मध्यप्रदेश में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण की मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी के बाद राज्य की राजनीति गरमा गई है। 25 जून, 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार से यह सवाल किया कि वह ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने में क्यों विफल रही है, जबकि यह फैसला पहले ही लिया जा चुका था।
इस पर कांग्रेस ने बीजेपी सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि वह जानबूझकर ओबीसी समुदाय के हक को दबाने का काम कर रही है। कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी सरकार पर पिछड़े वर्ग के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया और तत्काल ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की मांग की।
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी और कांग्रेस का रुख
सुप्रीम कोर्ट ने 28 जनवरी, 2025 को इस मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण लागू किया जाए। साथ ही, सभी जनहित याचिकाओं को भी खारिज कर दिया गया था। इसके बावजूद, मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार ने इस आदेश को लागू करने में कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बीजेपी पर ओबीसी के अधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर जल्द ही इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जाती, तो पार्टी सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगी।
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प्रदेशाध्यक्ष का बीजेपी सरकार पर निशाना
मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने जानबूझकर ओबीसी के हक को दबाया और उनके आरक्षण को लागू नहीं किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए इस फैसले के कारण लाखों ओबीसी छात्रों को उनकी योग्यताओं के अनुसार नियुक्तियां नहीं मिल पाई। इसके साथ ही, कांग्रेस ने सरकार से यह भी मांग की है कि उन उम्मीदवारों को तुरंत नियुक्ति दी जाए, जिनका नाम 6 साल पहले ही चयनित हो चुका था।
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कांग्रेस ने की 6 साल के वेतन की मांग
कांग्रेस ने ओबीसी उम्मीदवारों को 6 साल का वेतन देने की भी मांग की है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि इन उम्मीदवारों के साथ पिछले छह सालों से भेदभाव किया गया है और उन्हें नियुक्ति से वंचित रखा गया है। कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा कि यह मुद्दा केवल ओबीसी आरक्षण का नहीं है, बल्कि यह उन छात्रों की पीड़ा से जुड़ा है जो इस दौरान प्रताड़ित हुए हैं।
प्रदेश कांग्रेस की प्रमुख मांगें
तत्काल 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाए।
जिन छात्रों को 6 साल से प्रताड़ित किया गया, उन्हें नियुक्तियां दी जाएं।
छात्रों को सर्विस के साथ पिछले 6 साल का वेतन दिया जाए।
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