एमपी में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में फर्जीवाड़ा, EOW ने दर्ज की 13 लोगों के खिलाफ FIR

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत राशि हड़पने के मामले में 13 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। यह मामला जीवित व्यक्तियों को मृत बताकर फर्जी दस्तावेज तैयार करने से जुड़ा है। FIR ग्वालियर इकाई ने दर्ज की।

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Sandeep Kumar
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MP NEWS: ग्वालियर में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत बीमा राशि हड़पने का एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर 13 आरोपियों को नामजद किया है। आरोपी ग्वालियर, मुरैना और भिंड जिले के मैक्स लाइफ इंश्योरेंस, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के कर्मचारी, बीमा एजेंट और पंचायत सचिव हैं।

गिरोह की सरगना दीपमाला मिश्रा

इस फर्जीवाड़े की सरगना दीपमाला मिश्रा है, जो मैक्स लाइफ इंश्योरेंस की पूर्व कर्मचारी और एक वकील भी है। दीपमाला ने 'एंटी करप्शन फाउंडेशन ऑफ वर्ड' नाम से एक संस्था बनाई थी, जिसका उद्देश्य भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना था। हालांकि, उसने इस संस्था का उपयोग फर्जी बीमा योजनाओं के लिए सदस्य बनाने और दस्तावेज जुटाने के लिए किया।

5 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी

👉 इस फर्जीवाड़े की मुख्य आरोपी दीपमाला मिश्रा है, जो मैक्स लाइफ इंश्योरेंस की पूर्व कर्मचारी और एक वकील भी है। दीपमाला ने 'एंटी करप्शन फाउंडेशन ऑफ वर्ड' नाम से एक संस्था बनाई थी।

👉 दीपमाला और उसके साथियों ने जीवित व्यक्तियों के नाम पर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार किए। यह कार्य नगर निगम कर्मचारियों के साथ मिलकर किया गया था। इसके बाद, इन प्रमाण पत्रों के आधार पर बीमा राशि हड़पी गई।

👉 मुरैना और भिंड के पंचायत सचिवों ने भी इस गिरोह की मदद की। उन्होंने मृत व्यक्तियों की सूची तैयार की और बीमा राशि हड़पने के लिए फर्जी दस्तावेज़ तैयार करने में सहयोग किया।

👉 ईओडब्ल्यू ने अब तक ग्वालियर, मुरैना और भिंड में 15 प्रकरणों का पर्दाफाश किया है और तीन एफआईआर दर्ज की हैं। जांच जारी है, और पुलिस ने कहा है कि इस मामले में और एफआईआर भी दर्ज की जा सकती हैं।

👉अब तक 13 आरोपी नामजद किए गए हैं, लेकिन पुलिस का कहना है कि जांच के दौरान और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। इस फर्जीवाड़े में शामिल अन्य लोगों को भी जल्द पकड़ा जाएगा।

 

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फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की साजिश

दीपमाला और उसके साथियों ने जीवित व्यक्तियों के नाम पर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए। ये प्रमाण पत्र नगर निगम कर्मचारियों के साथ मिलकर तैयार किए गए थे। इसके बाद, बीमा राशि हासिल की गई। मुरैना और भिंड के पंचायत सचिवों ने भी इस गिरोह की मदद की, जो मृत व्यक्तियों की सूची तैयार करने में शामिल थे।

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फर्जीवाड़े का पर्दाफाश

ईओडब्ल्यू ने ग्वालियर, भिंड और मुरैना में 15 प्रकरणों में इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है। तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं, और मामले की जांच जारी है। एसपी दिलीप सिंह तोमर ने बताया कि इस मामले में और एफआईआर भी दर्ज की जा सकती हैं। जांच टीम आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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भविष्य में और गिरफ्तारियां संभव

इस मामले में अब तक 13 लोग नामजद किए गए हैं, लेकिन पुलिस का कहना है कि जांच के दौरान और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। अधिकारियों ने यह भी कहा कि इस मामले में जुड़े अन्य लोगों को भी जल्द पकड़ा जाएगा।

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