No Shadow Zone : 21 जून को यहां साया भी छोड़ देता है साथ, जानिए मप्र के इस अनोखे सेल्फी पॉइंट को

मध्यप्रदेश के रायसेन जिले से कर्क रेखा गुजरती है। कहा जाता है कि जब परछाई इंसान का साथ छोड़ दे तो माना जाता है कि मृत्यु निकट होती है, इस स्थान पर परछाई भी साथ छोड़ देती है, लेकिन मृत्यु का डर नहीं होता। यह जगह एक फेमस सेल्फी पॉइंट बन चुकी है...

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Jitendra Shrivastava
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No Shadow Zone : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 25 किलोमीटर दूर उत्तर से कर्क रेखा निकलती है, जहां से यह गुजरती है वह स्थान स्टेट हाइवे-18 पर रायसेन जिले के दीवानगंज और सलामतपुर के मध्य स्थित है। दरअसल, मध्य प्रदेश में रायसेन जिले के दीवानगंज से गुजरी कर्क रेखा  एक अनोखा सेल्फी पाइंट है। जहां पर इंसान का साया (परछाई) ही गायब हो जाती है। इस जगह 21 जून को हर साल दोपहर के 12 बजे साया भी साथ छोड़ देती है।

इस कर्क रेखा पर साया भी साथ छोड़ देता है

जिस कर्क रेखा को हमने बचपन से भूगोल में पढ़ा है और ग्लोब पर जिसे देखा है, वह कर्क रेखा मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के दीवानगंज सलामतपुर के बीच नेशनल हाइवे से गुजरती है। हर साल 21 जून को दोपहर 12 बजे इस कर्क रेखा पर इंसान का साया परछाई साथ छोड़ देती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि कर्क रेखा स्थल पर 21 जून को दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें 90 डिग्री लंबवत पड़ने के कारण खड़े व्यक्ति की परछाई ही नहीं बनती, इसलिए कर्क रेखा क्षेत्र को ‘नो शैडो जोन’ भी कहा जाता है।

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भोपाल से 25 किमी दूर उत्तर से निकलती है कर्क रेखा

जिस कर्क रेखा को हमने बचपन से भूगोल में पढ़ा है और ग्लोब पर जिसे देखा है, उस स्थान पर ठहरना अपने आप में एक अलग ही अनुभूति है। कर्क रेखा मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 25 किलोमीटर दूर उत्तर से निकलती है, जहां से यह गुजरती है वह स्थान स्टेट हाइवे-18 पर रायसेन जिले के दीवानगंज और सलामतपुर के मध्य स्थित है।

21 जून को दिन बड़ा और रात छोटी होगी

पृथ्‍वी के 16 देश, भारत के 8 राज्‍यों सहित मध्‍यप्रदेश के 14 जिलों से होकर उत्तरी गोलार्द्ध में खींची गई  कर्क रेखा पर शुक्रवार 21 जून को साल की खास खगोलीय घटना दिखने जा रही है। 21 जून 2024 को कर्क रेखा पर पहुंचकर सूर्य अपनी उत्‍तरायण यात्रा पूरी करने जा रहा है। इसके बाद यह अपनी वापस दक्षिणायन यात्रा आरंभ करेगा। इस खगोलीय घटना के कारण उत्तरी गोलार्द्ध के नगरों में दिन सबसे लंबा और रात सबसे छोटी अवधि की होगी। इस घटना को समर सोलेस्टिस कहते हैं ।

no shadow zone कर्क रेखा दीवानगंज से गुजरी ‘कर्क रेखा’ भोपाल से 25 किलोमीटर