आबादी साढ़े आठ करोड़ और समग्र आईडी बन गईं साढ़े दस करोड़

मध्यप्रदेश में सबसे बड़ी लाड़ली बहना योजना की हितग्राहियों का वेरिफेशन कराया जा रहा है। एक-एक हितग्राही का आधार कार्ड से मिलान किया जा रहा है। इसमें शुरुआत दौर में कई संदिग्ध सामने आए हैं... 

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Ravi Kant Dixit
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BHOPAL. सरकार की अच्छी योजनाओं की कई बार सही ढंग से मॉनीटरिंग ना होने से पलीता लग जाता है। ताजा मामला समग्र आईडी ( samagra ID ) से जुड़ा है। हद यह है कि साढ़े आठ करोड़ की आबादी वाले मध्यप्रदेश में साढ़े दस करोड़ समग्र आईडी बन गई हैं। अब इनके मिलान में अफसरों के पसीने छूट रहे हैं। सरकार ने समग्र आईडी से जुड़ी तमाम योजनाओं का एक बार फिर वेरिफकेशन करना शुरू किया है। साथ ही समग्र आईडी के लिए ई-केवायसी अनिवार्य कर दी गई है। 

हितग्राहियों का आधार कार्ड से मिलान 

सबसे बड़ी लाड़ली बहना योजना की हितग्राहियों का वेरिफेशन कराया जा रहा है। एक-एक हितग्राही का आधार कार्ड से मिलान किया जा रहा है। इसमें शुरुआत दौर में कई संदिग्ध सामने आए हैं। वहीं, दूसरी सबसे बड़ी पेंशन योजना में 1 लाख 17 हजार से ज्यादा संदिग्ध सामने आए हैं। इनका एक बार फिर सत्यापन किया जा रहा है।

48 लाख पेंशनर्स में लगाया फिल्टर 

दरअसल, मध्यप्रदेश में करीब 55 लाख पेंशनर्स हैं। पात्र पेंशनर्स को 12 तरह की पेंशन का भुगतान किया जाता है। इसमें सरकार हर महीने करीब 332 करोड़ रुपए खर्च करती है। जब samagra ID में घोटाला सामने आया तो इनका सत्यापन किया गया है। अब तक 48 लाख पेंशनर्स के दस्तावेजों में फिल्टर लगाया जा चुका है। बाकी का काम जारी है। 

ई-केवायसी नहीं, तो योजना का लाभ नहीं 

samagra ID में बड़े पैमाने पर गोलमाल सामने आने के बाद अफसरों के पसीने छूट रहे हैं। एक-एक हितग्राही का मिलान किया जा रहा है। इधर, भविष्य में इस तरह की चूक न हो, इसके लिए अब सभी तरह की सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए ई-केवायसी अनिवार्य कर दी गई है। मतलब, जिसकी ई-केवायसी नहीं होगी, उसे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। 

इन दो मामलों से समझिए पूरी कहानी 

इसी तरह हाल ही में संबल योजना में भी दो शहरों भोपाल और भिण्ड से घोटाले सामने आए हैं। इसी तरह की और योजनाओं में भी गड़बड़झाला किया जा रहा है। इसे लेकर अब सरकार की ओर से सख्ती की जा रही है।

केस 1: 152 मामलों में किया गोलमाल 

भिंड में संबल योजना में 3 करोड़ 4 लाख रुपए का घोटाला सामने आया है। जांच के बाद भिण्ड नगर पालिका के दो तत्कालीन सीएमओ, शाखा प्रभारी सहित छह आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। जांच में पता चला कि नगर पालिका के अफसर-कर्मचारियों ने 152 मामलों में गोलमाल किया। इनमें केसों में हितग्राही कोई और था, दो-दो लाख रुपए दूसरे के खाते में ट्रांसफर किए गए। 

केस 2: जिंदा मजदूरों को मृत बताया

इस खबर से संबंधित सामान्य प्रश्न

समग्र आईडी क्या है?
समग्र आईडी एक पहचान संख्या है जो मध्यप्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए दी जाती है। इसे हितग्राहियों का सत्यापन और उनकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
समग्र आईडी घोटाले से प्रभावित सरकारी योजनाए कौन सी हैं?
मध्यप्रदेश में करीब 55 लाख पेंशनर्स हैं, जिन्हें 12 प्रकार की पेंशन मिलती है। समग्र आईडी घोटाले के कारण इन सभी पेंशनर्स की भी जांच हो रही है।
सरकार ने इस घोटाले के बाद क्या कदम उठाए हैं?
सरकार ने समग्र आईडी का वेरिफिकेशन एक बार फिर शुरू किया है और भविष्य में घोटाले को रोकने के लिए ई-केवायसी को अनिवार्य किया है। साथ ही, इस मामले में संलिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी शुरू की गई है।
ई-केवायसी की प्रक्रिया क्या है?
ई-केवायसी के लिए आधार कार्ड का सत्यापन आवश्यक है। हितग्राही को अपनी समग्र आईडी को आधार कार्ड से लिंक कराना होगा ताकि उनकी पहचान सत्यापित हो सके।
लाड़ली बहना योजना के हितग्राहियों का सत्यापन कैसे हो रहा है?
लाड़ली बहना योजना के प्रत्येक हितग्राही का आधार कार्ड से मिलान किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के दौरान कई संदिग्ध मामलों का खुलासा हुआ है, जिनकी आगे जांच की जा रही है।

भोपाल नगर निगम में 2 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया। अधिकारी-कर्मचारियों ने जिंदा मजदूरों को मृत बताकर गबन किया। आरोपियों ने मजदूरों के नाम पर संबल योजना के अंतर्गत मिलने वाली अनुग्रह राशि डकार ली थी। अलग-अलग मद में यह राशि दो लाख से चार लाख रुपए तक मिलती है। अब मामले में भोपाल लोकायुक्त ने भी प्रकरण दर्ज किया है। जांच के बाद पुलिस ने आठ जोनल अधिकारी, छह वार्ड प्रभारी सहित 17 लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की है।

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