एसआई-सूबेदार भर्ती में पुलिस के 15 फीसदी पदों पर PHQ की रूलबुक का ग्रहण
प्रदेश के युवाओं के साथ ही आरक्षक, प्रधान आरक्षक और एएसआई के रूप में तैनात पुलिसकर्मी भी इस भर्ती का इंतजार कर रहे थे। वे पुलिस महकमे में ड्यूटी करते हुए एसआई- सूबेदार बनने का सपना संजो रहे थे, लेकिन अब उम्मीद धराशायी होती दिख रही है।
BHOPAL. पुलिस की एसआई-सूबेदार भर्ती परीक्षा की रूलबुक से पुलिसकर्मी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। 8 साल बाद हो रही भर्ती में पुलिसकर्मियों को मिलने वाले 15 फीसदी आरक्षण पर पेंच उलझ गया है। पहले चरण की लिखित परीक्षा में पुलिसकर्मियों को सामान्य अभ्यर्थियों से प्रतिस्पर्धा करनी होगी।
इस परीक्षा परिणाम के कट-ऑफ में शामिल होने के बाद ही वे दूसरे चरण में इस आरक्षण का लाभ ले पाएंगे। रूल बुक में हॉरीजोन्टल आरक्षण का कट-ऑफ अलग से जारी न करने और खाली रहने वाले पदों को दूसरी कैटेगरी से भरने का नियम भी पुलिसकर्मियों का हक मार रहा है।
पुलिसकर्मी पहले चरण में आम अभ्यर्थियों से प्रतिस्पर्धा को लेकर पशोपेश में हैं। ड्यूटी में रहते हुए परीक्षा की तैयारी में पिछड़ने का डर भी उन्हें परेशान कर रहा है। पुलिसकर्मी इस पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं पुलिस की चयन एवं भर्ती शाखा ने नियमों में नए सिरे से किसी बदलाव या संशोधन से इंकार किया है।
पुलिसकर्मियों को सरकार से राहत की आस
मध्य प्रदेश में साल 2017 के करीब 8 साल बाद एसआई और सूबेदार के 500 पदों पर भर्ती आई है। पुलिस मुख्यालय के लिए कर्मचारी चयन मंडल इस भर्ती का आयोजन कर रहा है। 6 अक्टूबर को कर्मचारी चयन मंडल ने भर्ती परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके आवेदन 27 अक्टूबर से 10 नवम्बर तक भरे जाने हैं। अब उम्मीदवार पुलिस जवानों को सरकार से राहत की आस लगी हैं।
निराशा में बदला उम्मीद भरा इंतजार
प्रदेश के युवाओं के साथ ही आरक्षक, प्रधान आरक्षक और एएसआई के रूप में तैनात पुलिसकर्मी भी इस भर्ती का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। वे आरक्षक की ड्यूटी करते हुए एसआई- सूबेदार बनने का सपना संजो रहे थे, लेकिन अब यह उम्मीद टूटती दिख रही है। इसकी वजह भर्ती परीक्षा की रूल बुक है। जिसमें पुलिसकर्मियों के लिए मिलने वाले 15 फीसदी पदों पर आरक्षण के साथ छलावा हो गया है।
सरकार प्रावधान पर भारी रूलबुक
सरकार ने एसआई- सूबेदार भर्ती में छोटे पदों पर काम कर रहे पुलिस कर्मचारियों को प्राथमिकता दी है। भर्ती में 15 फीसदी पद 6 साल से ज्यादा कार्यकाल पूरा करने वाले आरक्षक या प्रधान आरक्षकों के लिए सुरक्षित रखने का प्रावधान है। लेकिन रूल बुक के नियम सरकार द्वारा तय प्रावधान को बेसर कर रहे हैं।
ईएसबी द्वारा जारी रूल बुक के अनुसार पुलिस आरक्षक, प्रधान आरक्षकों को 15 फीसदी आरक्षण का लाभ दूसरे चरण में ही मिलेगा। पहले चरण में होने वाली लिखित परीक्षा में यह प्रभावी नहीं होगा। लिखित परीक्षा में पुलिसकर्मियों को सामान्य अभ्यर्थी की तरह कट-ऑफ की रेस में शामिल होना होगा। यानी पुलिसकर्मियों को मिले हॉरीजोन्टल आरक्षण में अलग से कट-ऑफ जारी नहीं होगा।
एसआई- सूबेदार भर्ती में सरकार ने जिस प्राथमिकता का प्रावधान किया है पुलिसकर्मी उसके मायने तलाश रहे हैं। भर्ती के नियमों को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। जो फार्मूला 35% महिला आरक्षण के लिए रखा है वही पुलिसकर्मियों पर थोपा जा रहा है। पुलिसकर्मियों को ओपन कैटेगरी में कट-ऑफ में जगह बनानी होगी।
भर्ती के लिए जारी की गई रूलबुक में लिखित परीक्षा के अंक 200 से बढ़ाकर 600 कर दिए गए हैं वहीं फिटनेस टेस्ट के लिए अंक 100 रखे गए हैं। इंटरव्यू के अंक भी पांच गुना बढ़ाकर 10 से 50 कर दिए गए हैं। श्रेणी-3 और 4 के लिए साल 2017 में भर्ती प्रक्रिया को इंटरव्यू से मुक्त कर दिया गया था, लेकिन अब इसे फिर शुरू किया जा रहा है। इस पर भी सवाल उठ रहे हैं।
पुलिस भर्ती एवं चयन शाखा मप्र के प्रभारी एडीजी शाहिद अबसार ने कहा कि सूबेदार-एसआई भर्ती में कोई बदलाव नहीं किया गया है। जो नियम पहले से तय हैं उन्हीं के आधार पर भर्ती प्रक्रिया की जा रही है। जिस पद के लिए भर्ती हो रही है उसके लिए प्रारंभिक योग्यता तो साबित करना जरूरी है। पहले चरण के आधार पर नहीं बल्कि पूरी प्रक्रिया के आधार पर अंतिम परिणाम तैयार होगा। उसमें पुलिसकर्मियों को निर्धारित आरक्षण का लाभ दिया जाएगा है।