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जबलपुर के चर्चित खटवानी मोटर्स से जुड़ा रहस्यमय अपहरण का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। मैनेजर अमित बैरागी के अचानक लापता होने के बाद पीड़ित पक्ष ने जबलपुर हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की।
कोर्ट की एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिविजन बेंच ने सुनवाई करते हुए खटवानी मोटर्स के मालिक रोहित खटवानी, जबलपुर पुलिस अधीक्षक और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। इस मामले में अधिवक्ता अभिषेक पांडे ने अमित के पक्ष में पैरवी की।
रहस्यमय ढंग से गायब हुए थे मैनेजर
खटवानी मोटर्स के मैनेजर अमित बैरागी, जो जबलपुर और शहडोल ब्रांच का काम देखता था। वह 27 लाख रुपए की बड़ी रकम लेकर अनूपपुर से जबलपुर लौट रहा था। उसी दौरान रास्ते में कथित रूप से मारपीट कर उसका अपहरण कर लिया गया।
इस घटना की शिकायत अमित के साले द्वारा की गई थी, जिसमें अपहरण का सीधा आरोप खटवानी मोटर्स के मालिक रोहित खटवानी पर लगाया गया है। उनका आरोप है कि कंपनी के अवैध कामों में लिप्त रहने के लिए अमित पर दबाव बनाया जा रहा था। इसी के चलते खटवानी मोटर्स के मालिक ने इस घटना को अंजाम दिया है।
पुलिस की जांच से नाखुश हैं परिजन
जबलपुर पुलिस की जांच से नाखुश अमित के परिजनों ने अब हाईकोर्ट की शरण ली है। पहले एसपी ऑफिस में पहुंची शिकायत में मामले की गंभीरता को देखते हुए मदन महल थाना प्रभारी को जांच के आदेश तो दिए गए थे। लेकिन पीड़ित परिवार का आरोप है कि जांच में निष्क्रियता और पक्षपात बरता जा रहा है।
इसी कारण अमित के परिजन हाईकोर्ट पहुंचे और बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की। यह याचिका तब दाखिल की जाती है जब किसी व्यक्ति को अवैध रूप से हिरासत में रखने या गायब होने की आशंका हो।
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खटवानी मोटर्स पर कई संगीन आरोप
इस विवाद में नया मोड़ तब आया जब अमित के परिजनों ने आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि खटवानी मोटर्स टैक्स चोरी और फर्जी आरटीओ रजिस्ट्रेशन में शामिल है। आरोप है कि कंपनी ने पुरानी गाड़ियों को अवैध रूप से खरीदकर उन्हें नए वाहनों की तरह रजिस्टर किया और बेचा।
परिवार का कहना है कि अमित को इस आपराधिक षड्यंत्र में दबाव डालकर शामिल किया गया। इस कारण खटवानी मोटर्स के मालिक ने उसका अपहरण किया। इन आरोपों ने मामले को अपहरण से बढ़कर आर्थिक अपराध और संगठित गिरोह की संलिप्तता बना दिया है। प्रशासनिक हलकों में हलचल बढ़ गई है और वाणिज्यिक कर विभाग और परिवहन विभाग की सक्रियता की संभावना जताई जा रही है।
खटवानी मोटर्स की बढ़ी मुश्किलें
खटवानी मोटर्स के खिलाफ लगे आरोपों ने कंपनी की साख को नुकसान पहुंचाया है। दूसरी ओर, पुलिस की निष्क्रियता और प्रारंभिक जांच पर सवाल उठ रहे हैं।
कोर्ट के आदेश के बाद जबलपुर पुलिस को अमित बैरागी को जल्द खोजकर कोर्ट के सामने पेश करना होगा। यदि हाईकोर्ट को आरोपों में सत्यता मिलती है, तो खटवानी मोटर्स और संबंधित व्यक्तियों पर आपराधिक, आर्थिक और कर संबंधी कार्रवाई की संभावना है।
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