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मध्य प्रदेश की सियासत में बीना सीट की विधायक निर्मला सप्रे का नाम एक बार फिर चर्चा में है। कांग्रेस की टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचीं निर्मला अब BJP की मंडल कार्यसमिति की सूची में स्थाई आमंत्रित सदस्य के तौर पर सामने आई हैं। इस घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है। इस लेटर को कांग्रेस ने शेयर बीजेपी को घेरा। इस मामले में उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने बीजेपी पर सवाल उठाए।
भारतीय जनता पार्टी का नया नाम होना चाहिए - "भारतीय झूठी पार्टी"।@vdsharmabjp और @DrMohanYadav51 लगातार कहते रहे कि 'निर्मला सप्रे ने बीजेपी जॉइन नहीं की', और अब कार्यकारिणी में उन्हें स्थायी आमंत्रित सदस्य भी बना दिया गया है।
— Hemant Satyadev Katare (@HemantKatareMP) April 28, 2025
वाह रे बीजेपी! ग़ज़ब का हुनर है सफेद झूठ बोलने का।… pic.twitter.com/GQwcuenycP
5 मई को BJP मंच से ऐलान
निर्मला सप्रे ने बीते वर्ष 5 मई 2024 को राहतगढ़ में मुख्यमंत्री मोहन यादव की चुनावी सभा में BJP की सदस्यता का ऐलान किया था। मंच पर उन्होंने बीजेपी का दुपट्टा ओढ़ा और लोकसभा चुनाव में BJP प्रत्याशी के लिए प्रचार भी किया। इस कदम से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा, क्योंकि सागर जिले में उनकी पार्टी की एकमात्र विधायक ने पाला बदल लिया था। हालांकि, इसके बावजूद न तो उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दिया,न ही कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता छोड़ी। इससे उनकी विधायकी बरकरार रही, लेकिन राजनैतिक स्थिति और अधिक उलझ गई।
बीना विधानसभा से माननीया विधायक निर्मला सप्रे जी, भाजपा परिवार में आपका स्वागत है। pic.twitter.com/GG41mlqJ67
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) May 5, 2024
BJP की कार्यसमिति में नाम आया
ताजा मामला तब सामने आया जब सागर जिले की बीजेपी मंडल कार्यसमितियों की सूची वायरल हुई। बीना नगर मंडल की सूची में निर्मला सप्रे का नाम स्थाई आमंत्रित सदस्य के तौर पर दर्ज मिला। इस सूची पर जिला अध्यक्ष श्याम तिवारी और बीना मंडल अध्यक्ष राजेंद्र उपाध्याय के हस्ताक्षर थे। कांग्रेस ने इस डॉक्यूमेंट को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए बीजेपी औ सप्रे पर जमकर निशाना साधा।
कांग्रेस का आरोप: दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने तीखा हमला बोलते हुए कहा, बीना विधायक अब कांग्रेस की नहीं, बीजेपी की सदस्य हैं। उनका यह कृत्य संविधान की दसवीं अनुसूची का उल्लंघन है। विधानसभा अध्यक्ष को तुरंत उनका इस्तीफा लेना चाहिए ।कांग्रेस प्रवक्ता शैलेंद्र पटेल ने X पर पत्र साझा करते हुए पूछा, "क्या विधानसभा अध्यक्ष को अब भी और सबूत चाहिए?" उन्होंने कहा कि विधायकी रद्द करने के लिए यह प्रमाण पर्याप्त है।
बीना विधायक निर्मला सप्रे जी को भाजपा की मंडल कार्यकारिणी में अस्थाई सदस्य बनाया गया है।
— P. C. Sharma (@pcsharmainc) April 28, 2025
मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष आदरणीय श्री @nstomar जी को विधायक का इस्तीफा ले लेना चाहिए।@MPVidhanSabha pic.twitter.com/Lt0toyoXS3
कांग्रेस कार्यकर्ताओं सड़क पर उतरेंगे
बीना और सागर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन की तैयारी शुरू कर दी है। उनका कहना है कि सप्रे ने बीना के मतदाताओं के साथ धोखा किया है। एक स्थानीय दुकानदार रामू अहिरवार ने कहा कि हमने उन्हें कांग्रेस के नाम पर वोट दिया था, अगर वह BJP में हैं तो स्पष्ट करें। यह जनता के साथ छलावा है।
BJP ने पहले नाम दिया फिर हटाया
बीजेपी के जिला अध्यक्ष श्याम तिवारी ने इस विवाद को गलती बताते हुए सफाई दी है। हालांकि, सूची पर उनके हस्ताक्षर से यह सफाई कमजोर पड़ती नजर आ रही है।
निर्मला सप्रे की चुप्पी ने सस्पेंस बढ़ाया
पूरे विवाद में सप्रे ने अब तक कोई बयान नहीं दिया है। न उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया, न ही BJP की सदस्यता की पुष्टि को लेकर कुछ कहा। जब पत्रकारों ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की, तो उनका फोन बंद मिला। यह चुप्पी कई सवाल खड़े करती है क्या वे दोनों ओर रहकर राजनीति साध रही हैं? या फिर किसी बड़े दांव की तैयारी में हैं?
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क्या कहता है कानून
संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत यदि कोई विधायक अपनी मूल पार्टी से अलग होकर दूसरी पार्टी में शामिल होता है, तो उसकी सदस्यता समाप्त हो सकती है। वरिष्ठ वकील अजय गुप्ता ने कहा कि BJP की सूची में नाम होना पुख्ता सबूत है कि विधायक ने दूसरी पार्टी को स्वीकार किया है। यह दल-बदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई का आधार बन सकता है।
माले में बिना विधायक की चुप्पी और BJP की कार्यसमिति में उनका नाम न केवल सागर जिले की राजनीति को गर्म कर रहा है, बल्कि मध्य प्रदेश की विधानसभा में भी एक बड़ा संवैधानिक सवाल खड़ा कर रहा है। अब देखना होगा कि कांग्रेस इस मुद्दे को विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष कितनी मजबूती से रखती है और क्या निर्मला सप्रे की विधायकी पर कोई निर्णय आता है या यह सियासी रहस्य यूं ही बना रहता है।
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