अफसर-नेताओं ने तिरंगा से बनाई दूरी, CS-DGP ने तो वॉट्सऐप पर डीपी भी नहीं बदली

सरकार हर घर तिरंगा अभियान चला रही है। किसी को फोन लगाइए तो बैकग्राउंड में पीएम मोदी आपसे सोशल मीडिया अकाउंट की डीपी पर तिरंगा की तस्वीर लगाने की अपील करते सुनाई देंगे। मगर जमीन पर हालात अलग हैं।

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Ravi Kant Dixit
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BHOPAL. देश में आजादी के पर्व का माहौल है। सरकार हर घर तिरंगा अभियान चला रही है। किसी को फोन लगाइए तो बैकग्राउंड में पीएम मोदी आपसे सोशल मीडिया अकाउंट की डीपी पर तिरंगा की तस्वीर लगाने की अपील करते सुनाई देंगे। मगर जमीन पर हालात अलग हैं। सबको तिरंगे से प्यार है, मगर एक्स (ट्विटर) पर ब्लू टिक न चला जाए, इसलिए कई नेता और अफसर तिरंगा की डीपी नहीं लगा रहे। 

एक्स पर डीपी में नहीं लगाया तिरंगा 

अब अपने भोपाल के हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा को ही ले लीजिए… वैसे तो वे प्रदेश की सबसे बड़ी तिरंगा यात्रा का आयोजन करवा रहे हैं, लेकन ट्विटर की डीपी में उनकी मुस्कुराती हुई तस्वीर ही साया हो रही है। हालांकि, उन्होंने फेसबुक की डीपी पर तिरंगा लगाया है, क्योंकि वहां ब्लू टिक नहीं हटता है। यही हाल भोपाल सांसद आलोक शर्मा का भी है। उन्होंने भी एक्स पर डीपी में तिरंगा नहीं लगाया है, जबकि फेसबुक पर उन्होंने डीपी बदली है। वहीं, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव समेत मंत्रियों की बात करें तो ज्यादातर ने डीपी में तिरंगा झंडा लगाया है। 

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देखिए सांसद आलोक शर्मा का एक्स अकाउंट।

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देखिए विधायक रामेश्वर शर्मा का एक्स अकाउंट।

सीएस और डीजीपी साहब भी भूल गए क्या?

इस फेहरिस्त में अधिकारी भी हैं। ​हालात तो यह है कि मध्यप्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा यूं तो हर घर तिरंगा अभियान की पूरी प्लानिंग में हैं, पर उन्होंने अपनी वॉट्सऐप डीपी पर तिरंगा नहीं लगाया है। वहीं, तिरंगा रैलियों में सुरक्षा व्यवस्था संभालने वाली पुलिस के मुखिया यानी डीजीपी सुधीर सक्सेना की वॉट्सऐप डीपी पर भी तिरंगा नुमाया नहीं हो रहा है। 

कमिश्नर और कलेक्टरों ने भी नहीं बदली डीपी

इसी तरह का हाल संभागीय आयुक्त एवं कलेक्टरों का है। सीएमओ के अफसरों को छोड़ दें तो ज्यादातर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों ने अपनी सोशल मीडिया अकाउंट्स पर डीपी में तिरंगा नहीं लगाया है। हालांकि इसका कोई आधिकारिक आदेश नहीं निकला है, लेकिन नैतिकता के आधार पर अधिकारियों को डीपी बदलनी चाहिए थी, ताकि उनके मातहत भी उन्हें फॉलो करते हुए डीपी पर तिरंगा लगाएं, लेकिन प्रदेश की अफसरशाही में ऐसा नहीं ​नजर आ रहा है। 

प्रशासन: इन अधिकारियों ने डीपी में लगाया तिरंगा...

  • राजेश राजौरा अपर मुख्य सचिव सीएमओ

  • संजय शुक्ला प्रमुख सचिव सीएम ऑफिस

  • भरत यादव सचिव सीएम ऑफिस

  • अशोक वर्णवाल, अपर मुख्य सचिव वन विभाग

  • केसी गुप्ता, अपर मुख्य सचिव पीडब्ल्यूडी

  • नीरज मंडलाई, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन

  • संदीप यादव, प्रमुख सचिव हेल्थ एंड मेडिकल एज्यूकेशन

  • पी.नरहरि, सचिव पीएचई

  • सुदाम खाड़े, जनसंपर्क आयुक्त

  • अंशुल खरे, जनसंपर्क संचालक

  • कुमार पुरषोत्तम, उप सचिव पिछड़ा वर्ग

  • रोहित सिंह, उप सचिव वित्त

  • मनीष सिंह, सचिव उपभोक्ता आयोग 

  • गिरीष शर्मा, डिप्टी सेक्रेटरी जीएडी

पुलिस: इन्हें तिरंगे से प्यार...

  • विवेक शर्मा, पुलिस मुख्यालय

  • उपेन्द्र जैन, एमडी पुलिस हा​उसिंग

  • गौरव राजपूत, होम सेक्रेटरी 

  • अभिनव चौकसे, एसपी हरदा

  • अमित तोलानी, एसीपी इंदौर

  • सुशांत सक्सेना, आईजी चंबल

  • अंकित जैसवाल, एसपी नीमच

  • अनील कुशवाह, आईजी जबलपुर 

55 जिलों में सिर्फ 8 कलेक्टर और 2 एसपी ने ही बदली डीपी

यूं तो मध्यप्रदेश में 55 जिले हैं, लेकिन हर घर तिरंगा अभियान में सिर्फ 8 कलेक्टरों ने ही सहभागिता की है। इन्हें अपनी वॉट्सऐप डीपी पर तिरंगा लगाया है। इनमें भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव, श्योपुर कलेक्टर लोकेश जांगिड़, हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह, सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा, सीहोर कलेक्टर प्रवीण अढायच, रायसेन कलेक्टर अरविंद दुबे, विदिशा कलेक्टर रोशन कुमार सिंह और नरसिंहपुर कलेक्टर शीतला पटले शामिल हैं, वहीं एसपी की बात करें तो हरदा एसपी अभिनव चौकसे और नीमच एसपी अंकित जायसवाल ने ही डीपी में तिरंगा लगाया।

डीपी बदलने पर क्यों हट जाता है ब्लू टिक

  • ट्विटर ( जिसे अब एक्स कहा जाता है ) पर ब्लू टिक (वैरीफाइड बैज) हटने का कारण प्रोफाइल पिक्चर (डीपी) बदलने पर हो सकता है, लेकिन ये हमेशा नहीं होता।
  • सामान्यतः प्रोफाइल पिक्चर बदलने से ब्लू टिक तुरंत नहीं हटता है। अगर आप डीपी बदलते हैं और ट्विटर को लगता है कि यह आपकी पहचान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव कर रहा है तो वे इसे जांच के लिए रोक सकते हैं, जिससे ब्लू टिक अस्थायी रूप से हट सकता है।
  • वैरीफिकेशन को दोबारा पाने के लिए आपको ट्विटर के निर्देशों का पालन करना होगा, जिसमें आपकी पहचान की फिर पुष्टि हो सकती है। यदि कोई समस्या नहीं होती है तो ब्लू टिक डीपी बदलने के बावजूद भी बरकरार रहता है।

एक्स का ग्रे टिक क्या होता है

एक्स पर ग्रे टिक विशेष वैरीफिकेशन बैज है, जो सरकार, सरकारी एजेंसियों, आधिकारिक संगठनों, और प्रमुख अधिकारियों के अकाउंट्स को दर्शाने के लिए उपयोग किया जाता है। जैसे सभी सांसदों को ग्रे टिक मिला हुआ है। इसलिए जिन सांसदों ने अपनी डीपी पर तिरंगा लगाया है, उनका ग्रे टिक नहीं हटा है। दरअसल, ग्रे टिक का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यह खाता किसी आधिकारिक, सार्वजनिक या सरकारी संस्थान से जुड़ा हुआ है और इसकी पहचान की पुष्टि हो चुकी है। यह ब्लू टिक से अलग है, जो आमतौर पर सार्वजनिक हस्तियों, पत्रकारों, और अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों या संस्थाओं के खातों के लिए होता है। सारांश में, ग्रे टिक एक तरह का वैरीफिकेशन बैज है, जो आधिकारिक और सरकारी सोशल मीडिया अकाउंटस को मान्यता देने के लिए दिया जाता है।

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