संजय शर्मा, BHOPAL. मंत्रालय ( वल्लभ भवन ) में आग लगने की घटना को 4 दिन और शॉर्ट जांच रिपोर्ट सौंपने के 3 दिन बीत चुके हैं। जांच टीम ने रिपोर्ट तैयार की या नहीं और सीएम सहित कई मंत्रियों और सैकड़ों कर्मचारियों की जान को आखिर जोखिम में किसने डाला यह साफ होता नजर नहीं आ रहा है। वहीं मंत्रालय में सुरक्षा इंतजामों के रिव्यू का काम भी अधिकारियों ने गुपचुप शुरू कर दिया है। जिससे पुरानी कमियों पर पर्दा डाला जा सके। उस पांचवे फ्लोर को पूरी तरह सील कर दिया गया है। जहां आग से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। इसी फ्लोर पर स्थित सीएम सचिवालय सहित पांच मंत्रियों के दफ्तर भी फिलहाल बंद कर दिए गए हैं।
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मंत्रियों की दफ्तरों के नुकसान का भी अब तक आकलन नहीं
राजधानी भोपाल ही नहीं प्रदेश में वल्लभ भवन यानी की मंत्रालय को सबसे सुरक्षित माना जाता है, लेकिन अब इस पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। शनिवार, 2 मार्च को सुबह हुए अग्निकांड की चपेट में आने वाले 5th फ्लोर पर स्वास्थ्य राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री राधा सिंह, राज्यमंत्री नारायण सिंह पंवार और एक अन्य राज्यमंत्री का दफ्तर है। सबसे महत्वपूर्ण और प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव का सचिवालय कार्यालय सहित सीएम स्वेच्छानुदान दफ्तर भी इसी फ्लोर पर है। आग की लपटों में घिरने के बाद सबसे ज्यादा नुकसान के बाद अब इस फ्लोर को सील कर दिया गया है। अब तक सीएम और पांचों मंत्रियों के दफ्तरों में आग लगने से कितनी क्षति हुई और कौन से दस्तावेज राख हुए हैं, यह भी सामने नहीं आया है। बताते हैं, जब तक इसे नए सिरे से तैयार नहीं कर लिया जाता तब तक सीएम के ये दोनों ऑफिस बंद ही रहेंगे या इन्हें किसी दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सकता है। जो भी हो, फिलहाल कुछ दिनों तक काम काज तो प्रभावित होना तय है।
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शॉर्ट रिपोर्ट की समयसीमा खत्म, पड़ताल जारी
अग्निकांड की चपेट में आए 4th फ्लोर पर भी काफी नुकसान हुआ है। यहां ऑफिसों में लगे कंप्यूटर, फर्नीचर जल चुके हैं। केबल वायर जलने से बिजली की सप्लाई भी ठप है जिस वजह से यहां भी काम काज बंद ही है। इस घटना की जांच कर रही अधिकारियों की समिति को शॉर्ट रिपोर्ट तैयार करने दी गई तीन दिन की समय सीमा मंगलवार शाम को समाप्त हो गई है, लेकिन समिति में शामिल अधिकारी इस पर अब भी चुप हैं। कोई यह भी उजागर नहीं करना चाहता की दुर्घटना की जिम्मेदारी किस पर तय होगी और आखिर आग कैसे और कब लगी थी। मंगलवार को अभी जांच समिति में शामिल अधिकारी मंत्रालय में पड़ताल करते नजर आए। अधिकारियों ने मंत्रालय में लग हाईडेंट (high pressure pump) और fire extinguisher( अग्निशमन यंत्र ) को भी चेक किया है। हालांकि, यह अभी पता नहीं चल सका है कि ये उपकरण दुरुस्त हालत में थे या उनमें भी खामियां हैं।
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