मध्यप्रदेश में ऑनलाइन उपस्थिति पर सवाल, पहले दिन मात्र 3 प्रतिशत शिक्षकों ने लगाई हाजिरी

मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए 1 जुलाई से ऑनलाइन हाजिरी लगाना अनिवार्य किया था। लेकिन पहले ही दिन प्रदेश के केवल तीन प्रतिशत शिक्षकों ने ही ऑनलाइन हाजिरी लगाई है। साढे़ तीन लाख शिक्षकों में से मात्र दस हजार शिक्षकों ने हाजिरी लगाई हैै।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (the sootr)

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मध्यप्रदेश सरकार ने 1 जुलाई 2025 से सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए ऑनलाइन हाजिरी लगाने का आदेश जारी किया था। इसका उद्देश्य शिक्षकों की अनुपस्थिति को नियंत्रित करना था। शिक्षा विभाग ने "हमारे शिक्षक" एप के जरिए इस व्यवस्था को लागू करने की कोशिश की थी। इस एप के माध्यम से, शिक्षकों को स्कूल पहुंचते ही अपनी हाजिरी के तौर पर एक "सेल्फी" अपलोड करनी थी। लेकिन पहले दिन प्रदेश के साढे़ तीन लाख शिक्षकों में से केवल मात्र दस हजार शिक्षकों ने ही आनलाइन हाजिरी लगाई हैै।

पहले दिन ऑनलाइन हाजिरी की स्थिति 

इस नए नियम के पहले ही दिन सिस्टम की कार्यप्रणाली में खामियां सामने आ गई। कई जगह नेटवर्क नहीं मिला तो कई जगह सेल्फी अपलोड नहीं हो रही थी। दूसरी ओर शिक्षकों ने भी इस नए प्रयोग में विशेष रूचि नहीं दिखाई। पहले दिन राज्य के साढे तीन लाख शिक्षकों में से सिर्फ 10 हजार 461 शिक्षकों ने आनलाइन हाजिरी लगाई। इसमें भी दोनों समय की हाजिरी लगाने वाले जहां केवल 2394 थे तो आने की हाजिरी केवल आठ हजार 67 शिक्षकों ने ही लगाई। 

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88 हजार शिक्षकों ने डाउनलोड किया है एप 

प्रदेश के साढे़ तीन हजार शिक्षकों में से इस एप को डाउनलोड करने वाले शिक्षकों की संख्या भी एक तिहाई से कुछ कम है। प्रदेश में अब तक 88 हजार शिक्षकों ने इस एप को डाउनलोड किया है। डाउनलोड के आंकड़ों के मान से ऑनलाइन हाजिरी लगाने वाले शिक्षकों की संख्या बहुत कम रही। इस कम हाजिरी का कारण शिक्षकों द्वारा इस एप का विरोध करना और तकनीकी समस्याएं बताई जा रही है। शिक्षक लंबे समय से इस नई व्यवस्था का विरोध कर रहे है।

शिक्षकों की उपस्थिति सुधारने की कवायद

सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर हमेशा सवाल उठते रहते है। आए दिन स्कूलों से शिक्षकों के गायब रहने की खबरें सामने आती है। शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह स्वयं इस समस्या को स्वीकार कर चुके है कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक स्कूल समय पर नहीं जाते है। इस समस्या से निपटने के लिए शिक्षकों की डिजिटल हाजिरी लगाने की प्रणाली लागू की गई है, लेकिन यह सफल होती दिखाई नहीं दे रही है। प्रदेश में यह चौथा अवसर होगा जब ऐसा प्रयास किया जा रहा है।

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प्रदेश में डिजिटल हाजिरी का चौथा प्रयास

ऐसा नहीं है कि पहली बार प्रदेश में ऑनलाइन हाजिरी लगाने की योजना बनाई गई है। वर्तमान व्यवस्था से पहले भी तीन बार यह प्रयास प्रदेश में हो चुका है। स्कूल शिक्षा विभाग ने वर्ष 2017, 2020 व 2022 में शिक्षा मित्र एप के माध्यम से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने का प्रयास किया था, लेकिन शिक्षकों के भारी विरोध के बाद व सभी शिक्षकों के पास स्मार्ट फोन की कमी के चलते यह प्रयास विफल हो गए थे। इस बार भी शिक्षक इस नई व्यवस्था का विरोध कर रहे है। 

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मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग शिक्षक ऑनलाइन शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह डिजिटल हाजिरी