बिहार SIR पर सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग को निर्देश, आधार कार्ड को वैध दस्तावेज माना जाए

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार की वोटर लिस्ट रिवीजन (SIR) में आधार कार्ड को वैध दस्तावेज के रूप में शामिल करने का आदेश दिया है। यह आदेश राजनीतिक दलों के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि कोर्ट ने उन्हें वोटर लिस्ट सुधार में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए कहा है। 

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (thesootr)

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सुप्रीम कोर्ट ने बिहार SIR केस को लेकर एक महत्वपूर्ण आदेश दिया है। इस आदेश के तहत चुनाव आयोग को निर्देश दिया गया है कि वह वोटर लिस्ट में आधार कार्ड (Aadhaar card) को एक वैध दस्तावेज के रूप में शामिल करे। 

अब तक, चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट में सुधार के लिए 11 दस्तावेजों को शामिल किया था, लेकिन आधार कार्ड को शामिल नहीं किया गया था। इसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया कि आधार कार्ड को अब एक जरूरी दस्तावेज माना जाएगा, जिससे नागरिकों को अपनी पहचान प्रमाणित करने में मदद मिलेगी।

राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी

सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को वोटर लिस्ट सुधार प्रक्रिया में एक सक्रिय भूमिका निभाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह हैरान करने वाला है कि इतने बड़े पैमाने पर BLA (Booth Level Agents) होने के बावजूद बहुत कम आपत्तियां दर्ज की गई हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर राजनीतिक दल अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से निभाते तो स्थिति बेहतर हो सकती थी।

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65 लाख नाम वोटर लिस्ट से हटाए

वोटर लिस्ट में सुधार के दौरान चुनाव आयोग ने 65 लाख लोगों के नाम हटा दिए थे। इन लोगों की सूची को अब राजनीतिक दलों के लिए उपलब्ध कराया गया है, ताकि वे इसकी जांच कर सकें और कोई भी दावा या आपत्ति दर्ज कर सकें। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर भारी संख्या में प्रतिक्रिया आती है तो डेडलाइन बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।

ऑनलाइन आवेदन की सुविधा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिहार आने की कोई जरूरत नहीं है, लोग ऑनलाइन भी अपने नाम जुड़वाने या सुधार करवाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह फैसला खास तौर पर उन नागरिकों के लिए है जो किसी कारणवश शारीरिक रूप से आवेदन नहीं कर सकते हैं।

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चुनाव आयोग का पक्ष

चुनाव आयोग के वकील राकेश द्विवेदी ने कोर्ट को बताया कि 65 लाख लोगों में से 22 लाख मृत पाए गए हैं और 8 लाख डुप्लिकेट हैं। उन्होंने कहा कि अगर लोग खुद सामने आते हैं तो उनके दावों की जांच की जाएगी। हालांकि याचिकाकर्ताओं ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि जमीनी स्तर पर कोई प्रभावी काम नहीं किया जा रहा है और आयोग खुद ही समस्याएँ उत्पन्न कर रहा है।

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कोर्ट की सख्त टिप्पणियां

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि राजनीतिक दलों को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और वोटर लिस्ट सुधार में सक्रिय रूप से मदद करनी चाहिए। साथ ही, कोर्ट ने यह भी कहा कि वह इस मामले की निरंतर निगरानी करेगा और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पर कार्रवाई करेगा।

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