रायसेन में वक्फ बोर्ड का किसानों को जमीन खाली करने का नोटिस, ग्रामीणों का इनकार

मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के माखनी ग्राम में वक्फ बोर्ड ने 7 किसान परिवारों को नोटिस भेजा है। बोर्ड ने इन परिवारों से कहा है कि वे अपनी जमीन को 7 दिनों के अंदर खाली कर दें, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

author-image
Sandeep Kumar
New Update
raisen-wakf-board
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के माखनी ग्राम में वक्फ बोर्ड ने सात किसान परिवारों को अपनी संपत्ति बताते हुए जमीन खाली करने का नोटिस भेजा है। वक्फ बोर्ड ने 7 दिनों के भीतर जमीन खाली करने का अल्टीमेटम दिया है, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। हालांकि, स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह भूमि उनके पूर्वजों की है और इसमें प्राचीन मंदिर, मकान और श्मशान हैं। वे किसी भी स्थिति में जमीन खाली नहीं करेंगे। इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर से कार्रवाई की मांग की है और कलेक्टर ने इस मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है।

Wakf board का नोटिस

मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के माखनी ग्राम में वक्फ बोर्ड ने 7 किसान परिवारों को नोटिस भेजा है। वक्फ बोर्ड ने इन परिवारों से कहा है कि वे अपनी जमीन को 7 दिनों के अंदर खाली कर दें, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वक्फ बोर्ड का यह दावा है कि यह जमीन उनकी संपत्ति है और इसे खाली किया जाना चाहिए।

ये खबर भी पढ़िए...वक्फ बोर्ड पर JPC रिपोर्ट से संसद में हंगामा, विपक्ष ने किया वॉकआउट

किसान परिवारों की प्रतिक्रिया

यह नोटिस मिलने के बाद, किसान परिवारों में हड़कंप मच गया। इन परिवारों का कहना है कि वे कई पीढ़ियों से इस जमीन पर निवास कर रहे हैं। जमीन के मालिकाना हक के संबंध में उनका कहना है कि यह जमीन सरकारी है और उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुटीर भी दी गई है। ऐसे में अचानक वक्फ बोर्ड का नोटिस उन्हें हैरान और परेशान कर रहा है।

ये खबर भी पढ़िए...वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर MP सरकार सख्त, जांच के आदेश जारी

ग्रामीणों का तर्क और विरोध

ग्रामीणों का कहना है कि इस भूमि पर कई ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की चीजें स्थित हैं, जैसे प्राचीन मंदिर, श्मशान घाट और मकान। उनका कहना है कि चाहे उनकी जान चली जाए, लेकिन वे इस जमीन को खाली नहीं करेंगे। हिंदूवादी संगठनों ने भी इस मामले में सक्रियता दिखाते हुए कहा है कि किसी भी स्थिति में वे इस मंदिर को तोड़ने नहीं देंगे और जिन परिवारों को नोटिस दिया गया है, उन्हें भी हटाने नहीं देंगे।

ये खबर भी पढ़िए...नासिर खान फर्जी सील, मुहर से चला रहे थे नकली वक्फ बोर्ड, दर्ज किया केस

प्रधानमंत्री आवास योजना का मुद्दा

ग्रामीणों का सवाल यह है कि अगर यह जमीन बोर्ड की थी तो उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुटीर कैसे मिली? उनका यह भी कहना है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों का कोई मतलब नहीं है? यह सवाल ग्रामीणों के मन में उत्पन्न हो गया है, क्योंकि उन्हें इस योजना के तहत घर मिल चुका है, और अब यह नोटिस उनके सामने चुनौती बनकर आया है।

ये खबर भी पढ़िए...वक्फ बोर्ड ने फिर किया 300 एकड़ जमीन पर दावा, 103 किसानों को दिए नोटिस

किसानों ने कलेक्टर से लगाई गुहार की मांग

Wakf board के नोटिस के बाद, किसानों ने कलेक्ट्रेट में जाकर कलेक्टर अरुण कुमार विश्वकर्मा से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। कलेक्टर ने इस मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है। उनका कहना है कि वे दोनों पक्षों की सुनवाई करेंगे और इसके बाद ही न्यायसंगत कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने यह भी कहा कि यह मामला गंभीर है और इसे पूरी तरह से समझने के बाद ही उचित कदम उठाया जाएगा।

Wakf board की कार्रवाई

Wakf board ने इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि यह कार्रवाई उनकी संपत्ति की सुरक्षा के लिए की गई है। हालांकि, ग्रामीणों और किसान परिवारों का विरोध जारी है और वे अपनी जमीन को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। इस पूरे विवाद का समाधान कलेक्टर की जांच और दोनों पक्षों की बातचीत के बाद ही निकल पाएगा।

Wakf Board प्रधानमंत्री आवास योजना वक्फ बोर्ड hindi news रायसेन न्यूज MP वक्फ बोर्ड