BHOPAL. भोपाल के राजा भोज अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ( Raja Bhoj International Airport ) की नई भर्ती ( New recruitment ) विवादों में घिरती नजर आ रही है। जबलपुर हाईकोर्ट ( Jabalpur High Court ) ने प्रदेश सरकार के डायरेक्टोरेट ऑफ एविएशन के कमिश्नर को नोटिस जारी कर इस भर्ती पर 4 सप्ताह में जवाब तलब किया है। कैप्टन शैलेंद्र पाल सिंह की ओर से दायर इस याचिका पर जस्टिस विवेक अग्रवाल ( Justice Vivek Aggarwal ) की एकल पीठ ने सुनवाई की। याचिकाकर्ता के वकील निखिल तिवारी ने कोर्ट को बताया कि मध्य प्रदेश शासन के डायरेक्टोरेट एविएशन ने राजा भोज अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट में फ्लाइट डिस्पैचर ( flight dispatcher ) के पद के लिए अनुबंध के आधार पर भर्ती की अधिसूचना जारी की थी, जिसमें गड़बड़ियां हुई हैं।
क्या है याचिकाकर्ता की दलील ?
याचिकाकर्ता की दलील है कि संविदा कर्मचारियों के एक समूह को संविदा कर्मचारियों के दूसरे समूह की नियुक्ति कर हटाया या अलग नहीं किया जा सकता है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) निर्णय पारित कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यदि विज्ञापन फ्लाइट डिस्पैचर के पद पर एक अतिरिक्त पदधारी को भरने के लिए है, तो संबंधित आवेदक फ्लाइट डिस्पैचर विज्ञापन के साथ आगे बढ़ सकते हैं। लेकिन इसका उद्देश्य यदि याचिकाकर्ता को हटाना या अलग करना है, तो इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून के अनुसार वे फ्लाइट डिस्पैचर के पद के लिए आवेदन पर कार्रवाई करने के हकदार नहीं होंगे।
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संविदा आधार पर निकाली गई थी वैकेंसी
मध्य प्रदेश शासन के डॉयरेक्टोरेट एविएशन कमिश्नर ( Directorate Aviation Commissioner ) ने 7 मार्च को एक भर्ती विज्ञापन जारी किया था। जिसमें एक जूनियर हेलीकॉप्टर पायलट, एक फ्लाइट सेफ्टी ऑफिसर, एक फ्लाइट डिस्पैचर और एक फ्लाइट ऑपरेशन असिस्टेंट के लिए संविदा आधार पर वैकेंसी निकाली गई है। 28 मार्च तक आवेदन बुलाए गए थे।
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