अजब MP का गजब मामला: प्रिंसिपल ने अपनी ही बेटी को नियुक्त किया अतिथि शिक्षक, बिना स्कूल गए मिलता रहा वेतन

पन्ना जिले से एक अजब-गजब मामला सामने आया है, जहां सरकारी स्कूल में एक प्रिंसिपल ने अपनी बेटी को अतिथि शिक्षक नियुक्त कर दिया। प्रिंसिपल की बेटी पर सालभर बिना स्कूल गए ही वेतन लेने का आरोप है।

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Sourabh Bhatnagar
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वाह प्रिंसिपल साहब वाह!
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एक तरफ मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षकों का नियमितिकरण ( Regularization ) का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ राज्य के पन्ना जिले से एक अजब-गजब मामला सामने आया है, जहां सरकारी स्कूल में एक संकुल प्राचार्य ने अपनी बेटी को अतिथि शिक्षक नियुक्त कर दिया। संकुल प्राचार्य की बेटी पर सालभर बिना स्कूल गए ही वेतन लेने का आरोप है। आरोप है कि इस दौरान अतिथि शिक्षिका की हाजिरी भी बराबर लगती रही। मामले की जानकारी होने पर अब अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं।

क्या है मामला

दरअसल, मामला पन्ना जिले के रैपुरा के बगरौड़ संकुल की प्राथमिक शाला डोभा में संकुल प्राचार्य की बेटी को अतिथि शिक्षक नियुक्त किए जाने से जुड़ा है। सत्र 2023-24 में इस प्राथमिक शाला में अतिथि शिक्षक की नियुक्ति निकाली गई थी। स्कूल में आकांक्षा अहिरवार नामक महिला की नियुक्ति बतौर अतिथि शिक्षक की गई। अब आरोप है कि प्रिंसिपल ने अपनी बेटी को ही अतिथि शिक्षक नियुक्त कर दिया, जो सालभर तक बिना स्कूल गए ही वेतन लेती रहीं। यह भी आरोप है कि दौरान अतिथि शिक्षिका की हाजिरी भी बराबर लगती रही। इस मामले में गांव वालों ने मीडिया को बताया कि पिछले एक साल से सिर्फ एक ही शिक्षक स्कूल आ रहे हैं। 

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स्कूल के प्रधान अध्यापक ने क्या कहा

इस मामले में स्कूल में पदस्थ प्रधान अध्यापक मोहन बंजारा ने कहा कि स्कूल में सत्र 2023-24 में एक अतिथि शिक्षिका की नियुक्ति हुई थी, लेकिन वह सिर्फ 3 से 4 दिन ही स्कूल आई थीं। उन्होंने बताया कि कक्षा एक से पांचवीं तक की कक्षाओं को वह खुद ही संभालते आ रहे हैं। उनका कहना है कि अगर कोई मीटिंग या प्रशिक्षण कार्य आ जाता है, तो उस दौरान स्कूल में कोई नहीं रहता है। उन्होंने कहा कि इस बारे में संकुल प्राचार्य को भी जानकारी दी गई थी।

बिना स्कूल गए ही वेतन लेने का आरोप

अतिथि शिक्षिका आकांक्षा पर आरोप लगाया गया है कि उन्हें बिना स्कूल गए ही वेतन मिला रहा था। अतिथि शिक्षकों के पोर्टल में उनकी हाजिरी भी 100% दर्ज है। वहीं, इस दौरान उन्हें हर माह दस हजार रुपए मानदेय भी सरकार की तरफ से दिया गया।

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जिम्मेदारों का क्या कहना है 

बगरौड स्थित स्कूल के प्राचार्य रामप्रसाद अहिरवार का कहना है कि अतिथि शिक्षिका आकांक्षा पूरे सत्र में स्कूल गई हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए ही उन्हें वेतन भी दिया गया है। वहीं, मामले में जिला पंचायत सीईओ ने मामले की जांच कराने की बात कही है। उन्होंने कहा कि जांच में गड़बड़ी मिली पाई गई तो कड़ी कार्रवाई करेंगे।

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