NEW DELHI. स्टार रेसलर बजंरग पूनिया (Bajrang Punia) और रवि दहिया ( Ravi Dahiya ) को बड़ा झटका लगा है। पूनिया पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics) क्वालिफायर्स के लिए आयोजित नेशनल सेलेक्शन ट्रायल्स ( National Selection Trials) में चित हो गए। टोक्यो ओलंपिक ( 2020 ) के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट बजरंग को रोहित कुमार ने 65 किलोग्राम फ्रीस्टाइल भारवर्ग के सेमीफाइनल में हराया। सेमीफाइनल में रोहित ने पूनिया को 9-1 से पराजित किया। अब फाइनल में रोहित की टक्कर सुजीत से होनी है।
टोक्यो ओलंपिक के सिल्वर मेडलिस्ट रवि दहिया भी हारे
उधर, टोक्यो ओलंपिक के सिल्वर मेडलिस्ट रवि दहिया को भी हार का सामना करना पड़ा है। रवि को 57 किग्रा फ्रीस्टाइल भारवर्ग में उदित ने 10-8 से हराया। ट्रायल्स जीतने वाले खिलाड़ियों को पेरिस ओलंपिक क्वालिफायर्स में भाग लेने का मौका मिलेगा। कुल मिलाकर अब रवि दहिया और बजरंग पूनिया पेरिस ओलंपिक में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। ट्रायल्स का आयोजन सोनीपत के स्पोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (SAI) एकेडमी में हुआ।
बजरंग को बिना ट्रायल के भेजा गया था एशियन गेम्स
बजरंग पुनिया को पिछले साल हांगझोउ एशियन गेम्स के सेमीफाइनल मैच में हार मिली थी। यही नहीं कांस्य पदक मुकाबले में भी बजरंग को जापानी पहलवान के. यामागुची ने 10-0 से हरा दिया था। उनकी हार के बाद सोशल मीडिया पर कई लोग बुरी तरह भड़क उठे थे, क्योंकि एशियन गेम्स में भाग लेने से पहले पूनिया ने किसी प्रतिस्पर्धा में हिस्सा नहीं लिया था। उन्हें ट्रायल के बिना इन खेलों के लिए भारतीय दल में शामिल करने की भी आलोचना हुई थी।
ये खबर भी पढ़ें...गैंगस्टर बनेगा दूल्हा और पुलिस बाराती, लेडी डॉन से होगी शादी
WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ किया था विरोध प्रदर्शन
बजरंग पूनिया डब्ल्यूएफआई ( भारतीय कुश्ती महासंघ ) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने और धरने पर बैठने वाले पहलवानों में शामिल थे। बजरंग पूनिया ने पिछले दिनों यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) को पत्र लिखकर WFI के खिलाफ एक्शन लेने की गुजारिश की थी। हालांकि, इसके कुछ दिनों बाद ही UWW ने डब्ल्यूएफआई पर लगा बैन हटा दिया था।
ये खबर भी पढ़ें...युवा संगीतकार Shrikar का Shiv Tadav Strota fusion खूब सुना जा रहा
टोक्यो ओलिपंक में जीता था ब्रॉन्ज मेडल
बजरंग पूनिया ने 2019 में कजाखिस्तान के नूर सुल्तान में आयोजित विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचकर पहली बार ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था। उस चैंपिनशिप में बजरंग ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। यह विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में उनका तीसरा मेडल रहा। टोक्यो ओलंपिक 2020 में बजरंग से वैसे तो गोल्ड मेडल की आस थी, लेकिन उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा। 65 किलो भारवर्ग में ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में बजरंग पूनिया ने कजाखस्तान के पहलवान दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से हराया था।
बजरंग ने पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स में जीता था गोल्ड
बजरंग पूनिया ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन करते हुए भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था। पुरुषों की फ्रीस्टाइल 65 किलो भारवर्ग के फाइनल में बजरंग पूनिया ने कनाडा के एल. मैकलीन को 9-2 मात दी थी। बजरंग पूनिया का यह कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार दूसरा गोल्ड एवं ओवरऑल तीसरा मेडल था।