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भारत में सड़क परिवहन और राजमार्ग के क्षेत्र में कई बदलाव होने जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक अहम घोषणा की है कि सरकार जल्द ही एक नया टोल सिस्टम लागू करने जा रही है, जिसका उद्देश्य आम नागरिकों को राहत देना है। इस नई प्रणाली के तहत टोल की दरों में कमी की जाएगी, जिससे आम जनता पर वित्तीय बोझ कम हो सके।
नया टोल सिस्टम: क्या होगा खास?
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "हम एक नई नीति ला रहे हैं, जिससे आम आदमी को राहत मिलेगी। हम टोल की प्रक्रिया को बदल रहे हैं और इस नए सिस्टम का ऐलान अगले 8-10 दिनों में किया जा सकता है।" गडकरी का दावा है कि यह नया टोल सिस्टम जनता के लिए अधिक किफायती होगा।
टोल दरों में कमी का आश्वासन
केंद्रीय मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि नए सिस्टम के लागू होने के बाद टोल रेट्स में कमी आएगी। गडकरी ने इसके पहले राज्यसभा में इस नई टोल नीति का जिक्र किया था। उनका कहना था कि भारत के बढ़ते सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर (road infrastructure) के लिए टोल चार्ज जरूरी हैं, लेकिन सरकार इसे अधिक उपभोक्ता-मित्र (consumer-friendly) बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
नेशनल हाईवे पर टोल नीति: क्या बदलने वाला है?
भारत में नेशनल हाईवे पर टोल प्लाजा की संख्या और दरों को लेकर पहले ही नियम बने हुए हैं। 2008 के नियमों के तहत, किसी भी एक ही दिशा में 60 किलोमीटर के भीतर दो टोल प्लाजा नहीं बनाए जा सकते। इसके अलावा, सभी टोल प्लाजा और शुल्क संग्रहण नियम 2008 के तहत निर्धारित किए गए हैं, जो कि टोल संग्रहण को और अधिक पारदर्शी और व्यवस्थित बनाता है।
हाल के सालों में, भारत का टोल कलेक्शन काफी बढ़ा है। जानकारी के अनुसार 2023-24 में टोल रेवेन्यू (revenue) 64 हजार 809.86 करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में 35% अधिक है। वहीं, 2019-20 में यह रेवेन्यू मात्र 27,503 करोड़ रुपए था।
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Green Economy की ओर कदम
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारत को हरित अर्थव्यवस्था (green economy) बनाने की दिशा में भी कदम बढ़ाए हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि वे हाइब्रिड गाड़ियों पर GST को घटाना चाहते हैं। गडकरी का कहना है कि देश को पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियों से मुक्त करना उनकी प्राथमिकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि हाइब्रिड गाड़ियों पर GST को 5% और फ्लेक्स इंजन वाहनों पर 12% करने का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा गया है, जो इस पर विचार कर रहा है। यह कदम भारत में पर्यावरणीय दबाव को कम करने में सहायक होगा।
जिस रोड को मैंने बनवाया; उसी पर दो बार कटा मेरा चालान
गडकरी ने कहा, "मैंने बांद्रा-वर्ली सी लिंक बनाया। मुंबई में मेरी एक कार है, और मुझे इसके लिए दो बार चालान मिला। कोई बच नहीं सकता, क्योंकि कैमरा सब कुछ कैद कर लेता है। मुझे 500 रुपए जुर्माना भरना पड़ा।" उन्होंने आगे कहा कि लोग अक्सर जुर्माने की शिकायत करते हैं, लेकिन उन्हें यह समझना चाहिए कि जुर्माना राजस्व सृजन के लिए नहीं है, बल्कि यह यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए है।
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सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कदम
गडकरी ने सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। उनका कहना है कि ज्यादातर सड़क दुर्घटनाओं में मौतें हेलमेट नहीं पहनने के कारण होती हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि दो पहिया वाहन बनाने वाली कंपनियों से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि वे ग्राहकों को हेलमेट खरीदते वक्त दें। उन्होंने इस विषय पर आगे कार्रवाई करने की बात भी कही। गडकरी ने यह भी कहा कि उनका सपना है कि हर दिन 100 किलोमीटर हाईवे बनाए जाएं, ताकि सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था बेहतर हो सके। बता दें कि ये सारी बातें गडकरी ने नई दिल्ली में News18 राइजिंग भारत शिखर सम्मेलन में कही हैं।
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