चलती सुनवाई में जबलपुर हाईकोर्ट ने कॉलेज का कराया निरीक्षण, खुल गई पोल

जबलपुर हाईकोर्ट में नर्सिंग कॉलेजों की गड़बड़ी को लेकर चल रही सुनवाई में एक दिलचस्प मामला सामने आया। गुना के ओंकार नर्सिंग कॉलेज ने कोर्ट में याचिका दायर की थी।

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Raj Singh
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जबलपुर हाईकोर्ट में नर्सिंग कॉलेजों की गड़बड़ी को लेकर चल रही सुनवाई में एक दिलचस्प मामला सामने आया। गुना के ओंकार नर्सिंग कॉलेज ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि सीबीआई ने पहले उनके कॉलेज को 'सूटेबल' माना था, लेकिन बाद में यह जानकारी मिली कि एक ही भवन में नर्सिंग और बीएड कॉलेज दोनों चल रहे हैं। इसके बाद सीबीआई ने इस कॉलेज को 'अनसूटेबल' श्रेणी में डाल दिया।

कब का है मामला?

यह मामला शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान सामने आया। जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की बेंच के सामने कॉलेज के संचालक ने दावा किया कि उनके पास तीन मंजिला इमारत है, जिसमें नर्सिंग कॉलेज ग्राउंड फ्लोर और दो मंजिलों पर चल रहा है, जबकि बीएड कॉलेज टॉप फ्लोर पर है। उनका कहना था कि आईएनसी (इंडियन नर्सिंग काउंसिल) के नियमों के तहत एक ही भवन में अलग-अलग मंजिलों पर दो कॉलेज चल सकते हैं।

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कोर्ट ने आदेश में क्या लिखा?

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने महाधिवक्ता प्रशांत सिंह को निर्देश दिया कि वे तुरंत जिला मजिस्ट्रेट से कॉलेज का निरीक्षण करवाएं। इसके बाद कॉलेज का निरीक्षण किया गया, और वीडियो रिकॉर्डिंग की गई। वीडियो देखने के बाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में लिखा कि नर्सिंग कॉलेज ग्राउंड जबकि बीएड कॉलेज टॉप फ्लोर पर है।

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सीबीआई के हक में कोर्ट का फैसला 

कोर्ट ने यह भी कहा कि एक ही भवन में दो अलग-अलग कोर्स चलाने के लिए कोई रोक नहीं है, लेकिन नर्सिंग कॉलेज के लिए 19 हजार वर्गफीट का न्यूनतम क्षेत्र और बीएड कॉलेज के लिए 30 हजार वर्गफीट की खुली भूमि और 20 हजार वर्गफीट निर्मित क्षेत्र होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि कॉलेज के पास इन जरूरतों के मुताबिक कुल 24 हजार 912 वर्गफीट का क्षेत्र है, जबकि 3 हजार 956 वर्गफीट निर्माणाधीन है। यह साबित करता है कि संस्थान के पास दोनों कोर्स के लिए पर्याप्त क्षेत्र नहीं है।

इसके आधार पर हाईकोर्ट ने कॉलेज की याचिका खारिज कर दी, और सीबीआई के द्वारा दिए गए 'अनसूटेबल' निर्णय में कोई दखल न देने का आदेश दिया।

FAQ

क्या मामला था जो जबलपुर हाईकोर्ट में सुना जा रहा था?
जबलपुर हाईकोर्ट में गुना के ओंकार नर्सिंग कॉलेज की याचिका पर सुनवाई हो रही थी। कॉलेज ने दावा किया था कि सीबीआई ने पहले उनके कॉलेज को "सूटेबल" माना था, लेकिन बाद में यह जानकारी मिली कि एक ही भवन में नर्सिंग और बीएड कॉलेज दोनों चल रहे हैं, जिसके बाद सीबीआई ने इसे "अनसूटेबल" श्रेणी में डाल दिया।
कॉलेज ने कोर्ट में क्या दावा किया था?
कॉलेज के संचालक ने दावा किया कि उनके पास ग्राउंड और तीन मंजिलों वाली इमारत है। नर्सिंग कॉलेज ग्राउंड और दो मंजिलों पर चल रहा है, जबकि बीएड कॉलेज टॉप फ्लोर पर है।
कोर्ट का आदेश क्या था?
कोर्ट ने महाधिवक्ता को निर्देश दिया कि वे कॉलेज का निरीक्षण करवाएं। निरीक्षण के बाद कोर्ट ने कहा कि एक ही भवन में नर्सिंग और बीएड कॉलेज चलाने में कोई रोक नहीं है, लेकिन दोनों के लिए आवश्यक न्यूनतम क्षेत्र की जरूरतें पूरी नहीं हो रही हैं।
सीबीआई के 'अनसूटेबल' फैसले पर कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि कॉलेज की याचिका खारिज करते हुए सीबीआई के 'अनसूटेबल' फैसले में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा।

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