एमपी के नर्सिंग कॉलेजों का सबसे बुरा हाल, 4 साल में एक भी डिग्री नहीं दी

मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों का सबसे बुरा हाल है। यहां पर पिछले 4 साल में CBI की जांच अधर में लटकी हुई है। यह हालात तब है जब मप्र में सरकारी व निजी मिलाकर 600 से अधिक नर्सिंग कॉलेज हैं।

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Sandeep Kumar
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BHOPAL. मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों ( Nursing colleges ) की सीबीआई जांच के कारण बीते 4 साल से परीक्षा नहीं हो पाई। यानी इस दौरान मध्य प्रदेश ने एक भी डिग्री नहीं दी। ऐसा करने वाला भी मध्य प्रदेश पहला राज्य बन गया है। यह हालात तब है जब मप्र में सरकारी व निजी मिलाकर 600 से अधिक नर्सिंग कॉलेज हैं। इसी चार साल के समय को देखे तो केरल जैसे छोटे राज्य में जहां 80 कॉलेज ही हैं, वहां 4 साल में 32 हजार, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में 100-100 कॉलेजों में चार साल में 60-60 हजार छात्रों ने न केवल डिग्री ले ली बल्कि अस्पतालों में अपनी सेवाएं भी देने लगे हैं। यह स्थिति इसलिए बनी क्योंकि प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों को 2020-21 से 2022-23 तक धड़ल्ले से मान्यता दी गई, लेकिन उनकी गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। नतीजतन अधिकांश नर्सिंग कॉलेज कागजों में संचालित हो रहे थे जबकि फैकल्टी डमी दिखाई गई। ऐसे में मामले की सीबीआई जांच शुरू हुई। हाई कोर्ट में नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े के मामले लंबित हैं।

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नर्सिंग कॉलेज में चल रही CBI जांच

प्रदेश के सभी राज्यों में नर्सिंग की परीक्षाएं समय पर हो रही है, ऐसा कोई राज्य नहीं है जहां चार साल से नर्सिंग कॉलेजों की परीक्षाएं ही नहीं हुई। यूपी में क्यूसीआई को मान्यता से पहले निरीक्षण का जिम्मा सौंपने के बाद वहां नर्सिंग कॉलेज की संख्या घटकर महज 100 के आसपास रह गई है। इसी तरह केरल में 80 और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य में भी महत 110 नर्सिंग कॉलेज ही है, लेकिन मध्यप्रदेश में 308 नर्सिंग कॉलेज की तो सीबीआई जांच ही चल रही है।

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कॉलेजों की जांच में लीपा पोती हुई

सीबीआई जांच में नर्सिंग कॉलेजों की रिपोर्ट सार्वजनिक कर फिर से जांच करने की मांग को लेकर क्षेत्रीय निदेशक को ज्ञापन सौंपा है। भोपाल के कई कॉलेज ऐसे हैं, जिन्हें सीबीआई रिपोर्ट में उपयुक्त बताया गया है, लेकिन हकीकत कुछ और है। कई कॉलेजों की जांच में लीपा-पोती की गई। ये नियम विरुद्ध संचालित हो रहें हैं।

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सरकार जो भी निर्णय लेगी, उसके अनुसार काम करेंगे

नर्सिंग काउंसिल से अभी नर्सिंग कॉलेजों के सत्र 2023-24 को लेकर मान्यता जारी नहीं की गई है। छात्रहित में हमने कार्यपरिषद में यह निर्णय लिया था, जिसे राज्य सरकार की सहमति के लिए भेजा था। अब उनका कहना है कि विवि का जीरो ईयर के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। सरकार जो निर्णय लेगी, उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे। 

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