टीकमगढ़ जिले में सीएम हेल्पलाइन की लंबित शिकायतों का निराकरण किया जाएगा। इसके साथ अब प्रशासन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए एआई की मदद लेगा। एआई की सहायता से इनका स्वॉट एनालिसिस किया जाएगा। एनआईसी ने इस कार्य की शुरुआत कर दी है, जिसमें 50 दिन से अधिक समय से लंबित सभी शिकायतों के डेटा का एनालिसिस किया जा रहा है। इसका उद्देश्य यह जानना है कि किस विभाग में कमियां हैं, कौन सा विभाग सबसे अच्छा कार्य कर रहा है, और किन क्षेत्रों में सबसे अधिक कार्य की आवश्यकता है।
एआई करेगा समस्याओं का विश्लेषण
सीएम हेल्पलाइन की लंबित शिकायतों के निपटारे के साथ-साथ प्रशासन उन शिकायतों का भी परीक्षण कराएगा, जिससे कमजोर और कुशल विभागों की पहचान हो सके। राष्ट्रीय सूचना केंद्र के अधिकारी अविनाश पाठक के अनुसार, कलेक्टर के निर्देशन में ओपन एआई का प्रयोग कर डेटा एनालिसिस किया जा रहा है। इसके माध्यम से अधिकारियों की जिम्मेदारियां तय की जाएंगी और उन क्षेत्रों की पहचान होगी जहां पर काम नहीं हो रहा है।
क्या है स्वॉट एनालिसिस?
स्वॉट एनालिसिस के माध्यम से यह पता लगाया जाता है कि किस क्षेत्र में कार्य में कमी है और कौन बेहतर कार्य कर रहा है। अविनाश पाठक ने बताया कि अब तक के एनालिसिस में मोहनगढ़ तहसील का अचर्रा गांव सबसे अधिक शिकायतों वाला क्षेत्र पाया गया है, जहां 350 से अधिक शिकायतें दर्ज हैं। इस एनालिसिस से यह पता चलेगा कि वहां की हकीकत क्या है और सुधार के उपाय क्या किए जा सकते हैं।
एनालिसिस से मिलेगी ये जानकारी:
डीआईओ पाठक ने बताया कि इस एनालिसिस से निम्न जानकारियां प्राप्त होंगी:
- सबसे अधिक शिकायतें किन क्षेत्रों से आ रही हैं।
- उन क्षेत्रों में लोगों की समस्याएं क्या हैं और निराकरण क्यों नहीं हो पा रहा।
- वास्तविक समस्याओं के कारण और उनकी जिम्मेदारियां कौन हैं।
- सबसे कम शिकायतें किस क्षेत्र से आ रही हैं।
- किन क्षेत्रों के लोग शिकायतों के निराकरण से संतुष्ट हैं।
- अच्छे अधिकारियों और कर्मचारियों की पहचान होगी।
- योजनाओं के क्रियान्वयन में सुधार करने में सहायता मिलेगी।
अधिकारियों का कहना है कि सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निदान के लिए एआई आधारित एनालिसिस से यह पता चलता है कि किस क्षेत्र में समस्याओं की संख्या अधिक है। उदाहरण के लिए, वीरऊ में पशु चिकित्सा विभाग की शिकायतें अधिक मिलीं क्योंकि वहां कोई पदस्थ नहीं था। इस एनालिसिस के बाद संबंधित विभागों के शिविर लगाकर समाधान किया जाएगा।
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