/sootr/media/media_files/2025/07/29/pm-narendra-modi-benaras-indore-cleanliness-2025-07-29-17-13-17.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही सफाई के लिए देश भर में खुद झाड़ू हाथ में थामकर अभियान शुरू किया था। लेकिन एक बार भी उनके संसदीय क्षेत्र बनारस सफाई में नंबर वन नहीं बना है। इसलिए अब बनारस ने इसे मिशन मोड में लेकर काम शुरू किया। इसके लिए सफाई के महागुरू इंदौर का साथ लिया गया है।
पहले इंदौर के अधिकारी आईएएस विवेक अग्रवाल, संकेत भोंडवे के साथ कलेक्टर आशीष सिंह, निगमायुक्त शिवम वर्मा, अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा बनारस होकर आए और इसके बाद बनारस से भी अधिकारी इंदौर आकर जा चुके हैं। इसके बाद बनारस नगर निगम ने दोनों शहरों की तुलना कर बताया है कि इंदौर क्यों आगे और बनारस क्यों पीछे हैं।
वीडियो के जरिए बताया इंदौर में क्यों सिरमौर
बनारस नगर निगम दोनों शहरों की तुलनात्मक रिपोर्ट बनाई गई है। तुलना करके हुए एक मिनट 26 सेकंड का वीडियो बनाया है और इसे अपने X पर अपलोड किया है। इसे दो शहरों के सफाई की कहानी का नाम दिया गया है। इसमें कहा गया है कि एक और इंदौर स्वच्छता सर्वे में लगातार टॉप पर बना हुआ है, वहीं वाराणसी ने 41वें स्थान से 17वें स्थान की शानदार छलांग लगाई है।
अगर स्वच्छता सर्वेक्षण में वाराणसी को इंदौर की तरह टॉप पर पहुँचाना है तो हमें बतौर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझनी होंगी और साफ सफाई को अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाना होगा। #NayaUPSwachhUP#NagarNigamVaranasi#SwachhBharatMissionpic.twitter.com/TRQi0Kv1YG
— नगर निगम वाराणसी Nagar Nigam Varanasi (@nagarnigamvns) July 28, 2025
इंदौर में यह सबसे खास हुआ
रिपोर्ट में है कि इंदौर में क्या खास हुआ, इंदौर में लोग स्वच्छता को आदत बना चुके हैं। सड़क पर कूड़ा नहीं फेंकना, सूखा और गीला कूड़ा अलग करना और बच्चों को भी बचपन से सफाई की अहमियत समझाना। इंदौर में यह सिर्फ नगर निगम का काम नहीं बल्कि हर नागरिक का जिम्मा बन गया है।
बनारस ने इंदौर के स्वच्छता की तुलना रिपोर्ट पर एक नजर...
|
वाराणसी यानी बनारस में यह बाकी
वाराणसी को लेकर कहा गया है कि यहां सुधार हुए हैं लेकिन अभी भी कुछ आदतों को बदलने की जरूरत है। सड़क पर कूड़ा फेंका जाता है, सफाई के प्रति जागरूकता की कमी है और बच्चों में सफाई के प्रति वो जिम्मेदारी का भाव नहीं जो इंदौर के बच्चों में दिखता है।
वाराणसी में सफाई में बदलाव के लिए ना सिर्फ नगर निगम को, बल्कि सभी को मिलकर काम करना होगा। सूखा और गीला कूड़ा अलग करना होगा, कूड़ा सड़क पर नहीं फेंकना चाहिए और बच्चों को स्वच्छता की आदतें सिखानी होंगी। यही वह कदम है जो वाराणसी को इंदौर जैसे सफाई के स्तर पर ला सकते हैं।
इंदौर की सफलता यह सिखाती है
आगे कहा गया है कि इंदौर की लगातार सफलता हमें सिखाती है कि यदि एकजुट होकर हर नागरिक जिम्मेदारी उठाए तो कोई भी शहर टॉप कर सकता है। वाराणसी को भी इंदौर जैसा बनाना है तो हमें अपनी आदतें बदलनी होंगी और सफाई को अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा।
thesootr links
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
- जॉब्स औरएजुकेशन की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- निशुल्क वैवाहिक विज्ञापन और क्लासिफाइड देखने के लिए क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧👩
इंदौर सफाई में नंबर-1 | स्वच्छता सर्वेक्षण | शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण | Varanasi | Number-1 in Indore cleanliness | उत्तर प्रदेश