उत्तर प्रदेश की तरह मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी दुकानों पर दुकानदार की जानकारी लिखने का नियम लागू होने की बात कही जा रही थी। ऐसा न करने पर जुर्माना लगने की खबरे आ रही थी। इस विषय में अब उज्जैन नगर निगम ने स्पष्टता दी है। निगम की तरफ से यह साफ किया गया है कि शहर में अभी दुकानों पर नेमप्लेट न होने पर कोई जुर्माना वसूल नहीं किया जा रहा है।
नहीं लग रहा कोई जुर्माना
उज्जैन मेयर मुकेश टेटवाल ने एक बयान में कहा था कि इस साल सावन महीने में उज्जैन की दुकानों के बाहर दुकानदार का नाम और नंबर लिखने के नियम का सख्ती से पालन होगा। इस बयान के बाद से उज्जैन में भी उत्तर प्रदेश की तरह सख्त नियम लागू होने की बात कही जा रही थी। साथ ही ऐसी खबरें भी फैलाई जा रही थी कि इस संबंध में उज्जैन में कार्रवाई शुरू हो गई है। नियम का पालन न करने वालों से जुर्माना भी वसूला जा रहा है।
नगर निगम ने इस संबंध में सफाई दी है। निगम के अनुसार उज्जैन में इस तरह की कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई है। ना ही दुकानदारों से किसी तरह का जुर्माना वसूला जा रहा है।
उज्जैन नगर निगम का आदेश-
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एक साल पहले लाया था नियम, अभी तक नहीं हुआ अमल
दरअसल उज्जैन नगर निगम द्वारा एक साल पहले ही शहर की दुकानों पर दुकानदार की जानकारी लगाने का नियम लाया गया था। नियम के प्रस्ताव में शहर के सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में हिंदी में नाम और साइन बोर्ड लगाने की बात कही गई थी। इसके अलावा दुकान संचालक-संस्थापक का नाम, मोबाइल नंबर और पंजीयन का उल्लेख करने का भी प्रस्ताव था।
एक साल बाद भी निगम ने इस नियम पर अमल नहीं किया है। ऐसे में मेयर मुकेश टेटवाल ने सावन के दौरान इस नियम का सख्ती से पालन करवाने की बात कही थी। कल से सावन मास शुरू हो रहा है पर नगर निगम के अनुसार इस नियम को अमल करवाने कोई सख्ती के आदेश नहीं दिए गए हैं। ना ही इस संबंध में कोई जांच हो रही है।
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उत्तर प्रदेश में क्या है नियम
बीते दिनों उत्तर प्रदेश सरकार ने दुकानों के बाहर नेम प्लेट लगाने का एक नियम लागू किया है। ये नियम कावड़ यात्रा के मार्ग पर पड़ने वाली खाने-पीने की दुकानों के लिए हैं। कावड़ यात्रा के मार्ग पर खाने-पीने की सभी दुकानों के सामने संचालक का नाम लिखा होना अनिवार्य किया गया है। ऐसा इसलिए ताकि यात्रियों को पता चल सके कि वे किसके यहां से खाना खा रहे हैं।
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