अगर आंधी-बारिश से फसलों को हुआ नुकसान तो ये सरकारी योजना किसानों को देगी लाभ, जानें कैसे

मध्य प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में हाल ही में आई तेज आंधी और बेमौसम बारिश ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है। ऐसे संकट के समय प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए राहत का जरिया बनती है। 

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Sandeep Kumar
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MP News: देश के कई राज्यों में हाल ही में तेज आंधी और बेमौसम बारिश ने किसानों के लिए समस्याएं खड़ी कर दी हैं। तेज हवा के साथ आई बारिश ने रबी फसलों, खासकर चना, मसूर और सब्जियों को नुकसान पहुंचाया है। मौसम विभाग के अनुसार, यह अचानक बदला मौसम पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हुआ था, जो किसानों के लिए काफी नुकसानदायक साबित हुआ। ऐसे संकट के समय प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए राहत का जरिया बनती है। इस योजना के तहत अगर आपकी बीमित फसल को प्राकृतिक आपदा से नुकसान हुआ है, तो आप मुआवजे के हकदार हैं।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

इस संकट के बीच, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों के लिए राहत की उम्मीद लेकर आई है। इस योजना के तहत किसान बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं से हुई फसल क्षति पर बीमा दावा कर सकते हैं। यदि किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है, तो वे योजना के तहत मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद मिल सकती है।

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मुआवजे के लिए दावा प्रक्रिया

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मुआवजा प्राप्त करने के लिए किसानों को कुछ आसान कदमों का पालन करना होगा। यहां बताया गया है कि कैसे किसान मुआवजे के लिए दावा कर सकते हैं...

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1. फसल नुकसान की सूचना दें

किसान सबसे पहले स्थानीय पटवारी, तहसीलदार, कृषि अधिकारी, बीमा कंपनी या हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से फसल नुकसान की सूचना 72 घंटे के भीतर दे सकते हैं।

2. ऑनलाइन या ऑफलाइन दावा दर्ज करें

किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की वेबसाइट या मोबाइल ऐप के ज़रिए अथवा नजदीकी CSC केंद्र, बैंक या कृषि कार्यालय में जाकर फॉर्म भर सकते हैं।

3. जरूरी दस्तावेज जमा करें

किसान को पहचान पत्र (आधार), भूमि के दस्तावेज़ या बोआई प्रमाण, बैंक खाता विवरण और फसल नुकसान के फोटो (यदि संभव हो) जमा करने होंगे।

4. क्षति का सर्वेक्षण

बीमा कंपनी और कृषि विभाग द्वारा फसल नुकसान की संयुक्त जांच की जाती है।

5. मुआवजा भुगतान

जांच रिपोर्ट के आधार पर तय राशि सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।

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अधिकारियों से करें संपर्क

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि किसान समय पर सूचना देकर दावा प्रक्रिया पूरी करते हैं, तो उन्हें मुआवजा मिल सकता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति को संबल मिल सकता है। राज्य सरकार ने जिलों के अधिकारियों को नुकसान का सर्वेक्षण कर बीमा क्लेम की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए हैं।

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