पटवारी घोटाला महाआंदोलन अब 28 फरवरी को भोपाल में, अंतिम मौका और लड़ाई का दिया नारा

पटवारी भर्ती परीक्षा में घोटाले का आरोप लगा रहे छात्र, उम्मीदवारों ने अब एक बार फिर सड़क पर उतरने का फैसला लिया है। रविवार को एनईवाययू ने बैठक कर फैसला लिया कि यहां-वहां प्रदर्शन से कुछ नहीं होगा और आंदोलन सीधे भोपाल में करना होगा।

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Pratibha Rana
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नवलस,

पटवारी घोटाला महाआंदोलन

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संजय गुप्ता, INDORE. पटवारी भर्ती परीक्षा ( Patwari Recruitment Exam ) में घोटाले ( Patwari Scam ) का आरोप लगा रहे छात्र, उम्मीदवारों ने अब एक बार फिर सड़क पर उतरने का फैसला लिया है। रविवार को नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (एनईवाययू) ने बैठक कर फैसला लिया कि यहां-वहां प्रदर्शन से कुछ नहीं होगा और आंदोलन सीधे भोपाल में करना होगा। ताकि सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) और ईएसबी तक बात जाए और परीक्षा को रद्द किया जाए। तय किया गया कि 28 फरवरी को भोपाल मे पटवारी घोटाला महाआंदोलन ( Patwari Scam Mahaandolan ) किया जाएगा और इसे अंतिम मौका और अंतिम लड़ाई कहा गया है।

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यूपी में सिपाही भर्ती रद्द होने के बाद जोश में युवा

यूपी में भी बीजेपी सरकार है और वहां सिपाही भर्ती परीक्षा पर लगे आरोप और आंदोलन के बाद योगी सरकार ने परीक्षा को रद्द कर दोबारा छह माह में परीक्षा कराने का आदेश दिया है। इस खबर के बाद फिर से छात्र, उम्मीदवार जोश में हैं, और कह रहे हैं कि जब वहां हो सकता है तो मप्र में भी परीक्षा रद्द क्यों नहीं हो सकती है? इसलिए फिर से आंदोलन करना चाहिए  ( Patwari Scam Mahaandolan )। 

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इन मांगों को लेकर जाएंगे भोपाल

एनईवायू ने कहा कि मप्र पटवारी भर्ती परीक्षा ( Patwari Recruitment Exam ) में लगभग 50 फीसदी पदों पर फर्जीवाड़ा हुआ है और यदि आज इसे नहीं रोका गया तो यह प्रथा बन जाएगी। 

भोपाल चलो आंदोलन के लिए मुख्य मांग है कि-

1-    पटवारी फर्जी नियुक्तियों पर तुरंत रोक लगाई जाए

2-    पटवारी घोटाले की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए

3-    मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में तकनीकी विशेषज्ञों की एसआईटी गठित हो

4-    फर्जीवाड़ा पाए जाने पर पटवारी भर्ती को रद्द करके 6 माह में फिर परीक्षा हो

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जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की है

उम्मदीवारों ने इस मसले को लेकर ही जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है, इसे लेकर अभी स्टेटस क्या है यह सामने नहीं आया है। वहीं अभी तक आंदोलन कर रहे युवा मप्र के सभी जिलों में कलेक्टर के नाम पर ज्ञापन दे चुके हैं। इसमें इंदौर में भी बड़ा आंदोलन हुआ था और कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया था। लेकिन पूरी प्रक्रिया जीएडी (सामान्य प्रशासन विभाग) के निर्देशानुसार कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) से हुई है, ऐसे में अब भोपाल चलो नारा दिया गया है। 

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उधर नियुक्ति प्रक्रिया हो गई शुरू

उधर, शासन ने जून में जारी पुराने रिजल्ट को ही मान्य कर चयनितों को नियुक्ति देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पटवारियों की सूची भू अभिलेख आयुक्त ग्वालियर से मंजूर होकर हर जिले के कलेक्टर के पास जा चुकी है और जिले में भी 24 फरवरी को दस्तावेज सत्यापन का काम हो चुका है। अब बस नियुक्ति पत्र मिलना बाकी है, जिसके लिए सीएम डॉ. मोहन यादव की उपस्थित में आयोजन कराने की तैयारी की जा रही है।

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