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पवन सिलावट@रायसेन
एमपी में एक बार फिर पुलिस की लापरवाही और गुंडागर्दी सवालों के घेरे में आ गई है। रविवार रात सिलवानी थाने की पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार करने के दौरान बर्बरता की हदें पार कर दीं। पुलिस कर्मियों के द्वारा की गई बर्बरता का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
पुलिस कर्मियों ने की गाली गलौज
सिलवानी पुलिस के 5 पुलिसकर्मियों, जिनमें सब इंस्पेक्टर सतेंद्र सिंह कुशवाहा भी शामिल हैं। ये सभी साईंखेड़ा के निवासी ब्रजेश रघुवंशी के घर धावा बोला। पुलिस ने घर के गेट में लात मारी, गाली-गलौज की और ब्रजेश को बनियान पहनाकर थाने ले गए। आरोप है कि पुलिस ने ब्रजेश के साथ अपमानजनक व्यवहार किया और उन्हें आरोपी की तरह पेश किया।
एसपी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
इस घटना के खिलाफ ब्रजेश के परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों ने एसपी पंकज पांडे से मुलाकात की और कार्रवाई की मांग की। एसपी पंकज पांडे ने मामले में जल्द ही कार्रवाई का भरोसा दिया है।
क्या था पूरा मामला?
यह घटना रविवार रात करीब 3 बजे की है, जब सब इंस्पेक्टर सतेंद्र सिंह कुशवाहा और उनके चार साथी पुलिसकर्मी ब्रजेश रघुवंशी के घर पहुंचे। पुलिस का कहना था कि वे चोरी गई एक मोटरसाइकिल की तलाश में थे, जो ब्रजेश के घर के पास खड़ी थी। इसी दौरान पुलिस ने ब्रजेश के साथ गाली गलौज की जिसका परिजन विरोध कर रहे हैं। इसके बाद सिलवानी एसडीओपी अनिल मौर्य ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि पुलिस की कार्रवाई की जांच की जा रही है सीसीटीवी चेक किए जा रहे हैं और मामले में वैधानिक कदम उठाए जाएंगे।
सवाल यह उठता है कि पुलिस को रात के वक्त इस तरह घर में घुसकर युवक को उठाने की आवश्यकता क्यों पड़ी? ब्रजेश रघुवंशी एक सम्मानित परिवार से आते हैं, तो क्या यह कदम किसी निजी द्वेष भावना से उठाया गया था? इसके अलावा, बिना कोई मामला दर्ज किए पुलिस ने यह कदम क्यों उठाया और ब्रजेश के साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया?
पीड़ित युवक ब्रजेश रघुवंशी का बयान
पीड़ित ब्रजेश रघुवंशी ने कहा कि मेरे साथ जो हुआ, वह किसी भी इंसान के साथ नहीं होना चाहिए। पुलिस ने मुझे बुरी तरह से परेशान किया और अपमानित किया। मैं न्याय की उम्मीद करता हूं। वहीं इस घटना पर स्थानीय ग्रामीणों में भी गुस्सा है। ग्रामीणों ने इसे पुलिस की बर्बरता और आम लोगों की सुरक्षा में लापरवाही करार दिया।
पुलिस अब इस मामले में अपने कर्मियों को बचाने की कोशिश कर रही है, लेकिन इस तरह की घटनाओं से जनता में पुलिस के प्रति विश्वास और भी कमजोर हो रहा है। यह घटना एक बार फिर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करती है।
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