फर्जी nursing college का दंश झेल रहे छात्र, जबलपुर में किया प्रदर्शन

नर्सिंग कॉलेज (nursing college) की परीक्षाएं नहीं होने से छात्र परेशान हैं। साल 2020-21 से अब तक परीक्षाएं नहीं हुई हैं। परीक्षाएं कराने की मांग को लेकर नर्सिंग छात्रों ने आज प्रदर्शन किया। इस पर कुलपति ने जल्द परीक्षाएं कराने की बात कही।

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BP shrivastava
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जबलपुर में परीक्षाएं कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन करते नर्सिंग छात्र-छात्राएं।

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नील तिवारी, JABALPUR. नर्सिंग कॉलेज ( nursing colleges ) फर्जीवाड़े का असर सीधा नर्सिंग के छात्र-छात्राओं के भविष्य पर पड़ रहा है। दरअसल, वर्ष 2020-21 से नर्सिंग कॉलेज की परीक्षाएं नहीं हो पा रही हैं। इसके चलते पिछले 3 साल से प्रदेशभर के सैकड़ों नर्सिंग कॉलेज के हजारों छात्र परीक्षाएं नहीं दे पा रहे हैं। इसके विरोध में नर्सिंग छात्रा लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, पर अब तक इनकी परीक्षा का कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है। आज फिर एक बार सैकड़ों नर्सिंग छात्र-छात्राओं ने मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी में परीक्षा की मांग को लेकर हंगामा किया। इसके बाद छात्रों ने विश्वविद्यालय के कुलपति को एक ज्ञापन सौंपा। कुलपति डॉ. अशोक खंडेलवाल ने आश्वासन दिया है कि वह एक -दो दिनों में ही नर्सिंग कॉलेज के परीक्षाओं का टाइम टेबल जारी करेंगे।

चौथे वर्ष में छात्र और प्रथम वर्ष का नहीं हुआ एग्जाम

प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने आरोप लगाए कि CBI जांच की आड़ में प्रदेश सरकार उनके भविष्य को अंधकार में धकेल रही है। जो छात्र-छात्राएं चौथे वर्ष में अध्ययनरत हैं। अब तक उनके प्रथम वर्ष की परीक्षा नहीं हुई है। ऐसे में उनकी डिग्री अधर में फंसी नजर आ रही है। क्योंकि अब तक प्रथम वर्ष का परीक्षा शेड्यूल जारी नहीं होने से उन्हें अपना एक और साल खराब होता नजर आ रहा है।

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ऑटो चालक और मजदूरों के बच्चे, भर चुके 5 लाख फीस 

प्रदर्शन कर रहे छात्र अभिषेक रैकवार ने बताया कि वह अब तक 5 लाख रुपए फीस भर चुके हैं और उनके पिता ऑटो चालक हैं। उनके परिवार ने 4 साल तक तो धैर्य रखा पर अब उनकी डिग्री पूरी नहीं होने से उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो रहा है। ऐसी स्थिति केवल अभिषेक की ही नहीं है, इस विश्वविद्यालय में ऐसे अनेक छात्र-छात्राएं हैं जिनके अभिभावक मजदूरी, चौकीदारी या किसानी करते हैं। ऐसे में अपने परिवार की स्थिती सुधारने का सपना भी इन विद्यार्थियों को अब धुंधला नजर आ रहा है।

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क्या है फर्जी नर्सिंग कॉलेज मामला

कोरोनाकाल के तीन साल में अवसर का लाभ उठाते हुए प्रदेश में जमकर नर्सिंग कॉलेज खुले। इस दौरान बीएससी और एमएससी नर्सिंग के 322 नए कॉलेज खुले। फर्जी फैकल्टी और बिना इन्फ्रास्ट्रक्चर के नर्सिंग कॉलेज संचालित होने लगे। इन कॉलेजों इस साल भी खूब एडमिशन हुए हैं। जब नर्सिंग कॉलेजों का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ, तो वर्ष 2019 से 2022 तक खुले नर्सिंग कॉलेजों में सबसे ज्यादा गड़बडियां सामने आई हैं। अब इनमें हुए फर्जीवाड़े की जांच चल रही है। फर्जी नर्सिंग कॉलेज के चक्कर में 2020-21 से नर्सिंग कॉलेज की परीक्षाएं नहीं हो पा रही हैं। जिसके चलते पिछले 3 साल से प्रदेशभर के सैकड़ों नर्सिंग कॉलेज के हजारों छात्र परीक्षाएं नहीं दे पा रहे हैं। इसी बात को लेकर मध्य प्रदेश के हजारों नर्सिंग छात्रों का भविष्य अंधकार में अटका हुआ है। इसी को लेकर बार-बार विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिल रहा है। मामला हाईकोर्ट में अटका हुआ है। लिहाजा इन कॉलेजों की परीक्षा नहीं हो पा रही है। हालांकि, इस मामले में निर्णय आने के बाद विश्वविद्यालय ने जांच में सही पाए गए 169 नर्सिंग कॉलेजों की परीक्षा कराने का निर्णय लिया है, जिसका टाइम टेबल जल्द ही जारी होने वाला है।

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