विश्वनाथ सिंह, INDORE। पंढ़रीनाथ थाने के टीआई सहित 12 पुलिस जवानों की ट्रेनिंग गुरूवार से शुरू हो गई है। इसमें सबसे पहला सेशन एडीशनल सीपी लॉ एंड ऑर्डर अमित सिंह का रहा। उन्होंने जवानों को लगभग 50 मिनट तक लॉ एंड ऑर्डर से संबंधिक ट्रेनिंग दी। अब शाम को पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह परीक्षा लेंगे। इसमें अगर वे फेल हो गए तो उन्हें दोबारा तब तक ट्रेनिंग लेनी होगी, जब तक कि वे तय मापदंडों को पूरा नहीं कर लेते हैं।
वरिष्ठ अफसरों के आदेश का मैदान में होना चाहिए पालन
पुलिस कमिश्नर की सजा में डीसीपी जोन 4 के कार्यालय में अटैच टीआई कपिल शर्मा सहित पंढरीनाथ थाने के 12 से ज्यादा जवानों को एडीशनल सीपी लॉ एंड ऑर्डर अमित सिंह ने डीसीपी ऋषिकेश मीणा के साथ प्रशिक्षण शुरू किया। ट्रेनिंग के पहले ही दिन उन्होंने 50 मिनट का सेशन लेकर समझाईश दी। इसमें एडीशनल सीपी अमित सिंह ने बताया कि हमारे प्रशिक्षण में मुख्य रूप से वरिष्ठ अफसरों द्वारा दिए जाने वाले निर्देशों का थाने और मैदान में पालन करना शामिल है। जो निर्देश वरिष्ठ अफसरों द्वारा दिए जा रहे हैं उन्हें हम पूरी स्पीड के साथ फील्ड मे उतार नहीं पा रहे हैं।
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50 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य
उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान स्टाफ को परीक्षा भी देनी होगी। इसमें उन्हें कम से कम 50 फीसदी अंक लाना अनिवार्य होगा। इसकी परीक्षा के प्रश्नों का निर्धारण सीपी संतोष सिंह करेंगे। इसमें जिस भी पुलिस जवान को 50 फीसदी अंक नहीं मिलेंगे उसे दोबारा ट्रेनिंग लेनी होगी। जब तक पुलिस जवान हमारे मानकों को पूरा नहीं कर लेते हैं, तब तक उनकी यह ट्रेनिंग जारी रहेगी।
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चेकिंग को प्रभावी बनाएं
सिंह ने बताया कि यह अलाइनमेंट का एक नया तरीका है। हमारे निर्देशों को लेकर रिस्पॉन्स कैसा होना चाहिए। पब्लिक के साथ हमारी बातचीत कैसी होनी चाहिए। माइक्रोबीट सिस्टम को कैसा होना चाहिए। चेकिंग को प्रभावी तरीके से कैसे की जा सकती है। साथ ही पेट्रोलिंग किस तरह से करनी है। कम्युनिटी पुलिसिंग पर कैसे काम करना है और पब्लिक इंटेलीजेंस को कैसे जनरेट कर सकते हैं।
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थाने के स्टाफ को भी बढ़ाएंगे
उन्होंने बताया कि आगामी तीन दिन तक इन्हीं सब मुद्दों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा अगर लगाता है कि थाने में स्टाफ की कैपेसिटी को बढ़ाया जाए तो वह भी करेंगे। अर्बन पुलिसिंग के हिसाब से पूरे स्टाफ को ढ़ालना है। सिर्फ थाना प्रभारी ही नहीं, बल्कि कॉन्स्टेबल भी इन सभी चीजों को बेहतर तरीके से समझे और उसको हूबहू फील्ड में लागू करने के लिए तत्पर रहे।
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पीड़ितों के आंसू पोछे, कंफर्ट जोन दे
इसमें बताया कि थाने मे बैठकर किस तरह से पब्लिक स्पीकिंग करनी है। जिन लोगों की गरिमा और आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है और वे आंसू बहाते हुए थाने आ रहे हैं। उनके आंसुओं को पोछकर उसे कंफर्ट जोन प्रदान किया जाए। उसके अंदर का जो गुबार है उसको निकाला जाए। साथ ही उसे तत्काल न्याय दिलाया जाए। अगर बीएनएस की धाराओं के तहत कोई अपराध बनता है तो उसे दर्ज करके विवेचना शुरू कर दी जाए।
अब अन्य थाने के स्टाफ को भी मिलेगा प्रशिक्षण
सीपी का फोकस है कि शहर में पुलिस की विजिबिलिटी बड़ाई जाए। इसके लिए बीट सिस्टम को और मजबूत करना है। इसमें माइक्रो बीट और कम्युनिटी पुलिसिंग पर काम करना है। हमारी चेकिंग रैंडमली हो और उसमें सरप्राइज एलिमेंट होने चाहिए। जो भी क्राइम का हॉट स्पॉट हो वहां पर यह व्यवस्था होने चाहिए। पुलिस असल में कलेक्टिव कंसर्न है। इसमें सभी स्टाफ को मिलकर बेहतर पुलिसिंग की तरफ अग्रसर किया जाना है। इस ट्रेनिंग में बाकी के थानों के स्टाफ को भी जोड़ा जाना है।