सुमित्रा महाजन के परिवार पर हमले से गरमाई राजनीति, कौन नेता है समर्थक

पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन के परिवार पर हमले से पूर्व कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त सफाई कामगार कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष प्रताप करोसिया का राजनीतिक भविष्य संकट में आ गया है।

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Sanjay Gupta
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इंदौर में सबसे ज्यादा समय तक सांसद रहने वालीं और पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन के परिवार पर हमले से पूर्व कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त और सफाई कामगार कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष प्रताप करोसिया का राजनीतिक भविष्य संकट में आ गया है। इसके साथ ही वह नेता भी उलझने वाले हैं जो करोसिया के समर्थन के लिए यहां-वहां दबाव बनाने के लिए फोन कर रहे हैं। कुल मिलाकर इंदौर की राजनीति फिर गरमा गई है। ताई गुट यह भी देख रहा है कि इसमें भाई (मंत्री कैलाश विजयवर्गीय) गुट उनके प्रति किस तरह का रवैया रखता है। कहा जा रहा है कि विजयवर्गीय भी उनके शोरूम का दौरा कर सकते हैं। उधर घटना में घायल ताई के पौत्र सिदार्थ का मेडिकल भी हो गया है, उन्हें चोट आई है।

किस तरह गरमाई राजनीति

इस पूरे मामले में यह सामने आ चुका है कि शोरूम के मैनेजर भूषण दीक्षित पर केस नहीं करने के लिए दबाव डाला गया। थाने पर कोई सुनवाई नहीं की गई और थाने पर भी दबाव डालने के लिए नेताओं के फोन घनघनाए। इन सबकी जानकारी पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन और उनके समर्थकों तक पहुंच चुकी है। अब वह पूरे नेताओं की लिस्ट बना रहे हैं जिन्होंने मामले में दबाव की राजनीति का खेल किया। यह सूची यहां नहीं रुकेगी यह पीएम नरेंद्र मोदी और प्रदेश स्तर पर सीएम डॉ. मोहन यादव और प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा तक जाएगी।

करोसिया किसके दम पर 

इंदौर में सफाई मामले में करोसिया परिवार का काफी अहम योगदान रहा है। इसी को देखते हुए तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें आयोग का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया था। करोसिया इसी गुट में जुड़े हुए हैं। पूरे मामले को दबाने के लिए करोसिया ने जहां खुद भी पुलिस पर दबाव बनाया। वहीं पर उनकी पीठ पर हाथ रखने वाले नेताओं से भी फोन करवाए गए।

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पुलिस कमिश्नर से सीधी दो टूक बात कही

पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह के पास ताई समर्थकों ने जाकर सीधी बात की और दो टूक कहा कि हमे शांत मत समझिए, हम यही रुकने वाले नहीं हैं। यह बात दिल्ली तक जाएगी और यह सीएम, प्रदेशाध्यक्ष बीजीपी की भी साख का सवाल है। आखिर किस दबाव में टालमटोली हो रही है। इस पर सीपी ने कहा कि सख्त कार्रवाई होगी। इसके लिए हमने सक्षम डीसीपी विनोद मीना को जिम्मेदारी दी है। वहीं मीना ने भी ताई समर्थकों से कहा कि किसी को भी अब थाने जाने की जरूरत नहीं है। वही इस मामले को डील करेंगे और सीधे उन्हीं से बात की जाए। इस मामले में टीआई नीरज मेढा सहित अन्य पुलिस अधिकारियों की भूमिका से ताई गुट बिल्कुल संतुष्ट नहीं है। सीपी से मिलने वालों में राजेश अग्रवाल, सुधीर देडगे, अशोक डागा, सुधीर दांडेकर, सौरभ खंडेलवाल, प्रशांत बड़वे, ज्योति तोमर, महेश जोशी व अन्य शामिल थे।

यह हुआ मामला

नेमावर रोड पर मिड्रवेस ऑटोमोबाइल शोरूम मिलिंद महाजन का है, यहां पर सर्विस सेंटर पर भी है। यहां पर बीजेपी नेता प्रताप करोसिया के भतीजे सौरभ करोसिया ने अपनी गाड़ी सर्विस के लिए डाली। फिर वह शुक्रवार शाम को इसे लेने के लिए आया, लेकिन मैनेजर भूषण दीक्षित से बिना राशि दिए ही गाड़ी ले जाने की जिद करने लगा। मैनेजर ने रोका तो गालियां दीं और कहा कि किसके बाप में हिम्मत है जो रोक ले। सौरभ के सात सात-आठ अन्य लोग भी थे। मैनेजर भूषण के मना करने पर उसे जमकर पीट डाला और पत्थर उठाकर शोरूम के चेंबर पर दे मारे, कुर्सियां फैंक दी।

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पोते को मारा, गार्ड पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश

पोते सिदार्थ महाजन के साथ भी हाथापाई की गई। इसके बाद सभी गाडी लेकर निकलने लगे, गार्ड गणेश दुबे ने रोकने की कोशिश की तो उस पर गाड़ी चढ़ाने लगे, वह अलग हट गया जिससे बच गया। इसके बाद सभी रवाना होगा। बाद में मैनेजर एफआईआर के लिए पहुंचे तो टीआई नीरज मेढा ने इसमें जमकर टालमटोली की। बात उच्च स्तर पर पहुंची तो फिर जाकर सौरभ पर केस दर्ज किया गया। प्रताप करोसिया का कहना है कि मेरे ताई से अच्छे संबंध है, सौरभ ने जो किया उसके लिए मैंने ही पुलिस को बोला था कि कार्रवाई की जाए।

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