/sootr/media/media_files/2024/12/01/EwPL5NEV81PPMlqB17S1.jpg)
मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ 5 लाख 52 हजार नियमित कर्मचारियों में से 1 लाख ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कर्मचारी वरिष्ठता, वेतन वृद्धि, वेतनमान और समयमान वेतन की मांग कर रहे हैं। बता दें कि हाल ही में स्थायी कर्मचारियों के नियमितीकरण के 167 मामले सामने आए थे। वहीं कोर्ट-कचहरी और अफसरों की पेशी में हर साल होने वाले 100 करोड़ रुपए के भारी भरकम खर्च से निजात पाने के लिए अब प्रदेश के सात लाख कर्मचारियों की कुंडली तैयार की जा रही है, जिसमें हर कर्मचारी के ज्वाइनिंग से लेकर रिटायरमेंट तक का रिकॉर्ड सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के पास रहेगा।
सर्विस रिकॉर्ड से जुड़ा सटीक आंकड़ा नहीं
बता दें कि इस मामले में सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने सभी विभागों और विभागाध्यक्षों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। गौरतलब है कि अगर किसी अधिकारी या कर्मचारी का सेवा संबंधी कोई मामला है तो उसका समाधान शासन स्तर पर ही होगा। अगर मामला नहीं सुलझा तो कर्मचारी कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकेंगे। अभी तक सरकार के पास कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड से जुड़ा सटीक आंकड़ा नहीं है।
क्या होगा सुधार?
मौजूदा समय में केवल वित्त विभाग के पास उन कर्मचारियों की जानकारी है जो ट्रेजरी से वेतन प्राप्त करते हैं। नई व्यवस्था के तहत, वित्त विभाग अब केवल वित्तीय लेन-देन, जैसे वेतन और भुगतान तक सीमित रहेगा। सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) अब प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के वेतन भत्तों, वेतनमान निर्धारण, और समयमान वेतन के मामलों का ऑनलाइन समाधान करेगा। इससे कर्मचारियों से संबंधित मामलों में कोर्ट में जाने की संख्या में कमी आने की उम्मीद है।
जीएडी (सामान्य प्रशासन विभाग) कर्मचारियों के अवकाश, सीआर, स्थानांतरण और पदोन्नति की जानकारी एकत्र करने के लिए मप्र स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम के सहयोग से एक नया पोर्टल विकसित कर रहा है। यह पोर्टल मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (HRMS) के तहत कार्य करेगा, जिसमें प्रदेश के समस्त सरकारी कर्मचारियों का एकीकृत डेटाबेस संकलित किया जाएगा। इस पोर्टल के माध्यम से कर्मचारियों का रिकॉर्ड सरकारी डेटाबेस में दर्ज किया जाएगा, जिससे कर्मचारियों की जानकारी सरकार के पास सुलभ रूप से उपलब्ध होगी।
भ्रष्ट अधिकारियों की खैर नहीं, नौकरी छोड़ चुके तो भी नपेंगे
कर्मचारियों का ऑनबोर्डिंग पोर्टल पर पंजीकरण
पहले चरण में, 17 प्रमुख विभागों में 1 लाख 77 हजार कर्मचारियों का ऑनबोर्डिंग पोर्टल पर पंजीकरण प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके बाद, बाकी के 30 विभागों में यह प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके अतिरिक्त, विभागाध्यक्ष कार्यालयों, कमिश्नरी और कलेक्ट्रेट में भी इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा। इस पहल के माध्यम से, जल्द ही 7 लाख सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के स्थापना संबंधी कार्यों का पारदर्शी और प्रभावी तरीके से निपटान किया जा सकेगा, जिससे शासकीय कार्यों की उत्पादकता में वृद्धि होगी।
फोन पर कर सकेंगे रिश्वतखोरों की शिकायत, लोकायुक्त ने जारी किया नंबर
सेवा संबंधी रिकॉर्ड का Digitization
अब सभी सरकारी कर्मचारियों का डेटा एकत्र किया जाएगा, ताकि शासकीय अमले का प्रबंधन बेहतर तरीके से किया जा सके। फिलहाल यह रिकॉर्ड केवल कर्मचारी के पास होता है, और उसकी एक प्रति उस विभाग के एचओडी (Head of Department) के पास रहती है। सरकारी कर्मचारियों के सेवा संबंधी रिकॉर्ड को डिजिटलीकरण किया जाएगा, क्योंकि अब तक सेवा रिकॉर्ड का कहीं भी डिजिटल रूप में संग्रहण नहीं किया गया है। इसके अलावा, कर्मचारियों की सीआर (Confidential Report), विभागीय जांच, अनुकंपा नियुक्ति, और सेवा समाप्ति से संबंधित मामलों का ऑनलाइन समाधान किया जाएगा।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक