संजय गुप्ता, INDORE. चुंबन वाले डॉक्टर राजू नदारिया ( Dr. Raju Nadaria ) की सीएम कार्यालय में अवर सचिव पद पर विवादित पोस्टिंग ( जिसे बाद में द सूत्र की न्यूज के बाद रद्द किया गया ), फिर पीएससी में गलत सदस्य की नियुक्ति को मंजूरी जैसे विवादित फैसलों के बाद मप्र शासन में एक और विवादित फैसले की फाइल चलना शुरू हो गई है। दागी आबकारी सहायक आयुक्त (एसी) संजीव दुबे ( Sanjeev Dubey ) एक बार फिर अपनी अच्छी पोस्टिंग कराने में जुट गए हैं। ग्वालियर मुख्यालय में अभी पदस्थ दुबे इस बार जबलपुर में पोस्टिंग कराना चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार आबकारी विभाग प्रमुख सचिव पद से दीपाली रस्तोगी की विदाई होने के बाद यह उनकी फाइल का मूवमेंट शुरू हो गया है। उधर, उनकी विभागीय जांच अभी जारी ही है।
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42 करोड़ का नहीं 70 करोड़ है इंदौर का घोटाला
साल 2015 में इंदौर में सामने आए 42 करोड़ के शराब घोटाले के मामले में दुबे सस्पेंड हो चुके हैं। इस घोटाले में वही नया चौंकाने वाला मामला सामने आया है कि यह घोटाला असल में 42 नहीं बल्कि 70 करोड़ से ज्यादा का है। आरटीआई के जरिए राजेंद्र गुप्ता द्वारा इसकी जानकारी निकाली गई है।
इस तरह है 70 करोड़ का आबकारी घोटाला
- 2015-16 के दौरान यह घोटाला पहले 3.72 करोड़ का बताया था, जिसमें बाद में 1.36 करोड़ रुपए और जुड़ गए और 5 करोड़ का हो गया।
- 2016-17 में इसका आकलन पहले 20 करोड़ का था, जिसमें अभ 9.49 करोड़ और जुड़ गए और यह 29.59 करोड़ का हो गया
- 2017-18 के लिए यह पहले 17.82 करोड़ रुपए था, जिसमें अब 18 करोड़ और डु गए और यह 36 करोड़ से ज्यादा का हो गया।
- इस तरह कुल घोटाला जो पहले 41.65 करोड का आकलित था, इसमें 29.32 करोड़ रुपए और जुड़ गए और कुल 70.97 करोड़ रुपए का हो गया।
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हाईकोर्ट खारिज कर चुका है दुबे की जांच खारिज करने की मांग
संजीव दुबे ने इस मामले में हाईकोर्ट में अधूरी जानकारी देते हुए अपने खिलाफ चल रही विभागीय जांच को खत्म करने की याचिका दायर की थी। दुबे ने बताया था कि इस मामले में उन्हें छोड़कर बाकी 19 अधिकारियों की जांच खत्म कर दी गई है, लेकिन अभी तक मुझे ही विभाग द्वारा टारगेट किया जा रहा है। यह भी तर्क दिया था कि इस मामले में 23 करोड़ से ज्यादा की रिकवरी हो गई है। ऐसे में अब जांच खत्म होना चाहिए। शासन ने बताया कि यह गलत जानकारी है, दुबे सहित कुल 27 अधिकारी इस मामले में आरोपी थे, लेकिन इसमें 19 वह अधिकारी थे, जिनकी भूमिका इस मामले में नहीं पाई गई, लेकिन अन्य आठ अधिकारियों के खिलाफ जांच जारी है, जिसमें दुबे भी शामिल है। हाईकोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद पाया कि मामले में संलप्तिता विभाग ने पाई है और इसकी जांच कर रहे हैं। ऐसे में विभागीय जांच में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है। हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी।
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यह भी गंभीर आरोप
28 सीटो पर उप चुनाव के दौरान भोपाल से विदिशा शराब तस्करी करवाने पर आबकारी कमिश्नर ने संजीव कुमार दुबे को नोटिस क्रमांक 1144 दिनांक 29/10/2020 जारी किया, जो जांच अब तक लंबित है। साल 2023-24 के लिए प्रदेश के 52 जिलों में देशी, मसाला और प्लेन शराब सप्लाई करने के लिए डिस्टलरीज को जिन रेट में ठेके दिए थे। उन रेट को अव्यवहारिक मानते हुए मंत्रालय ने ठेके निरस्त किए थे। इस मामले में प्रभार ग्वालियर में अभी दुबे के पास ही है।