लापरवाही पर जिला प्रशासन की बड़ी कार्रवाई: लिपिक बर्खास्त, बाकी की वेतनवृद्धि रोकी गई

कोरबा जिला प्रशासन ने वर्षों से लंबित चल रही विभागीय जांचों का निपटारा करते हुए छह कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। इनमें एक कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया गया।

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Harrison Masih
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कोरबा जिला प्रशासन ने वर्षों से लंबित चल रही विभागीय जांचों का निपटारा करते हुए छह कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। इनमें एक कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया गया, जबकि अन्य पांच के खिलाफ वेतनवृद्धि रोकने जैसे दंडात्मक आदेश जारी किए गए हैं। कलेक्टर अजीत बसंत ने यह आदेश जारी किया।

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1. बिना सूचना अनुपस्थित रहने पर बर्खास्तगी

पाली विकासखंड के तहसील कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-02 कमल कुमार यादव 16 जून 2016 से लगातार अनुपस्थित थे। उन्होंने अपनी अनुपस्थिति की कोई सूचना भी विभाग को नहीं दी थी। जांच में आरोप सही पाए जाने पर उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।

2. घूस मांगने वाले पटवारी पर कार्रवाई

विमल सिंह, पटवारी (निलंबित), पर ऋण पुस्तिका और अन्य राजस्व कार्यों के लिए 10,000 से 80,000 रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप था। विभागीय जांच में आरोप प्रमाणित पाए गए। उन्हें दो वेतनवृद्धियों की संचयी प्रभाव से रोक के साथ निलंबन से बहाल किया गया है। इसके साथ ही उनकी विभागीय जांच समाप्त मानी गई।

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3. नामांतरण में गड़बड़ी करने वाले पटवारी पर कार्रवाई

बरपाली तहसील के मोहनलाल कैवर्त, पटवारी (निलंबित), पर बिना अधिकृत आदेश के भुइया ID में गलत नामांतरण प्रविष्टि करने का आरोप था। उन्होंने भूमि खसरा नंबर 1403/3 को पूर्व आदेश विकल्प का दुरुपयोग कर कई लोगों के नाम पर चढ़ाया और खुद डिजिटल हस्ताक्षर कर प्रमाणित भी किया। जांच में आरोप सिद्ध होने पर दो वेतनवृद्धियां संचयी प्रभाव से रोकी गईं और उन्हें भी बहाल कर विभागीय जांच समाप्त की गई।

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4. अनाधिकृत अनुपस्थिति पर कार्रवाई

मनोज कुमार गोभिल, सहायक ग्रेड-02, पूर्व में तहसीलदार अजगरबहार और वर्तमान में तहसीलदार दीपका कार्यालय में पदस्थ हैं। स्थानांतरण के बाद नवीन पदस्थापन स्थल पर अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने पर उनके खिलाफ विभागीय जांच हुई। आरोप प्रमाणित होने पर एक वेतनवृद्धि संचयी प्रभाव से रोकी गई।

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प्रशासन का सख्त संदेश

इन कार्रवाइयों से स्पष्ट है कि कोरबा जिला प्रशासन अनियमितताओं और लापरवाही के मामलों में अब और नरमी बरतने के मूड में नहीं है। वर्षों से लंबित जांचों को तेजी से निपटाया जा रहा है, जिससे सरकारी कर्मचारियों को ईमानदारी से कार्य करने का संदेश मिल रहा है।

कलेक्टर अजीत बसंत ने यह स्पष्ट किया है कि जनसेवा के कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही, भ्रष्टाचार या अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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