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Photograph: (thesootr)
मध्यप्रदेश के मुसलमानों के लिए एक अपील के साथ ही चेतावनी से भरा फतवा सामने आया है। जबलपुर से मुफ्ती-ए-आजम, डॉ. मुफ्ती मोहम्मद मुशाहिद रजा सिद्दीकी ने इस फतवे के जरिए मुसलमानों से कहा है कि अगर देश में NRC (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन) की प्रक्रिया शुरू होती है, तो सबसे पहले जांच और कार्रवाई का केंद्र मुस्लिम समाज को ही बनाया जाएगा।
इसलिए वक्त रहते दस्तावेजों की तैयारी करना न सिर्फ जरूरी बल्कि जिम्मेदारी है। उन्होंने अपने फतवे में लिखा है कि हमें यह बात अपने दिमाग में बैठा लेनी चाहिए कि NRC शुरू हुई तो हमारा नाम हर लिस्ट में नंबर 1 पर रखा जाएगा।
सरकार NRC, CAA और NPR को लेकर गंभीर
मुफ्ती साहब ने कहा कि भाजपा सरकार NRC, CAA और NPR जैसे मुद्दों पर गंभीरता से विचार कर रही है। बिहार में NRC की आहट और वोटर लिस्ट की गहन स्क्रूटनी इस ओर इशारा कर रही है कि जल्द ही यह प्रक्रिया मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी शुरू हो सकती है। ऐसे में समाज की सुस्ती और लापरवाही आने वाले वक्त में भारी नुकसान का कारण बन सकती है।
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फतवे में मुसलमानों के लिए दस्तावेजों की सूची
फतवे में हर मुस्लिम मर्द और औरत से यह अपील की गई है कि वे जल्द से जल्द अपने निम्न दस्तावेज़ सही नाम और तारीख के साथ तैयार कर लें, इसके लिए बाकायदा जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट भी जारी की गई है
1. जन्म प्रमाण पत्र
2. स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट
3. आधार कार्ड
4. पैन कार्ड
5. वोटर आईडी कार्ड
6. राशन कार्ड
7. पासपोर्ट
8. बैंक पासबुक (जिसमें KYC पूरी हो)
9. बिजली का बिल या अन्य निवास प्रमाण
यहां समाज को यह भी बताया गया कि इन सभी दस्तावेज़ों में नाम की स्पेलिंग और जन्मतिथि एक समान होना ज़रूरी है। छोटे से फर्क की वजह से भविष्य में गंभीर परेशानी हो सकती है।
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इन दस्तावेजों को भी बनवाने या सुधार के निर्देश
1. निकाहनामा (शादी प्रमाण पत्र)
2. डोमिसाइल (मूल निवासी प्रमाण पत्र)
3. इनकम सर्टिफिकेट
4. ओबीसी सर्टिफिकेट (यदि लागू हो)
5. डेथ सर्टिफिकेट (माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी)
6. मकान या ज़मीन के कागज़ात (पटी, प्रॉपर्टी कार्ड, रजिस्ट्रेशन इत्यादि) बनवाने के साथ ही घर में मौजूद पुराने दस्तावेज़ों को सुरक्षित रखने और उनका लैमिनेशन करवाने की सलाह भी दी गई है।
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काल करे सो आज कर
मुफ्ती साहब ने कहा कि समय रहते अगर दस्तावेज़ पूरे कर लिए जाएं तो भविष्य में कानूनी पेंचों से बचा जा सकता है। जो लोग सक्षम हैं, उन्हें अपने पड़ोसियों, रिश्तेदारों और जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए। फतवे में इसे "सदका-ए-जारीया और सवाब का काम" बताया गया है।
फतवे को मस्जिदों में पढ़कर सुनाने का निर्देश
मुफ्ती मोहम्मद मुशाहिद रज़ा ने प्रदेश की तमाम मस्जिदों के इमामों से आग्रह किया है कि जुमे की नमाज़ के दिन इस पैग़ाम को नमाज़ियों को ज़रूर पढ़कर सुनाएं ताकि यह चेतावनी हर मुस्लिम परिवार तक पहुंच सके और समाज समय रहते सतर्क हो जाए।
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पत्रकारों से बातचीत में बोले मुफ्ती...
मुफ्ती साहब ने पत्रकारों से कहा कि यह फतवा समाज को सचेत करने और उनके हित में उठाया गया कदम है। उन्होंने बताया कि इस काम में कई मददगार लोग भी सक्रिय होंगे जो जरूरतमंदों के दस्तावेज़ बनवाने में सहयोग देंगे। हालांकि, मध्य प्रदेश में अभी चुनाव दूर है और इस फतवे को अभी जारी करने पर उन्होंने कहा कि दस्तावेज तो बनवाने ही हैं फिर देर क्यों की जाए।
फतवे में सलाह के साथ दी चेतावनी
फतवे में सिर्फ दस्तावेज़ तैयार करने की बात नहीं कही गई है, बल्कि यह स्पष्ट चेतावनी भी दी गई है कि अगर NRC लागू होती है, तो मुस्लिम समाज सबसे पहले रडार पर होगा।
ऐसे में दस्तावेजों की तैयारी के अलावा कोई विकल्प नहीं है। हालांकि, इस फतवे को आने वाले चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं के स्क्रुटनी में परिचय पत्र रिजेक्ट ना होने की तैयारी से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
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