मध्य प्रदेश में पीएम गरीब कल्याण योजना में फर्जीवाड़ा, मृतकों को मिला करोड़ों का राशन

मध्य प्रदेश के गुना में ऐसा फर्जीवाड़ा सामने आया है जिसमें पीएम गरीब कल्याण योजना में 4989 मृतकों के नाम से राशन जारी हो रहा था, जिससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हो रहा है।

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Abhilasha Saksena Chakraborty
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Ration alloted in the name of dead persons
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MP News: मध्य प्रदेश के गुना में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत ऐसे लोगों के नाम पर राशन जारी किए गए हैं जो जीवित ही नहीं हैं।  यहां 4989 मृतक लोगों के नाम से राशन दिया गया, जिससे हर महीने लगभग 8.43 लाख रुपए का सरकार को नुकसान हो रहा था। जिले में यह फर्जीवाड़ा पिछले तीन से चार साल से चल रहा था।

स्मार्ट पीडीएस सिस्टम का खुलासा

केंद्र सरकार द्वारा स्मार्ट पीडीएस सिस्टम लागू करने के बाद उपभोक्ताओं की ईकेवायसी प्रक्रिया के दौरान यह गड़बड़ी सामने आई। जांच में पता चला कि कई मृतक व्यक्तियों के नाम से राशन जारी हो रहा था। इसके बाद प्रशासन ने ऐसे मृतकों के नाम राशन की सूची से हटाना शुरू कर दिया है।

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विभाग ने शुरू की कार्रवाई

जिले के आपूर्ति विभाग के अधिकारी अवधेश पांडे ने बताया कि यह फर्जीवाड़ा अब पकड़ा गया है, और अब मृतकों के नाम काटे जा रहे हैं। उन्होंने जनता से अपील की है कि वे अपनी पात्रता पर्ची को दुरुस्त कराएं ताकि आगे इस तरह की गड़बड़ी न हो सके।

PDS Ration 

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत जिले में 2 लाख 17 हजार परिवारों को राशन दिया जाता है, जिसमें प्रति सदस्य 2 किलो गेहूं, 3 किलो चावल, और 1 किलो नमक दिया जाता है। इन मृतकों के नाम से राशन जारी होने से सरकार को हर महीने 8.43 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है। यदि इस गड़बड़ी को पिछले पांच सालों से जोड़ा जाए, तो सरकार को 3 से 4 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

FAQ

1. पीएम गरीब कल्याण योजना में कैसे फर्जीवाड़ा हो रहा था?
मध्य प्रदेश में पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत मृतकों के नाम पर राशन जारी हो रहा था। यह गड़बड़ी केंद्र सरकार के स्मार्ट पीडीएस सिस्टम लागू होने के बाद सामने आई, जिसमें मृतकों के नाम राशन सूची में बने रहे और उनके परिवारों ने राशन लिया।
2. सरकार को इस फर्जीवाड़े से कितना नुकसान हुआ है?
इस फर्जीवाड़े के कारण सरकार को हर महीने 8.43 लाख रुपए का नुकसान हो रहा था। साल भर का आंकड़ा देखा जाए तो यह एक करोड़ रुपए से अधिक होता है, और पिछले पांच सालों में सरकार को 3 से 4 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
3. स्मार्ट पीडीएस सिस्टम लागू होने के बाद क्या कदम उठाए गए हैं?
स्मार्ट पीडीएस सिस्टम लागू होने के बाद, ईकेवायसी के जरिए मृतकों के नाम राशन सूची से हटा दिए गए हैं। जिला आपूर्ति विभाग ने इस गड़बड़ी को सुधारने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है और लोगों से अपील की है कि वे अपनी पात्रता पर्ची को दुरुस्त कराएं।

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