नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के नाम पर दबाव बनाने वाले बसंत विजयवर्गीय और अखिल उपासनी की हाईकोर्ट से भी अग्रिम जमानत खारिज हो चुकी है। वहीं इनकी कई और शिकायतें पुलिस के पास पहुंची हैं।
उधर, पुलिस ने इनकी और साथियों की तलाश में गुजरात में भी दबिश दी, जिसमें यह मौके से फरार मिले। गौरतलब है कि इस मामले में मंत्री विजयवर्गीय ने ही पुलिस को फोन कर शिकायत पर कार्रवाई करने और आरोपियों पर केस दर्ज करने के लिए कहा था।
पीएम मोदी के समझाने के बाद भी डिजिटल अरेस्ट, 40.60 लाख की ठगी
गुजरात में पुलिस ने दी दबिश
जमीन की धोखाधड़ी के मामले में हाल ही में चंदननगर पुलिस ने बसंत विजयवर्गीय और आखिल उपासनी पर केस दर्ज किया था। इसमें गुजरात के दाहोद निवासी सफदर लिमखेड़ा और उनकी पत्नी मुनीरा की तलाश पुलिस कर रही है।
इन दोनों ने भी बसंत के साथ जमीन का सौदा किया हुआ है। जिसे लेकर पुलिस ने केस किया हुआ है। इसी मामले में इंदौर पुलिस की टीम दोनों को गिरफ्तार करने के लिए दाहोद गई, लेकिन दोनों फरार हो गए। पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है। मुखबिरों को सक्रिय किया गया है। पुलिस का कहना है कि दोनों जल्द ही गिरफ्त में होंगे।
महंगे सोने से भी नहीं घटी खरीदने की चाहत, कम वजन और कैरेट की हुई मांग
5.62 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला
पुलिस ने 5.62 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी में बसंत और अखिल पर धारा 420 व 406 ही लगाई थी, लेकिन जांच के बाद उनके द्वारा कूटरचित डीड बनाने, उसका उपयोग करने की बात सामने आने पर धारा 467 व 468 भी बढ़ाई गई। इसमें जिला कोर्ट से और फिर हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत खारिज हो गई। दोनों पर यह भी आरोप है कि मंत्री के नाम की धौंस दिखाकर लोगों को डराते थे, लेकिन जब मंत्री को यह पता चला तो पुलिस को फोन किया और फरियादी की रिपोर्ट लिखने के आदेश दिए। एक केस होने के बाद और भी केस बसंत के सामने आने लगे हैं, जिसमें कई लोगों के साथ कच्चे सौदे कर धोखाधड़ी करने का मामला है। सभी ने मंत्री को उनकी करतूतों को लेकर शिकायत की है।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक