एमपी में खुलेगा ऊर्जा थाना : अब बिजली चोरी की तो सीधे होगी FIR, कंपनी की अलग रहेगी पुलिस
मध्य प्रदेश। बिजली चोरी पर अंकुश लगाने के लिए अब बिजली कंपनियों के पास खुद की पुलिस होगी। इसके लिए संभागीय स्तर पर ऊर्जा थाने खोले जाएंगे। ये थाने गुजरात मॉडल पर खोले जाएंगे।
मध्यप्रदेश में बिजली चोरी पर अंकुश लगाने के लिए अब बिजली कंपनियों के पास खुद की पुलिस होगी। इसके लिए संभागीय स्तर पर ऊर्जा थाने खोले जाएंगे। ये थाने गुजरात मॉडल पर खोले जाएंगे। इसको लेकर एमपी बिजली विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। अब सीएम मोहन यादव की हरी झंडी के बाद इसे लागू किया जाएगा।
पहले भी दो बार हो चुका है प्रयास
बता दें कि ऊर्जा थाने गुजरात मॉडल पर खोले जाएंगे। हालांकि, इसके पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार में दो बार हर जिले में बिजली थाने खोलने का प्रयास हो चुका है।
लेकिन दोनों ही बार मंत्रियों की आपत्ति के बाद इस प्रस्ताव को रद्द करना पड़ा था। मंत्रियों का कहना था कि बिजली थाने में बिजली चोरी के प्रकरण दर्ज होने से लोगो में खासी नाराजगी बढ़ेगी इसका असर सीधे उनके वोट बैंक पर आएगा।
मोहन सरकार में अब नए सिरे से गुजरात मॉडल पर ऊर्जा थाने खोलने की तैयारी है। शुरुआत में 6 संभागों में थाने खोले जाएंगे। इसके बाद बिजली कंपनियों के 3-3 सर्किल का क्लस्टर बनाकर 12 थाने खोले जाएंगे।
बिजली थानों में पुलिसकर्मी तैनात होंगे और वो बिजली चोरी के मामलों में ही कार्रवाई करेंगे। मध्य प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियां मध्य, पूर्व और पश्चिम क्षेत्र लगातार इस बात की मांग कर रही थीं कि बिजली चोरी रोकने के लिए उनके पास अपनी अलग एमपी पुलिस होनी चाहिए।
क्योंकि कई बार बिजली चोरी के मामलों में कार्रवाई करने जाने पर बिजली कंपनियों को स्थानीय पुलिस की मदद नहीं मिल पाती है।
एमपी में खेतों में केबल (तार) चोरी के मामले भी सामने आते हैं। बिजली कंपनियों द्वारा बिजली थाने बनाए जाने की मांग की जा रही थी। कई बार बिजली कर्मचारियों पर हमले तक हो जाते हैं।
ये खबर भी पढ़ें:
छत्तीसगढ़ के चौथे राज्यपाल और पूर्व डिप्टी NSA डॉक्टर शेखर दत्त का निधन