नर्सिंग फर्जीवाड़ा मामले में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार 13 दिसंबर से 19 दिसंबर का जो सीसीटीवी फुटेज पेश करना था वह गायब हो चुका है। अब इस गड़बड़ झाले नर्सिंग काउंसिल की रजिस्टर फस्ती हुई नजर आ रही है क्योंकि हाई कोर्ट ने इसकी जांच के लिए साइबर सेल को आदेशित किया है।
विसलब्लोअर विशाल बघेल की शिकायत के बाद सामने आए नर्सिंग घोटाले सीबीआई जांच के बाद 500 से ज़्यादा कॉलेजों में ताला लग गया है। लेकिन इस फर्जी वाले में लगातार एक से एक खुलासे हो रहे हैं। अब नर्सिंग काउंसिल में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है क्योंकि जांच के लिए जरूरी जो सीसीटीवी फुटेज हाई कोर्ट ने मांगे थे वह डिलीट कर दिए गए हैं और अब इसकी जांच के आदेश हाईकोर्ट ने दिए हैं।
हाई कोर्ट में जमा करने थे सील बंद सीसीटीवी फुटेज
नर्सिंग फर्जीवाड़े मामले में गुरुवार को लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की जनहित याचिका के साथ सभी अन्य नर्सिंग मामलों की सुनवाई हुई। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने म.प्र. नर्सिंग काउंसिल दफ़्तर के 13 दिसंबर से 19 दिसंबर, 2024 तक की अवधि के सीसीटीवी फुटेज संरक्षित कर बंद लिफ़ाफ़े में पेश करने के निर्देश जारी किए गए थे। लेकिन
गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट में दस्तावेज पेश कर बताया गया कि काउंसिल से 11 से 16 दिसंबर के सीसीटीवी फ़ुटेज ग़ायब हैं , जिसके बाद याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट ने जब 12 दिसंबर को तत्कालीन रजिस्ट्रार को हटाने के आदेश दिये थे उसके बाद उनके द्वारा अपने कार्यकाल में की गई अनियमितताओं से जुड़ी फ़ाइलें 14 दिसंबर को ग़ायब की गई हैं और सहयोगियों के साथ मिलकर सीसीटीवी फ़ुटेज भी डिलीट किए गए हैं।
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अनीता चांद की लोकेशन सहित आसपास के सीसीटीवी जांचने के आदेश
हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच के जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल ने मामले की सुनवाई के बाद पुलिस कमिश्नर भोपाल और साइबर सेल को आदेश दिया है कि इस अवधि के काउंसिल कार्यालय के सीसीटीवी फ़ुटेज पुनः रिट्रीव करने के हर संभव प्रयास किए जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि जरूरी लगे तो काउंसिल ऑफिस के आसपास लगे कैमरों की रिकार्डिंग देखकर पता लगाया जाये कि दफ़्तर से क्या-क्या बाहर ले ज़ाया गया है। हाईकोर्ट ने साइबर सेल को तत्कालीन रजिस्ट्रार अनीता चांद के मोबाइल फोन के टावर लोकेशन के बारे में भी जानकारी जुटाने के निर्देश दिये हैं, ताकि यह पता है लगाया जा सके की 13 से 19 दिसंबर 2024 के दौरान काउंसिल के ऑफिस में वह मौजूद थी या नहीं।
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बिना छात्रों के कॉलेज को सीबीआई ने दी क्लीन चिट
याचिकाकर्ता विशाल बघेल ने हाईकोर्ट में आवेदन पेश कर तत्कालीन रजिस्ट्रार अनीता चांद पर यह भी आरोप लगाया है कि उनके द्वारा ग्वालियर के अनेकों ऐसे नर्सिंग कॉलेजों के सत्र 2022-23 के छात्रों के नामांकन अवैध रूप से जारी किए गए हैं जिन कॉलेजों की सीबीआई जांच रिपोर्ट में सत्र 2022-23 में एक भी छात्र प्रवेश लेना नहीं पाये गये हैं। लेकिन उसके बाद भी तत्कालीन रजिस्ट्रार ने कॉलेजों से मिलीभगत कर सीबीआई रिपोर्ट को दरकिनार कर बैकडेट पर फर्जी तरीके से प्रवेशित दर्शाए गए छात्रों के इनरोलमेंट के लिए पोर्टल खोला गया। आरोपों की गंभीरता के चलते हाईकोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल को एनरोलमेंट संबंधी फाइलें हाईकोर्ट में पेश करने के निर्देश भी दिए हैं । इस मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता विशाल बघेल और अधिवक्ता आलोक वागरेचा ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा, वही शासन और काउंसिल की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह, अतिरिक्त महाधिवक्ता भारत सिंह और अप महाधिवक्ता अभिजीत अवस्थित ने पैरवी की।