एमपी में नाबालिग रेप पीड़िता के साथ हैवानियत, CWC के 10 सदस्यों पर FIR, दोबारा आरोपी के घर भेजा गया था

पन्ना में एक नाबालिग रेप पीड़िता को बाल कल्याण समिति ने आरोपी के घर भेज दिया। इसके बाद दोबारा रेप हुआ। पूरे मामले को लेकर जिले में आक्रोश का माहौल है।

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Dablu Kumar
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Panna rape case
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मध्य प्रदेश के पन्ना जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां नाबालिग रेप पीड़िता को बाल कल्याण समिति ने दोबारा आरोपी के घर भेज दिया। जहां उसके साथ दोबारा रेप हुआ। इस गंभीर घटना के बाद छतरपुर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष और पांच सदस्यों सहित कुल 10 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है।

जिनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक, काउंसलर, केस वर्कर और एक अन्य महिला भी शामिल हैं। 

पुलिस ने तुरंत छापेमारी कर समिति के सदस्य आशीष बॉस को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य आरोपियों की तलाश में उनके घरों पर भी पूछताछ की गई। इस मामले में महिला बाल विकास अधिकारी अवधेश कुमार सिंह को भी नोटिस जारी किया गया है।

कर्मचारियों ने मामले को दबाने का प्रयास किया

लवकुशनगर (छतरपुर) के एसडीओपी नवीन दुबे के अनुसार, बाल कल्याण समिति और संबंधित अधिकारियों के गलत निर्णय के कारण ही पीड़िता को दोबारा रेप का सामना करना पड़ा।

जांच के दौरान यह बात भी सामने आई है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी और वन स्टॉप सेंटर के कर्मचारियों ने इस मामले को दबाने का प्रयास किया था। इसी आधार पर, गलत फैसला लेने वालों और मामले को छिपाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है।

नाबालिग पीड़िता को दोबारा रेप वाली खबर पर एक नजर 

  • नाबालिग पीड़िता को दोबारा आरोपी के घर भेजा गया: पन्ना जिले में बाल कल्याण समिति ने एक नाबालिग रेप पीड़िता को आरोपी के घर वापस भेज दिया, जहां उसके साथ दोबारा दुष्कर्म हुआ।

  • 10 लोगों पर FIR दर्ज: इस गंभीर लापरवाही के बाद, छतरपुर पुलिस ने बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष और पांच सदस्यों सहित कुल 10 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है।

  • अधिकारियों ने मामले को दबाने का प्रयास किया: पुलिस के अनुसार, बाल कल्याण समिति के गलत फैसले और जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी व वन स्टॉप सेंटर के कर्मचारियों द्वारा मामले को दबाने के प्रयास के कारण पीड़िता को दोबारा इस भयावह स्थिति का सामना करना पड़ा।

  • आरोपी को मिली जमानत, फिर किया दुष्कर्म: समिति के फैसले से आरोपी को जमानत मिल गई, जिसके बाद उसने पीड़िता के साथ दोबारा शारीरिक संबंध बनाए। मुख्य आरोपी को अब फिर से गिरफ्तार कर लिया गया है।

  • जांच का जिम्मा छतरपुर पुलिस को सौंपा गया: चूंकि पन्ना में बाल सुधार गृह नहीं है, इसलिए पन्ना पुलिस ने इस मामले की जांच का जिम्मा छतरपुर पुलिस को सौंपा है।

छतरपुर की एएसपी विदिता डांगर ने बताया कि रेप के इस मामले में बाल कल्याण समिति ने पीड़िता को आरोपी की भाभी के पास भेज दिया था, जो कि उसकी चचेरी बहन थी। इसी फैसले की वजह से आरोपी को जमानत मिल गई और जेल से बाहर आने के बाद उसने दोबारा पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाए। पुलिस ने अब मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

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इन लोगों पर दर्ज हुआ मामला

एफआईआर में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष भानू जड़िया और सदस्यों अंजलि भदौरिया, आशीष बॉस, सुदीप श्रीवास्तव तथा प्रमोद कुमार सिंह पर पॉक्सो एक्ट की धारा 17 (अपराध को बढ़ावा देने) के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं, वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक कविता पांडे, काउंसलर प्रियंका सिंह और केस वर्कर शिवानी शर्मा पर पॉक्सो एक्ट की धारा 21 (बाल यौन अपराध की रिपोर्ट न करने) के तहत कार्रवाई की गई है।

इसके अलावा जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी अवधेश सिंह पर पॉक्सो एक्ट की धारा 21, SC-ST एक्ट की धारा 4 और BNS की धारा 199 व 239 (कानून के विपरीत काम करने) के तहत मामला दर्ज किया गया है। अंजलि कुशवाहा पर किशोर न्याय अधिनियम की धारा 82 (बच्चों को शारीरिक दंड देने) के तहत भी केस दर्ज किया गया है।

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घटना की पूरी टाइमलाइन

पन्ना जिले के पवई में रहने वाली 15 साल की एक नाबालिग 16 जनवरी 2025 को स्कूल जाते समय अचानक लापता हो गई थी। लगभग एक महीने बाद, 17 फरवरी 2025 को उसे हरियाणा के गुरुग्राम से बरामद किया गया और आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इसके बाद 27 मार्च 2025 को जब परिजनों ने इस मामले की शिकायत की, तो कलेक्टर ने मामले पर फिर से विचार करने का आदेश दिया। लेकिन कथित तौर पर इस मामले को दबा दिया गया।

चौंकाने वाली बात यह है कि 29 मार्च 2025 को बाल कल्याण समिति ने नाबालिग को वापस आरोपी के घर भेजने का फैसला सुनाया। इसके बाद 29 अप्रैल 2025 को पीड़िता को एक बार फिर वन स्टॉप सेंटर भेजा गया, जहां काउंसलिंग के दौरान उसने कई बार अपने साथ रेप होने की बात बताई।

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यह मामला तब सामने आया जब पन्ना पुलिस ने जांच का जिम्मा छतरपुर पुलिस को सौंपा। पीड़िता और आरोपी अलग-अलग गांवों और जातियों से हैं। बताया गया है कि आरोपी नाबालिग को दिल्ली ले गया था, जहां उसे गुरुग्राम से पकड़ा गया।

 इस मामले में पन्ना कोतवाली में केस दर्ज किया गया था, जिसकी डायरी बाद में जुझार नगर थाने को भेज दी गई। चूंकि पन्ना में बाल सुधार गृह की सुविधा नहीं है, इसलिए छतरपुर पुलिस ही इस पूरे मामले की जांच कर रही है। छतरपुर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

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