एमपी की राशन दुकानों में भूतों का रहस्यमयी खेल, आत्माएं फिंगर प्रिंट लगा कर ले रही गेहूं-चावल!

मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में राशन बांटने की प्रक्रिया में हैरान करने का मामला सामने आया है। यहां बड़ी संख्या में मृतकों के राशन बांटा जा रहा था। पढ़ें क्या है पूरा मामला...

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Amresh Kushwaha
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क्या आपने कभी सुना है कि राशन दुकानों पर भूतों के फिंगर प्रिंट (fingerprints) लगे होते हैं? मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कुछ ऐसा ही सामने आया है, जहां कई अपात्र लोगों के नाम पर राशन बांटा जा रहा था। यह खबर है शहडोल जिले (Shahdol District) से, जहां राशन वितरण (ration distribution) की प्रक्रिया में एक हैरान करने वाली गड़बड़ी सामने आई है।

बात सिर्फ गड़बड़ी की नहीं, बल्कि राशन के अपात्र लाभार्थियों का नाम सामने आ रहा है, जो मृत (dead) हो चुके हैं या जिनका कोई वजूद नहीं बचा। अब सवाल यह उठता है कि क्या यह भूत-प्रेत का खेल है या सरकारी सिस्टम की खामी?

5 लाख अपात्र लोग ले रहे थे राशन

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 5 लाख से ज्यादा ऐसे लोग थे जो राशन लेने के हकदार नहीं थे, लेकिन फिर भी उन्हें मुफ्त राशन मिल रहा था। इनकी पहचान ई-केवाईसी (E-KYC) प्रक्रिया के दौरान हुई, जब यह पाया गया कि इनमें से कुछ लोग तो अब इस दुनिया में ही नहीं हैं।

ऐसे लोग जिनके नाम पर राशन जारी किया जा रहा था, उनके बारे में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। अब सरकार ने यह फैसला लिया है कि इन अपात्रों को राशन नहीं दिया जाएगा, और केवल वही लोग राशन पाएंगे जिनकी ई-केवाईसी पूरी हो चुकी है।

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छ: हजार से ज्यादा मृतक ले रहे थे राशन

सबसे ज्यादा समस्या शहडोल जिले (Shahdol) में आई, जहां करीब 6 हजार 234 लोग मृत (dead) पाए गए, लेकिन उनके नाम पर राशन बांटा जा रहा था। यह आंकड़ा चौंकाने वाला है, क्योंकि इन मृतकों के फिंगरप्रिंट (fingerprints) तक राशन वितरण प्रणाली में दर्ज थे। इन भूतों की सूची में सबसे ज्यादा संख्या तो उन्हीं लोगों की थी जिनकी ई-केवाईसी पूरी नहीं हुई थी, या जो अब इस दुनिया में नहीं थे।

MP में राशन वितरण में गड़बड़ी मामले पर एक नजर...

  • मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में 5 लाख से ज्यादा अपात्र लोगों को राशन मिल रहा था, जिनमें से कई मृतक थे।

  • इस प्रक्रिया के दौरान पता चला कि मृतक और अपात्र लोग राशन ले रहे थे, जिनकी पहचान अब पूरी तरह से की जा रही है।

  • शहडोल में करीब 6,234 मृतक लोग राशन ले रहे थे, जिनके फिंगरप्रिंट भी सिस्टम में दर्ज थे।

  • अब सरकार ने अपात्र लोगों का राशन रोकने का निर्णय लिया है और केवल ई-केवाईसी पूरी करने वालों को राशन मिलेगा।

  • सरकार का लक्ष्य है कि सभी राशन कार्ड धारकों की ई-केवाईसी जल्द पूरी हो, ताकि केवल पात्र लोग ही राशन प्राप्त कर सकें।

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जानें क्या है ई-केवाईसी? और क्यों है जरूरी?

ई-केवाईसी (E-KYC) वह प्रक्रिया है जिसके तहत राशन कार्ड धारकों की पहचान की जाती है। इस प्रक्रिया के तहत, पात्र व्यक्तियों की जांच की जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल वही लोग राशन का लाभ लें, जिनका इस पर हक है।

ई-केवाईसी के माध्यम से, उन लोगों की पहचान की जा रही है जिनकी मृत्यु हो चुकी है या जो बिना किसी कारण के राशन ले रहे थे। फिलहाल प्रदेश में करीब 5 करोड़ 32 लाख लोगों को राशन मिल रहा है, जिनमें से 90 प्रतिशत की ई-केवाईसी हो चुकी है।

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जानें क्या है सरकार का अगला कदम?

सरकार ने इस गड़बड़ी पर कड़ी कार्रवाई की है। अब सरकार का कहना है कि केवल उन्हीं लोगों को राशन दिया जाएगा, जिनकी ई-केवाईसी हो चुकी है। सरकार का प्रयास है कि सभी लोगों की ई-केवाईसी जल्द पूरी हो जाए, ताकि केवल पात्र लोगों को ही राशन मिल सके। वहीं, जिन अपात्रों को चिन्हित किया गया है, उनके राशन का वितरण रोक दिया गया है।

FAQ

राशन कार्ड धारकों की ई-केवाईसी क्यों जरूरी है?
ई-केवाईसी से यह सुनिश्चित होता है कि केवल योग्य व्यक्तियों को ही राशन दिया जाए। शहडोल में जिन लोगों की ई-केवाईसी पूरी नहीं हुई, उन्हें राशन नहीं मिलेगा। यह प्रक्रिया पारदर्शिता और सटीकता को बढ़ावा देती है, जिससे धांधली को रोका जा सके।
ई-केवाईसी न करवाने पर राशन कार्ड धारकों को क्या नुकसान होगा?
ई-केवाईसी न करवाने पर शहडोल के राशन कार्ड धारकों को निःशुल्क राशन का लाभ नहीं मिलेगा। इस प्रक्रिया को अनिवार्य किया गया है ताकि केवल पात्र व्यक्तियों को राशन दिया जा सके।

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