किसान आत्महत्या : छह साल में 1318 ने की खुदकुशी, सरकारी रिकार्ड में कारण जानकर चौंक जाएंगे आप

मध्‍य प्रदेश में आए दिन किसी न किसी कारण से किसान आत्महत्या कर रहे हैं। किसान किन कारणों से आत्महत्या कर रहे हैं, ये तो स्पष्ट नहीं है लेकिन सरकारी रिकार्ड में किसानों के सुसाइड का जो जिक्र किया गया है वो बेहद चौंकाने वाला है...

Advertisment
author-image
Sandeep Kumar
New Update
farmer sucide

मध्‍य प्रदेश में 6 साल में 1318 किसानों ने सुसाइड किया

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

BHOPAL. मध्‍य प्रदेश में रोजाना किसी न किसी कारण से किसान सुसाइड (  Farmers suicide ) कर रहे हैं । पिछले 6 साल में 1318 किसानों ने आत्महत्या ( Farmers suicide ) की है। इन किसानों की आत्महत्या का सरकारी रिकॉर्ड में बड़ा अजीब तर्क दिया गया है । सरकारी रिपोर्ट ( Government records ) के मुताबिक किसानों की मौत का कारण विक्षिप्त, नशेड़ी या कलह बताया गया है। वहीं किसानों की आत्महत्या पर किसानों के परिजनों का कहना है कि कर्ज और दोगुना ब्याज इनकी जान ले रहे हैं। 

ये खबर भी पढ़िए..मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टर्स आज से हड़ताल पर

ये खबर भी पढ़िए..मंत्रालय अग्निकांड : 5वा फ्लोर सील, यहां CM स्वेच्छानुदान, 5 मंत्रियों के ऑफिस भी बंद

खुदकुशी मामले में कर्ज का जिक्र ही नहीं

मध्‍य प्रदेश में पिछले कुछ सालों में जितने भी किसानों ने खुदकुशी की, उनमें से एक भी मामले में कर्ज का जिक्र नहीं है। पुलिस जांच बिंदु में कर्ज से मौत का कॉलम ही नहीं है। गरीबी जांच के बिंदु में है, पर इससे एक भी मौत नहीं दिखाई गई। साल 2020 में 235 किसानों ने आत्महत्या की। इसमें 73 का कारण पारिवारिक कलह, 55 की वजह पागलपन, मानसिक बीमारी और तीसरा अहम कारण- नशे की लत बताया गया। एनसीआरबी के मुताबिक, 2017 से 2022 के बीच प्रदेश के 1318 किसानों ने आत्महत्या की।

ये खबर भी पढ़िए..जबलपुर में BJP नेता और बरेला TI में ठनी,दोनों ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप

परिजनों का दावा

वहीं किसान आचड़िया (Kisan Achadia ) के परिजनों का दावा है कि मूंग, उड़द, सोयाबीन बर्बाद हुई तो तनाव में आकर आत्महत्या कर ली है। किसान आचड़िया की पत्नी कुबई बताती हैं कि 2018 में मूंग, उड़द और सोयाबीन की फसल सही से नहीं पकी। कर्ज के दबाव में थे ही तो पति ने यह कदम उठा लिया। सरकार का कोई भी नुमाइंदा मिलने तक नहीं आया।  बेटे इंदर सिंह कीर ने बताया कि पिता दुलीचंद ने 12 जून 2017 को खुदकुशी की थी। उन पर किसान क्रेडिट, बैंक ऑफ इंडिया व साहूकारों का 8 लाख का कर्ज था। 

ये खबर भी पढ़िए..इंदौर में सबसे बड़े पान सेंटर करणावत पर GST छापा, सभी दुकानें हुई बंदो

किसानों ने खुदकुशी 6 साल में 1318 किसानों ने आत्महत्या Government records