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Photograph: (thesootr)
मध्यप्रदेश परिवहन विभाग ने टेम्प्रेरी परमिट ( Temporary Permit ) और चेसिस रजिस्ट्रेशन फी बढ़ाने का फैसला किया है। शुल्क बढ़ाने का उद्देश्य कर चोरी रोकना और सिस्टम को पारदर्शी बनाना है। नए नियम 30 दिनों में लागू होंगे। इनसे खासतौर पर उन वाहन मालिकों पर वित्तीय दबाव बढ़ेगा, जो टेम्प्रेरी परमिट का इस्तेमाल कर रहे हैं।
टेम्प्रेरी परमिट शुल्क में बढ़ोतरी
टेम्प्रेरी परमिट वाहन मालिकों को अस्थायी रूप से वाहन चलाने की अनुमति देता है, जब तक कि उनका स्थायी पंजीकरण नहीं हो जाता। अब, नए नियमों में टेम्प्रेरी परमिट पर शुल्क में बढ़ोतरी की जा रही है। पहले 100 किलोमीटर तक 200 रुपए प्रति सीट प्रति माह शुल्क था, और इसके बाद हर 10 किलोमीटर पर 12 रुपए प्रति सीट शुल्क लगता था।
नए नियमों के अनुसार...
टेम्प्रेरी परमिट पर पहले किलोमीटर से ही 12 रुपए प्रति सीट प्रति माह शुल्क लगेगा।
स्थायी परमिट वाले वाहनों पर पहले किलोमीटर के लिए 200 रपए शुल्क लिया जाएगा और उसके बाद 12 रुपए प्रति सीट हर 10 किलोमीटर पर शुल्क लगेगा।
यह परिवर्तन मुख्य रूप से अस्थायी परमिट का उपयोग लंबे समय तक करने के खिलाफ है, जिससे अब वाहन मालिकों को स्थायी परमिट का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
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चेसिस रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ीचेसिस पंजीयन शुल्क में भी बढ़ोतरी की गई है, इससे वाहन मालिकों को अधिक शुल्क का भुगतान करना होगा। पहले वाहन मालिक केवल चेसिस पंजीकरण करा सकते थे और बाद में बॉडी जोड़ सकते थे। अब संशोधित नियमों में- 👉 7,500 किलोग्राम तक के वजन वाले वाहन के लिए चेसिस पंजीयन शुल्क अब वाहन की कीमत का 9% होगा (पहले यह 8% था)। 👉 पूर्ण निर्मित बॉडी वाले वाहनों पर शुल्क पहले की तरह 8% रहेगा। 👉 7,500 किलोग्राम से अधिक वजन वाले वाहनों के लिए पूर्ण निर्मित बॉडी पर शुल्क 5% और चेसिस पंजीयन शुल्क 6% होगा। इससे वाहन मालिकों को तत्काल उच्च शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा, जो पहले केवल चेसिस का पंजीकरण करवा सकते थे और बाद में बॉडी जोड़ सकते थे। |
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शादी की बस के परमिट में बढ़ोतरी
एमपी परिवहन विभाग ( mp rto) ने शादी और अन्य पारिवारिक आयोजनों के लिए अस्थायी बस परमिट शुल्क में भी बढ़ोतरी की है। पहले यह शुल्क 12 रुपए प्रति सीट प्रति माह था, जिसे अब बढ़ाकर 20 रुपए प्रति सीट प्रति माह कर दिया गया है। इस वृद्धि से उन परिवारों पर अतिरिक्त खर्च का बोझ पड़ेगा जो शादी के लिए बसें किराए पर लेते हैं।
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उपनगरों के बीच चलने वाले वाहनों पर टैक्स में कमी
कुछ वाहनों के लिए शुल्क में कमी की गई है, खासतौर पर उन वाहनों के लिए जो महानगरों और उपनगरों के बीच चलते हैं। पहले इन वाहनों पर 150 रुपए प्रति सीट प्रति माह शुल्क लिया जाता था, लेकिन अब यह शुल्क 150 रुपए प्रति सीट हर तीन महीने के लिए लिया जाएगा। इसका उद्देश्य उपनगरों में परिवहन को बढ़ावा देना है और वाहनों की संख्या को बढ़ाना है।
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वाहन स्क्रैपिंग प्रमाणपत्र पर छूट
मध्यप्रदेश में 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के बाद, वाहन मालिकों को नए वाहन पर 50% कर में छूट मिलने का प्रावधान है। यह छूट केवल तब मिलेगी जब वाहन मालिक स्क्रैप वाहन का प्रमाणपत्र अपने नाम से जारी कराएगा और नया वाहन उसी नाम से खरीदा जाएगा। यदि प्रमाणपत्र पर वाहन मालिक का नाम नहीं है या यदि नया वाहन अन्य व्यक्ति के नाम पर खरीदा जाता है, तो छूट नहीं मिलेगी।