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चुनावी मौसम आते ही नेताजी घर-घर जाकर वोट मांगने निकल पड़ते हैं। हर गली, हर चौराहे पर जनता को लुभाने के लिए बड़े-बड़े वादे करते हैं। अब उन्हीं नेता जी को जनता की मांगें रास नहीं आ रही हैं। दरअसल मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने एक जनसभा के दौरान जनता के मांग पत्रों को भीख करार देकर नया विवाद खड़ा कर दिया।उन्होंने कहा कि अब लोगों को सरकार से भीख मांगने की आदत पड़ गई है, जो सही नहीं है। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक हलचल मच गई है। बता दें कि पटेल BJP के कद्दावर नेताओं में से एक माने जाते हैं।
मंत्री प्रहलाद पटेल का विवादित बयान, बोले- "लोगों को सरकार से भीख मांगने की आदत पड़ गई..."
— TheSootr (@TheSootr) March 2, 2025
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जनता की मांगों को बताया 'भीख'
शनिवार को राजगढ़ जिले के सुठालिया में वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि अब तो सरकार से भीख मांगने की आदत लोगों को पड़ गई है। उन्होंने कहा कि जब कोई नेता आता है, तो उसे एक टोकरी भर कागज पकड़ा दिए जाते हैं। मंच पर माला पहनाकर एक मांग पत्र थमा दिया जाता है। यह सही आदत नहीं है।
उन्होंने कहा कि लोगों को लेने की बजाय देने की मानसिकता अपनानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग मुफ्त की चीजों के प्रति आकर्षित होते हैं, वे समाज को कमजोर कर रहे हैं और यह वीरांगनाओं के सम्मान के खिलाफ है।
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'क्या किसी शहीद ने कभी भीख मांगी'
पटेल ने अपने बयान में आगे कहा कि उन्होंने कभी खुद के लिए कुछ नहीं मांगा। उन्होंने कहा कि क्या कोई ऐसा शहीद का नाम जानता है जिसने किसी से भीख मांगी हो? यदि ऐसा कोई उदाहरण हो तो उसे सामने लाया जाए। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी वे अपने कार्यक्रमों में आते हैं, अपनी बात रखते हैं और चले जाते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि वे केवल एक ही भिक्षा मांगते हैं, क्योंकि वे नर्मदा परिक्रमा वासी हैं, लेकिन यह भिक्षा कभी अपने लिए नहीं होती। उनका दावा है कि कोई भी व्यक्ति यह नहीं कह सकता कि उसने प्रहलाद पटेल को कुछ दिया है।
भिखारी की फौज खड़ी करना समाज को कमजोर करना
मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि मुफ्तखोरी की प्रवृत्ति समाज को मजबूत नहीं बल्कि कमजोर बनाती है। उन्होंने इसे भिखारी की फौज खड़ी करने जैसा बताया और कहा कि इससे समाज की आत्मनिर्भरता खत्म होती है। उन्होंने लोगों को खुद आगे बढ़ने और सरकार पर निर्भरता कम करने की सलाह दी।
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क्या यह बयान सरकार के लिए नई मुश्किलें खड़ी करेगा
मंत्री प्रहलाद पटेल के इस बयान से सरकार को राजनीतिक रूप से नुकसान हो सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान सरकार के प्रति जनता के भरोसे को कमजोर कर सकता है और विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बना सकता है।
सरकार के लिए यह देखना जरूरी होगा कि वह इस बयान पर सफाई देती है या इसे नजरअंदाज करने का प्रयास करती है। फिलहाल, यह बयान भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
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