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Photograph: (the sootr)
भारतीय रेल देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था है, लेकिन यह अपनी व्यवस्थाओं को लेकर हमेशा चर्चाओं में रहती है। रेलवे से यात्रा करने वाले यात्री इसकी गंदगी और पानी की समस्या से सबसे अधिक परेशान है।
बीते पांच सालों में एक लाख से अधिक रेल यात्रियों ने कोच के टाॅयलेट और वाॅसबेसिन में गंदगी और पानी नहीं होने की शिकायतें दर्ज करवाई है। इस बात का खुलासा मानसून सत्र में संसद के दोनों सदनों में प्रस्तुत की गई कैग रिपोर्ट में हुआ है।
नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (CAG) की हालिया रिपोर्ट ने रेलवे की साफ-सफाई व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। साथ ही रेल मंत्रालय व केंद्र सरकार को इसमें सुधार के सुझाव दिए है।
रेलवे में शिकायतों का आंकड़ा
CAG रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच वर्षों में इंडियन रेलवे को टॉयलेट और वॉशबेसिन की साफ-सफाई से जुड़ी 1,00,280 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से 33.84% शिकायतों का निपटारा करने में उम्मीद से ज्यादा समय लग गया।
शिकायतें बढ़ने का कारण
बायोटॉयलेट्स (Bio-toilets) की सफाई में लापरवाही
लंबी दूरी की ट्रेनों में पानी की कमी
सफाईकर्मियों के प्रति असंतोष
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सफाईकर्मियों से संतुष्ट नहीं यात्री
रिपोर्ट में पाया गया कि बड़ी संख्या में यात्री ट्रेन के सफाईकर्मियों (Cleaning Staff) से असंतुष्ट थे। यात्रियों का कहना है कि कई बार शिकायत दर्ज करने के बावजूद समय पर कार्रवाई नहीं होती। कई बार यात्रियों के साथ सफाईकर्मियों का व्यवहार भी ठीक नहीं होता है।
बायोटॉयलेट्स की सफाई पर सर्वेक्षण
CAG ने 96 लंबी दूरी की ट्रेनों में बायोटॉयलेट्स की सफाई पर सर्वे किया। इसमें 2,426 यात्रियों से राय ली गई।
पांच रेलवे जोन के 50% यात्री संतुष्ट पाए गए।
वहीं, दो जोन में सिर्फ 10% यात्रियों ने सफाई को अच्छा बताया।
पानी की कमी: यात्रियों की बड़ी समस्या
रिपोर्ट में बताया गया है कि यात्रियों को ट्रेनों में पानी की किल्लत (Water Shortage) से जूझना पड़ रहा है।
2022-23 के दौरान 1,00,280 शिकायतें पानी की अनुपलब्धता को लेकर दर्ज हुईं।
तय स्टेशनों पर ट्रेनों में समय पर पानी नहीं भरा गया।
कई जगह फंड की कमी और ठेकेदारों की लापरवाही भी सामने आई।
CAG रिपोर्ट: यात्री शिकायतों का सारांश
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क्विक वॉटरिंग अरेंजमेंट (QWA) भी फेल
समस्या को हल करने के लिए रेलवे ने 2017 में QWA व्यवस्था शुरू की। इसका उद्देश्य था कि ट्रेनें स्टेशनों पर जल्दी पानी भर सकें।
लेकिन CAG ऑडिट में पाया गया कि 109 स्टेशनों में से 28 स्टेशनों पर पानी भरने में देरी हो रही थी। 81 स्टेशनों पर ही यह व्यवस्था ठीक काम करती पाई गई।
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OBH सर्विस के संतोषजनक आंकडे़
रेलवे की ओबीएच सर्विस को लेकर रेल यात्रियों ने कुछ संतोषजनक रिसपोंस दिया है। ऑन-बोर्ड हाउसकीपिंग सर्विस (OBHS) को लेकर 54 से 84 प्रतिशत लोगों ने सर्विस को संतोषजनक बताया। इस सुविधा को सबसे अच्छा रिसपोंस उत्तर रेलवे व उत्तर मध्य रेलवे के पैसेंजर्स ने दिया। यहां 95 प्रतिशत यात्रियों ने इसे संतोष जनक बताया। ताजा ऑडिट रिपोर्ट में पश्चिमी रेलवे को भी अच्छे रिसपोंस मिले है।
रेलवे को और सख्त कदम उठाने की जरूरत
भारतीय रेलवे देश की रीढ़ है लेकिन स्वच्छता और पानी की कमी जैसी समस्याएँ यात्री अनुभव को बिगाड़ती हैं। CAG रेलवे रिपोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि सफाई और पानी की उपलब्धता पर रेलवे को और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। OBHS और QWA जैसी व्यवस्थाओं से सुधार की उम्मीद है, लेकिन ज़रूरी है कि इनका सही ढंग से संचालन हो।
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CAG रिपोर्ट क्या होती है
CAG रिपोर्ट, जिसे नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General) (CAG) की रिपोर्ट भी कहा जाता है। यह एक आधिकारिक दस्तावेज है जो सरकार के वित्तीय लेनदेन, खर्चों, राजस्व और नीतियों के कार्यान्वयन की जांच के बाद तैयार किया जाता है। यह रिपोर्ट संसद और विधानसभाओं में पेश की जाती है, और इसका मुख्य उद्देश्य सरकार के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
CAG रिपोर्ट में क्या होता है?
वित्तीय ऑडिट: CAG सरकार के खातों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के खातों का ऑडिट करता है, यह सुनिश्चित करता है कि वित्तीय लेनदेन नियमों और विनियमों के अनुसार किए गए हैं।
अनुपालन ऑडिट: CAG यह भी जांचता है कि सरकार की नीतियां और योजनाएं सही तरीके से लागू की जा रही हैं या नहीं।
प्रदर्शन ऑडिट: CAG सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रभाव का मूल्यांकन करता है, यह देखता है कि वे अपने उद्देश्यों को कितनी प्रभावी ढंग से प्राप्त कर रहे हैं।
वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा: यदि CAG को किसी भी तरह की वित्तीय अनियमितताएं या भ्रष्टाचार का पता चलता है, तो उसे अपनी रिपोर्ट में उजागर करता है।
सुधार के लिए सिफारिशें: CAG अपनी रिपोर्ट में सरकार को वित्तीय प्रबंधन और शासन में सुधार के लिए सिफारिशें भी देता है।
CAG रिपोर्ट का क्या है मतलब?
जवाबदेही सुनिश्चित करना: CAG रिपोर्ट सरकारों को उनके वित्तीय लेनदेन और नीतियों के लिए जवाबदेह ठहराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को उजागर करना: CAG रिपोर्ट भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं को उजागर करने में मदद करती है, जिससे सरकार को आवश्यक कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
सुशासन को बढ़ावा देना: CAG रिपोर्ट सरकार को अपने कामकाज में सुधार करने और अधिक प्रभावी ढंग से काम करने के लिए प्रेरित करती है।
जनता को जानकारी प्रदान करना: CAG रिपोर्ट जनता को सरकार के कामकाज और वित्तीय स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करती है, जिससे उन्हें सरकार के बारे में सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है।
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