/sootr/media/media_files/2025/08/22/sog-jaipur-2025-08-22-17-44-36.jpg)
Photograph: (the sootr)
राजस्थान में हाल ही में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें दिव्यांग सर्टिफिकेट का फर्जी इस्तेमाल कर सरकारी नौकरी पाने वालों की पहचान की गई है। एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) ने जांच के बाद 29 कर्मचारियों का मेडिकल करवाया, जिनमें से 24 कर्मचारी अयोग्य पाए गए। केवल 5 कर्मचारियों के दिव्यांग सर्टिफिकेट सही पाए गए। इस मामले में अब तक 100 से अधिक आरोपियों की पहचान की जा चुकी है, जिन्होंने फर्जी विकलांगता प्रमाण-पत्र के जरिए सरकारी नौकरी हासिल की थी।
एसओजी का खुलासा : राजस्थान के 123 शिक्षकों ने फर्जीवाड़ा कर नौकरी हासिल की, केस दर्ज
फर्जीवाड़े का बड़ा नेटवर्क
एसओजी के अधिकारी वीके सिंह ने इस मामले में खुलासा करते हुए बताया कि यह एक बड़ा नेटवर्क है, जो कई स्तरों पर धोखाधड़ी कर रहा है। उन्होंने कहा कि इन फर्जी सर्टिफिकेट्स को बनाने में सिस्टम के भीतर बैठे लोगों की भूमिका भी संदेहास्पद है। इसके अलावा, यह भी सवाल उठता है कि मेडिकल बोर्ड ने सही तरीके से सत्यापन क्यों नहीं किया, जिससे यह घोटाला आसानी से फल-फूल सका।
एसआई भर्ती 2021: याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया-सरकार ने एसओजी को भर्ती रद्द करवाने के लिए कहा था
जोधपुर में प्रमाण-पत्र का फर्जी इस्तेमाल
इस मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें जोधपुर (Jodhpur) के अशोक राम नामक आरोपी ने मेडिकल बोर्ड के सामने अपनी जगह एक असली बधिर दिव्यांग व्यक्ति को भेज दिया था। जब यह मामला सामने आया, तो उस व्यक्ति को पकड़ा गया, लेकिन अशोक राम अब भी फरार है। गांधी नगर पुलिस ने इस मामले में श्रवण दास नामक आरोपी को गिरफ्तार किया है।
राजस्थान हाई कोर्ट में एसओजी द्वारा एसआई भर्ती परीक्षा रद्द करने की सिफारिश पर बड़ा सवाल
राजस्थान में पेपर लीक के मामले में एसओजी की कार्रवाई, 9 साल पुराने मामले में आरोपी को किया गिरफ्तार
एसओजी की जांच और आगे की कार्रवाई
अब तक 43 मामलों की जांच की जा चुकी है, जिसमें से 37 प्रमाण-पत्र फर्जी पाए गए हैं। एसओजी ने विभागीय स्तर पर भी कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन कई आरोपी फरार हो चुके हैं और गिरफ्तारी से बचने के लिए वे छुपे हुए हैं। एसओजी अब पिछले पांच साल का रिकॉर्ड खंगाल रही है और जैसे-जैसे शिकायतों का सत्यापन होगा, आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारियां की जाएंगी।
एसओजी ने फर्जीवाड़े में देवर-भाभी को किया गिरफ्तार, कांस्टेबल बहन की तलाश
महत्वपूर्ण तथ्य
फर्जी सर्टिफिकेट : सरकारी नौकरी के लिए फर्जी दिव्यांगता प्रमाण-पत्र का इस्तेमाल।
एसओजी : स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप द्वारा फर्जीवाड़े का खुलासा।
अशोक राम : एक आरोपी, जिसने असली दिव्यांग को भेजा था।
मेडिकल बोर्ड : जांच में अनियमितताएं और गलत सत्यापन।
एफआईआर : पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया।
FAQ
- thesootr links
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
- जॉब्स और एजुकेशन की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- निशुल्क वैवाहिक विज्ञापन और क्लासिफाइड देखने के लिए क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧