सीएम हेल्पलाइन-181 में समस्याओं के समाधान में हो रही लगातार देरी के बीच, मध्य प्रदेश सरकार इसमें सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। अब गुजरात मॉडल के अनुसार, एक नया एल-5 स्तर जोड़ा जाएगा, जिसमें मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव लंबित शिकायतों का समाधान करेंगे।
पहले स्तर यानी एल-1 के अधिकारियों को जवाबदेह बनाने के लिए अब कार्यवाही विवरण में उनके हस्ताक्षर आवश्यक होंगे। इसके लिए सरकार जल्द ही अधिकारियों का एक दल गुजरात भेजने की योजना बना रही है, ताकि वे गुजरात की सीएम हेल्पलाइन की कार्यप्रणाली और समाधान के तरीकों को समझ सकें।
गुजरात से आए दल ने की रिपोर्ट पेश
गुजरात से आए अधिकारियों के दल ने मप्र की सीएम हेल्पलाइन की विशेषताओं और खामियों का अध्ययन कर रिपोर्ट में बताया है कि एल-1 स्तर पर उचित जिम्मेदारी की कमी के कारण शिकायतों के समाधान में देरी हो रही है। वर्तमान में, अधिकांश कार्यवाही का विवरण केवल कंप्यूटर ऑपरेटरों पर निर्भर है, जिसमें केवल प्रारंभिक जानकारी दर्ज होती है। अधिकारी के हस्ताक्षर की अनिवार्यता से जिम्मेदारी स्पष्ट होगी।
जबरदस्ती शिकायत क्लोज नहीं कर सकेंगे
एल-1, एल-2, एल-3 और एल-4 स्तर पर शिकायतों का समाधान किया जाता है। यदि एल-1 से एल-3 तक समाधान नहीं होता, तो शिकायतें एल-4 पर चली जाती हैं, जहां वे अक्सर लंबित रहती हैं या मजबूरन क्लोज कर दी जाती हैं। अब, इससे पहले कि शिकायतें फोर्स क्लोज की जाएं, एल-5 स्तर पर मुख्य सचिव या अतिरिक्त मुख्य सचिव भी उनके समाधान करेंगे। इन बदलावों से न केवल शिकायतों के त्वरित समाधान की संभावना बढ़ेगी, बल्कि अधिकारियों की जिम्मेदारी भी सुनिश्चित होगी, जिससे जनता की समस्याओं का प्रभावी निपटारा संभव हो सकेगा।
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