गाड़ियों के हॉर्न अब बजाएंगे बांसुरी-तबले की धुन, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का अनोखा प्रस्ताव, लाएंगे कानून

अब तक जहां ट्रैफिक का शोर सिरदर्द बनता था, वहीं अब आपकी कार का हॉर्न सारंगी, बांसुरी या सितार जैसी साज़ की तर्ज़ पर गूंजेगा। ये न सिर्फ़ ध्वनि प्रदूषण को कम करेगा, बल्कि भारतीय संगीत को रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा भी बना देगा।

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Reena Sharma Vijayvargiya
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MP News : दिल्ली में एक समारोह के मंच पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ऐसा प्रस्ताव रखा, जिसने श्रोताओं के चेहरे पर मुस्कान ला दी। उन्होंने कहा कि वे एक नया कानून लाने की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत देशभर में सभी वाहनों के हॉर्न अब भारतीय शास्त्रीय वाद्ययंत्रों की धुनों पर आधारित होंगे।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का ट्वीट 

गडकरी बोले :"सोचिए जरा,"सडक़ पर बजते हॉर्न अब बांसुरी की मधुर तान, तबले की थाप, वायलिन की कोमलता या हारमोनियम की मिठास लिए होंगे। आवाजें अब कानों में चुभेंगी नहीं, बल्कि संगीत बनकर मन को सुकून देंगी।"तो कैसा लगेगा...? ये महज् कोई कल्पना नहीं बल्कि ऐसी हकीकत है जो जल्द ही हकीकत में बदलने वाली है। 

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नहीं होगा शोरगुल, सुरों से सजेगी सडक़ें


केद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कहना है इस कदम से शोर-प्रदूषण में तो कमी आएगी ही, साथ ही भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी बढ़ावा मिलेगा। यह प्रस्ताव जितना अनोखा है, उतना ही कल्पनाशील भी है और एक ऐसी कोशिश, जो शोरगुल से भरी सडक़ों को सुरों से सजाने का सपना देखती है। 

40 फीसदी हिस्सा परिवहन क्षेत्र का


उन्होंने कहा, देश में वायु प्रदूषण का लगभग 40% हिस्सा परिवहन क्षेत्र से आता है। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार हरित ईंधनों की ओर तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि मेथनॉल, एथनॉल और बायो फ्यूल जैसे ईंधनों पर चलने वाले वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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भारत अब दुनिया का सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट 


उन्होंने यह भी बताया कि भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट बन चुका है। साल 2014 में यह सेक्टर जहां 14 लाख करोड़ रुपए का था, वहीं अब इसकी कीमत बढक़र 22 लाख करोड़ रुपए हो चुकी है। अमेरिका और चीन के बाद भारत इस सूची में तीसरे स्थान पर है।

इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत आज दोपहिया वाहनों और कारों के निर्यात से जबरदस्त विदेशी राजस्व अर्जित कर रहा है और यह बदलाव देश को पर्यावरण के साथ-साथ अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी आगे ले जाएगा।

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भारत बना ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का ग्लोबल हब


भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर बीते कुछ वर्षों में जबरदस्त रफ्तार से आगे बढ़ा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी कि 2014 में इस सेक्टर का मूल्य 14 लाख करोड़ रुपये था, जो अब छलांग लगाकर 22 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह केवल आर्थिक उछाल नहीं है, बल्कि भारत की वैश्विक स्थिति में भी बड़ा बदलाव आया है। जापान को पीछे छोड़ते हुए भारत अब अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा वाहन बाजार बन चुका है।

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निर्यात से देश को भारी मुनाफा


गडकरी ने यह भी बताया कि भारत को वाहन निर्यात, खासकर दोपहिया वाहनों और कारों के जरिए सबसे अधिक राजस्व प्राप्त हो रहा है। इससे न केवल देश की अर्थव्यवस्था को बल मिल रहा है, बल्कि भारत एक विश्वसनीय वाहन निर्माण और निर्यात केंद्र के रूप में उभर रहा है।

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