार और संबंधित एजेंसियों से सहयोग की अपील भी की है।
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15 जून को परीक्षा कराना क्यों असंभव है?
एनबीई के मुताबिक, परीक्षा संचालन कंपनी टीसीएस ने 2 जून को एक ईमेल भेजकर सूचित किया कि तकनीकी और प्रशासनिक बाधाओं के कारण एक ही शिफ्ट में परीक्षा लेना संभव नहीं है। कंपनी ने बताया कि 3 अगस्त 2025 उपलब्ध सबसे जल्दी तारीख है, जिसे बोर्ड ने स्वीकार किया है।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश और परीक्षा की नई रूपरेखा
30 मई 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि नीट पीजी परीक्षा केवल एक शिफ्ट में ही आयोजित होनी चाहिए। अदालत ने दो शिफ्ट में परीक्षा कराने को अनुचित बताया था क्योंकि इससे प्रश्नपत्रों की कठिनाई स्तर में असमानता हो सकती है, जो परीक्षा की निष्पक्षता के खिलाफ है।
साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा केंद्रों के चयन में पारदर्शिता और सुरक्षा के सख्त नियम लागू करने को कहा था। इन निर्देशों के पालन में परीक्षा स्थगित करने और नई तारीख तय करने की जरूरत सामने आई है।
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परीक्षा स्थगन के प्रभाव और समाधान
नीट पीजी परीक्षा के स्थगन से छात्रों में तनाव और अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो सकती है। इस स्थिति को संभालने के लिए एनबीई ने सरकार, शिक्षा विभाग और संबंधित संस्थानों से मिलकर सहयोग करने का आह्वान किया है ताकि परीक्षार्थियों को उचित मार्गदर्शन और सहायता मिल सके।
नीट पीजी परीक्षा डॉक्टरों के स्पेशलाइजेशन के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम है, इसलिए इसकी तिथियों में बदलाव का व्यापक असर शिक्षा क्षेत्र और विद्यार्थियों पर पड़ता है।
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